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बड़ी कार्यवाही : 15 शिक्षक और 2 भृत्य सस्पेंड, 2 की सेवा समाप्त; प्राचार्य और 3 शिक्षकों के निलंबन का आयुक्त को भेजा प्रस्ताव

Major action: 15 teachers and 2 servants suspended, service of 2 terminated; Proposal sent to commissioner for suspension of principal and 3 teachers

बोर्ड परीक्षा में करवा रहे थे नकल, जिला स्तरीय उड़नदस्ते के पहुंचने पर हुआ खुलासा

• उत्तम मालवीय, बैतूल

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में साल भर बच्चों को पढ़ाने के बजाय सुनियोजित तरीके से नकल करवा कर बच्चों को पास करवाने की कोशिश की जा रही थी। शुक्र है कि जिला स्तरीय उड़नदस्ते के पहुंचने से पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया। इस मामले में कलेक्टर अमनबीर बैंस के निर्देश पर 15 शिक्षकों और 2 भृत्यों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है वहीं एक संविदा शाला शिक्षक और एक दैनिक वेतन भोगी भृत्य की सेवा समाप्त कर दी गई है। प्राचार्य और 3 शिक्षकों के निलंबन का प्रस्ताव आयुक्त को भेजा गया है।

शिक्षा विभाग के योजना अधिकारी सुबोध शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार 06 मार्च 2023 को आयोजित हायर सेकेण्डरी प्रमाण पत्र परीक्षा अंतर्गत भौतिक शास्त्र, अर्थशास्त्र एवं अन्य वैकल्पिक विषयों की परीक्षा के दौरान जिला स्तरीय उडनदस्ता दल द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला प्रभुढाना स्थित परीक्षा केन्द्र का निरीक्षण किया गया।

इस दौरान शिक्षकों एवं भृत्यों द्वारा नकल सामग्री बनाए जाने एवं परीक्षार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाया जाना पाया गया। प्रभुढाना स्कूल में दो शालाओं शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला प्रभुढाना एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला चुनालोहमा के परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं। इन्ही दोनों शालाओं के 5 शिक्षक एवं परीक्षा केन्द्र पर भृत्य का कार्य कर रहा एक भृत्य परीक्षा केन्द्र के 100 मीटर की परिधि में स्थित प्राथमिक शाला भवन के कक्ष में बैठकर प्रश्न पत्र में आए प्रश्नों के लिये नकल सामग्री तैयार करते हुए पाये गये।

उल्लेखनीय है कि 100 मीटर के दायरे में अनाधिकृत रूप से व्यक्तियों की उपस्थिति प्रतिबंधित है। साथ ही परीक्षा कार्य में उसी शाला के शिक्षक-शिक्षिकाओं को न तो पर्यवेक्षण कार्य सौंपा जाना है और न ही परीक्षाकाल में उपस्थित होना है। निरीक्षण दल द्वारा प्राथमिक शाला भवन के कक्ष में उपस्थित शिक्षक और शिक्षिकाओं के कथन प्राप्त किये गये। कक्ष में पाई गई पाठ्यपुस्तकें, विषय की गाईड, कागज कार्बन, जिन पर नकल बनाये जाने का कार्य किया जा रहा था तथा मोबाईल जब्त कर पंचनामा बनाया गया।

केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष की भी मिलीभगत

इस पूरे मामले में केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्ष की मिलीभगत भी स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्ष द्वारा मोबाईल फोन निर्धारित समय में पंचनामा बनाकर अलमारी में सील बन्द कर नहीं रखे गये थे। प्राथमिक शाला के कक्ष में पाये गये मोबाईल पर आज का ही प्रश्न पत्र स्केन प्रति में पाया गया। परीक्षा कार्य से जुड़े भृत्य, प्राथमिक शाला कक्ष एवं परीक्षा भवन के मध्य आते-जाते पाया गया। इससे साफ है कि कोई रोक टोक किसी पर बिलकुल नहीं थी।

कलेक्टर ने दिए कड़ी कार्यवाही के निर्देश

यह पूरा मामला सामने आने पर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस द्वारा कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इस पर 01 हाईस्कूल प्राचार्य, 02 उच्च माध्यमिक शिक्षक, 05 माध्यमिक शिक्षक, 10 प्राथमिक शिक्षक, 01 संशाशि एवं 03 भृत्य कुल 22 लोक सेवकोें को तत्काल प्रभाव से निलम्बित/सेवा समाप्त किये जाने के निर्देश सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को दिये गये। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से परीक्षा केन्द्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला प्रभुढाना के केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्ष सहित शासकीय हाईस्कूल चिखली (भीमपुर) के केन्द्राध्यक्ष को तत्काल हटाये जाने के निर्देश जारी किये जाने के साथ ही 01 विभागीय उच्च माध्यमिक शिक्षक को निलम्बित किये जाने के निर्देश दिये गये।

इन पर गिरी निलंबन और सेवा समाप्ति की गाज

इन निर्देशों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए 03 उच्चतर माध्यमिक शिक्षक एवं 01 प्राचार्य हाईस्कूल के निलम्बन के प्रस्ताव आयुक्त स्तर पर प्रेषित किये गये। सहायक आयुक्त आजाक विभाग द्वारा कलेक्टर श्री बैंस के माध्यम से 05 माध्यमिक शिक्षकों के निलम्बन के आदेश जारी करते हुए 10 प्राथमिक शिक्षक एवं 02 भृत्य को तत्काल प्रभाव से परीक्षा जैसे संवेदनशील कार्य में लापरवाही बरतने के कारण निलम्बन किये जाने के आदेश जारी किये गये। साथ ही 01 संविदा शाला शिक्षक एवं 01 दैनिक वेतन भोगी भृत्य की सेवाऐं समाप्त करने की कार्यवाही की गई।

शिक्षा व्यवस्था के जिले में हाल बेहाल

उल्लेखनीय है कि जिले में शिक्षा व्यवस्था के हाल बेहाल हैं। अधिकांश शिक्षक अपना मूल कार्य करने के बजाय पूरे साल भर केवल पुरानी पेंशन, वेतन और सुविधाएं बढ़ाने के लिए आंदोलन तथा धरना, प्रदर्शन करते और ज्ञापन सौंपने का ही काम करते नजर आते हैं। स्कूलों में जब भी कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि औचक निरीक्षण को पहुंचते हैं तो अधिकांश शिक्षक नदारद ही मिलते हैं।

यही शिक्षक अपनी नाकामी छिपाने और अच्छा रिजल्ट दिखाने फिर इस तरह के क्रियाकलापों में लिप्त होते हैं। इस मामले से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बोर्ड परीक्षा में यह हाल है तो लोकल परीक्षाएं किस तरह होती होंगी। इसमें विभाग के अधिकारी भी दोषी हैं क्योंकि सब कुछ पता होने के बावजूद ना वे खुद निरीक्षण करते हैं ना अन्य अधिकारियों से निरीक्षण करवा कर सख्त कार्यवाही करते हैं।

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