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Narmada Parikrama: अटूट आस्था… नेत्रहीन व्यक्ति द्वारा पहली बार की जा रही माँ नर्मदा की संपूर्ण परिक्रमा, पूरा कर रहे संकल्प

Narmada Parikrama: Unbreakable faith… Complete parikrama of Maa Narmada being done for the first time by a blind person, fulfilling resolutions

Narmada Parikrama: अटूट आस्था... नेत्रहीन व्यक्ति द्वारा पहली बार की जा रही माँ नर्मदा की संपूर्ण परिक्रमा, पूरा कर रहे संकल्प

▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़

Narmada Parikrama: हमारी हिन्दू धर्म और संस्कृति की पवित्र नदियों गंगा, नर्मदा, ताप्ती आदि नदियों की परिक्रमा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सामान्य भक्त प्रायः हर साल ही परिक्रमा यात्रा करते हैं, लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि इन दिनों एक नेत्रहीन भक्त के द्वारा माँ नर्मदा की परिक्रमा की जा रही है। माना जा रहा है कि प्रथम बार किसी नेत्रहीन के द्वारा माँ नर्मदा की परिक्रमा की जा रही है।

ग्राम खेड़ी सांवलीगढ़ निवासी धनराज पाल ने बताया वे अपने रिश्तेदार नेत्रहीन नीलेश धनगर के साथ ही थे। उन्होंने बताया कि नीलेश उनके भाई है, जो इंदौर में रहते हैं। नेत्रहीन रहते हुए भी उन्होंने इंदौर के ब्लाइंड स्कूल से ग्रेजुएशन किया है।इनके परिवार की सामान्य स्थिति है। वहीं नेत्रहीन नीलेश की माँ नर्मदा में अटूट आस्था है। उन्होंने संकल्प लिया था कि वे माँ नर्मदा की संपूर्ण परिक्रमा करेंगे।

इन दिनों से अपने इसी संकल्प को पूरा कर रहे हैं। उनके इस साहस की धनगर समाज ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। नेत्रहीन नीलेश ने माँ नर्मदा के तट बुधनी घाट से अपनी परिक्रमा यात्रा की शुरुवात की। खेड़ी सांवलीगढ़ के धनराज पाल ने बताया कि धनगर समाज और रास्ते में पड़ने वाले हर गांव में नीलेश का सम्मान और स्वल्पाहार ग्रामीणों के द्वारा लगातार किया जा रहा है।(Narmada Parikrama)

धनराज पाल ने बताया कि परिक्रमा यात्रा हंडिया घाट और नयापुरा जोगा होते हुए निरन्तर आगे बढ़ रही है। इस तरह कोई नेत्रहीन पहली बार नर्मदा परिक्रमा कर रहा है। यह सभी के लिए कौतूहल का विषय बना है।

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