IRCTC ticket quota increased : खुशखबरी, आईआरसीटीसी ने बढ़ाया कोटा, अब हर महीने बुक करा सकेंगे इतने टिकट, लिमिट खत्म होने का टेंशन नहीं
IRCTC ticket quota increased : आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुक कराने और अधिक सफर करने वालों को अभी तक टिकट लिमिट की ज्यादा चिंता रहती थी। लिमिट कम होने और यह खत्म होने पर वे अपनी आईडी से टिकट बुक नहीं करवा पाते थे। भारतीय रेलवे ने अब लोगों की यह समस्या खत्म कर दी है। रेलवे ने सोमवार को ऑनलाइन टिकट बुक करने की लिमिट को बढ़ा दिया है। इससे इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) की वेबसाइट और ऐप के जरिए अधिक टिकट बुक कराए जा सकेंगे। अब ऑनलाइन पहले की तुलना में एक आईडी से ज्यादा टिकट बुक हो सकेंगी।
नई व्यवस्था के तहत IRCTC ने बुक कराई जाने वाली टिकटों की संख्या दोगुनी कर दी है। अब ऐसी यूजर आईडी जो आधार से लिंक नहीं है (User Id not linked with Aadhaar), उनसे बुकिंग करने वाले यूजर्स 6 की जगह 12 टिकट एक महीने में बुक कर पाएंगे। वहीं आधार से लिंक यूजर आईडी (User ID Linked with Aadhaar) इस्तेमाल करने वाले यूजर्स अब महीने में 12 की जगह 24 टिकट बुक कर सकेंगे। बुक किए जाने वाले टिकटों में से एक यात्री का आधार भी आईआरसीटीसी आईडी से वेरिफाई होना चाहिए।
इन यात्रियों को होगा इससे फायदा
रेलवे के इस नए फैसले से उन यात्रियों को फायदा मिलेगा जो रेल से अकसर सफर करते रहते हैं। पहले कम लिमिट के चलते यूजर्स ऐप या वेबसाइट से टिकट बुकिंग नहीं कर पाते थे। ऐसे में उन्हें या तो नई आईडी बनाना पड़ता था या फिर किसी और से टिकट बुक कराने मजबूर होना पड़ता था। लेकिन नई लिमिट आने के बाद IRCTC App या IRCTC वेबसाइट से आसानी से ज्यादा टिकट बुकिंग हो सकेगी।
ज्यादा रेल यात्री अपनी आईडी से टिकट बुकिंग कोटा खत्म होने के बाद रेल खिड़की से टिकट बुकिंग कराते थे। लेकिन अब आधार से लिंक आईडी से टिकट बुकिंग कोटे को 12 से बढ़ाकर 24 कर दिया गया है। यानी यात्री जब चाहें तब अब अपनी यूजर आईडी से टिकट बुक कर पाएंगे और उन्हें खिड़की पर या रेल एजेन्ट के चक्कर नहीं काटने होंगे।
पहले इन समस्याओं का करना पड़ता था सामना
टिकटों की काम संख्या तय होने से पहले कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। ट्रेनों में अधिक भीड़ रहने पर कंफर्म टिकट नहीं होने से कई बार एक टिकट कैंसिल करवा कर दूसरी ट्रेन में रिजर्वेशन कराना पड़ता था। इस चक्कर में ही कई बार लिमिट खत्म हो जाती थी। आखिर में स्थिति यह बनती थी कि पता चल रहा रिटर्न टिकट बुक कराने की गुंजाइश ही नहीं है। अब ऐसी नौबत नहीं आएगी।
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