MP ESB Exam : ईएसबी की दो शिफ्टों की परीक्षा में एक जैसा प्रश्न, एक ही अर्थ, फिर भी मूल्यांकन गलत, अभ्यर्थियों का नुकसान

MP ESB Exam : मप्र कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2023 (Higher Secondary Teacher Selection Exam 2023) में परीक्षार्थियों ने उनके साथ हुए गलत मूल्यांकन का पता लगाया है। वैसे तो ईएसबी की हर भर्ती परीक्षा किसी न किसी कारण से विवादों में रहती है किन्तु इस बार ईएसबी की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

यह लापरवाही खुद ईएसबी के द्वारा जारी की गई फाइनल उत्तर कुंजी के द्वारा पकड़ आई है। ईएसबी की इस लापरवाही के कारण कई अभ्यर्थी अपात्र हो गए है। पूरा मामला बायोलॉजी विषय में निरस्त किए गए एक प्रश्न से जुड़ा है जिसको लेकर अभ्यर्थी अब परीक्षा परिणाम में संशोधन की मांग करने लगे हैं।

यह है पूरा मामला

उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2023 में बायोलॉजी विषय की शिफ्ट-1 में प्रश्न पारा प्रदूषण के कारण ….. होती है- का सही उत्तर मिनामाता रोग को माना गया। जबकि शिफ्ट-2 में प्रश्न मिनामाता रोग किसके विषैले प्रभाव के कारण होता है… का सही उत्तर पारा न मानते हुए प्रश्न को निरस्त कर दिया गया है। ईएसबी द्वारा इसका कारण हिंदी अनुवाद में त्रुटि बताया गया है।

ईएसबी द्वारा अंतिम कुंजी के अनुसार शिफ्ट-1 में मिनामाता रोग सही है किन्तु इसी परीक्षा की शिफ्ट-2 में मिनामाता रोग गलत अनुवाद (सही अनुवाद मिनीमाता) मानकर प्रश्न निरस्त कर दिया है।

MP ESB Exam : ईएसबी की दो शिफ्टों की परीक्षा में एक जैसा प्रश्न, एक ही अर्थ, फिर भी मूल्यांकन गलत, अभ्यर्थियों का नुकसान
MP ESB Exam : ईएसबी की दो शिफ्टों की परीक्षा में एक जैसा प्रश्न, एक ही अर्थ, फिर भी मूल्यांकन गलत, अभ्यर्थियों का नुकसान

इस तरह से शिफ्ट-2 के परीक्षार्थियों को एक प्रश्न की हानि हुई परन्तु वहीं इसी प्रश्न का लाभ शिफ्ट-1 के परीक्षार्थियों को मिला है। ईएसबी के इस भेदभाव पूर्ण मूल्यांकन के कारण शिफ्ट-2 के कई परीक्षार्थी दशमलव में अंक होने के कारण अपात्र हो गए है।

MP ESB Exam : ईएसबी की दो शिफ्टों की परीक्षा में एक जैसा प्रश्न, एक ही अर्थ, फिर भी मूल्यांकन गलत, अभ्यर्थियों का नुकसान
MP ESB Exam : ईएसबी की दो शिफ्टों की परीक्षा में एक जैसा प्रश्न, एक ही अर्थ, फिर भी मूल्यांकन गलत, अभ्यर्थियों का नुकसान

क्या चाहते हैं परीक्षार्थी

परीक्षार्थियों का कहना है कि ईएसबी द्वारा स्पष्ट रूप से गलत मूल्यांकन किया गया है। जब प्रश्न को शिफ्ट-1 में सही माना गया है तो शिफ्ट-2 में ऐसे ही प्रश्न को कैसे निरस्त किया जा सकता है? क्या अंतिम उत्तर कुंजी बनाने वाली कमेटी ने इस बात का ध्यान नहीं रखा कि प्रश्न दोनों शिफ्ट में पूछा गया है?

कमेटी का निर्णय दोनों शिफ्ट के लिए समान तरह से लागू होना चाहिए। यदि गलती ईएसबी की है तो इसका खामियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगते? अभ्यर्थियों की मांग है कि जब प्रश्न को शिफ्ट-1 में सही माना गया है तो इसे शिफ्ट-2 में भी सही मानकर संशोधित परीक्षा परिणाम जारी किया जाएं।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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