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जिला अस्पताल : औचक निरीक्षण में अपंग मिली व्यवस्थाएं, अब भी क्या होगा सुधार या इसी ढर्रे पर चलता रहेगा सिस्टम…?

Jila Asptal Betul

• उत्तम मालवीय, बैतूल 

बैतूल जिला अस्पताल प्रबंधन वैसे तो चाक चौबंद व्यवस्थाओं के दावें करते नहीं थकता। हालत यह थे कि लापरवाही से किसी की मौत हो जाए तो परिजनों पर ही ठीकरा फोड़ दिया जाता था। यदि मीडिया ने कोई गड़बड़ी सामने लाई तो बेवजह बदनाम करने के आरोप मढ़ दिए जाते थे। लेकिन, वास्तव में जिला अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं कितनी दुरुस्त हैं, इसकी पोल लंबे समय बाद हुए औचक निरीक्षण में बीती रात खुल गई। इस निरीक्षण में कुल मिलाकर अस्पताल की व्यवस्थाएं अपंग मिली हैं।

तेज तर्रार आईएएस अभिलाष मिश्रा के इस निरीक्षण के दौरान मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक निरीक्षण में कदम-कदम पर न केवल अव्यवस्थाएं नजर आईं बल्कि कई अनियमितताएं भी सामने आई हैं। आलम यह था कि श्री मिश्रा द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का जिला अस्पताल के मुखिया (सिविल सर्जन) जवाब दे पा रहे थे ना स्वास्थ्य विभाग के मुखिया (सीएमएचओ) के पास ही कोई जवाब थे।

दोनों अफसर अधिकांश सवालों पर गोलमोल जवाब देते नजर आए। यह संकेत भी इस दौरान मिले कि अधिकांश सिक्योरिटी गार्ड और सफाई कर्मचारियों का कागजों पर ड्यूटी करते हुए ही हर महीने भुगतान हो रहा है। बहरहाल, यह तो उजागर हो चुका है कि अस्पताल की व्यवस्थाएं कितनी चुस्त दुरुस्त हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या व्यवस्थाओं में कोई सुधार होगा या फिर अस्पताल इसी ढर्रे पर चलता रहेगा…?

गौरतलब है कि सीईओ श्री मिश्रा ने बीती रात अस्पताल कैम्पस में प्रवेश करते ही ट्रामा सेंटर के सामने एक मरीज के परिजन से बात कर इलाज एवं अस्पताल में व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इसके बाद प्रसूता वार्ड की तरफ रूख किया। यहां प्रसव कराने आई महिलाओं के परिजनों से बात कर जानकारी ली कि प्रसव या अन्य किसी कार्य के लिए अस्पताल स्टाफ द्वारा किसी प्रकार की राशि तो नहीं ली जा रही।

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इसके बाद सीईओ प्रसव वार्ड में नर्स ड्यूटी रूम पहुंचे। यहां ड्यूटी पर उपस्थित नर्सों से दवाइयों एवं प्रसव के समय उपयोग होने वाले आवश्यक उपकरणों की जानकारी मांगी। सीईओ द्वारा नर्सों से ड्यूटी रोस्टर मांगा गया, जिसे वे नहीं दे पाईं। इस पर उन्होंने सीएस को तलब किया। जब तक सीएस पहुंचते, तब तक सीईओ वार्ड नंबर 2 में पहुंच चुके थे।

यहां महिला प्रसाधन की तरफ आमने-सामने दो वार्ड हैं, जहां वाटर मशीन के पास साफ-सफाई नहीं होने के कारण गंदगी थी। उन्होंने सफाई वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों से साफ-सफाई की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यहां ऐसे ही गंदगी रहती है। सफाई कर्मचारी द्वारा समय पर सफाई नहीं की जाती। जिससे फर्श पर गिरे हुए पानी पर चलना पड़ता है और यही गंदगी वार्ड में पहुंचती है। अलबत्ता नर्स रूम जरूर चकाचक था। इस पर सीईओ ने वार्ड में भी इसी तरह की सफाई रखे जाने की हिदायत दी।

इस बीच सीएस भी पहुंच चुके थे। सीईओ ने सीएस से प्रसूता वार्ड में साफ-सफाई नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए तत्काल सफाई करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएस से ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ की जानकारी मांगी, लेकिन सीएस संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। जब उन्होंने स्टाफ ड्यूटी चार्ट देखा तो उस पर सही दिनांक नहीं लिखी पाई गई, जिस पर सीईओ ने तल्ख लहजे में सीएस से कहा कि आप अपने कर्तव्य का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। आपको अपने स्टाफ की ही पर्याप्त जानकारी नहीं है।

इसके लिए सीईओ द्वारा सीएमएचओ को तलब किया गया। सीएस से कॉल-ऑन-ड्यूटी की जानकारी मांगी गई, जिस पर वे यह जानकारी देने में भी वे असफल रहे। इस दौरान कॉल-ऑन-ड्यूटी डॉक्टर को बुलाया गया। कॉल-ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के आने पर उनसे प्रसूता महिलाओं एवं आपातकालीन स्थिति के बारे में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी ली, लेकिन वह भी संतोषप्रद जानकारी नहीं दे पाई। यहां सीईओ ने तल्ख लहजे में सीएस एवं स्टाफ से कहा कि यदि उनके परिजन यहां इलाज के लिए आए तो क्या वे भी उन्हें इसी तरह गंदगी में रखेंगे एवं रिस्पांस टाइम में देरी करेंगे। उन्होंने तत्काल ही व्यवस्थाओं में सुधार लाने के निर्देश दिए।

इसके पश्चात् सीईओ जिला अस्पताल की मेन बिल्डिंग के पोर्च में पहुंचे। यहां मुख्य द्वार पर एक ही सिक्योरिटी गार्ड होने पर उन्होंने सीएस से सिक्योरिटी गार्ड की संख्या एवं ड्यूटी के संबंध में जानकारी मांगी। सीएस यह जानकारी देने में भी असफल रहे। उन्होंने सीएस से कहा कि वे किस तरह से ड्यूटी कर रहे हैं कि उन्हें अस्पताल की सुरक्षा की चिंता नहीं। रात्रि में किसी आपातकालीन स्थिति में पर्याप्त सिक्योरिटी गार्ड नहीं होने क्या होगा।

उन्होंने ड्यूटी पर उपस्थित एक सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ की। गार्ड ने बताया कि इस समय तीन गार्ड ड्यूटी पर है, जिसमें से एक अंदर लिफ्ट ऑपरेट कर रहा है। इसी बीच सीएमएचओ भी पहुंच चुके थे। सीईओ ने सीएमएचओ से अस्पताल प्रबंधन के बारे में जानकारी मांगी, तो वे संतोषप्रद जानकारी नहीं दे पाए। सीएमएचओ को भी सफाई कर्मचारियों, सिक्योरिटी गार्ड एवं अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ही नहीं थी।

इस पर स्टूवर्ड को तलब किया गया। स्टूवर्ड ने बताया कि सफाई कर्मचारियों एवं सिक्योरिटी गार्ड का दो अलग-अलग कंपनियों का ठेका है। स्टूवर्ड के पास इस व्यवस्था के साथ ही मरीजों को होने वाले भोजन वितरण व्यवस्था की भी जिम्मेदारी है। जब सफाई कर्मचारियों एवं सिक्योरिटी गार्ड की जानकारी मांगी गई तो स्टूवर्ड ने बताया कि यहां 39 सफाई कर्मचारी हैं, जिसमें से प्रतिदिन 4-5 कर्मचारी अनुपस्थित रहते हैं एवं रात में 16 सिक्योरिटी गार्ड्स की ड्यूटी रहती है।

जब सीईओ ने इन कर्मचारियों की गिनती करवाई तो पांच सफाई कर्मचारी एवं तीन सिक्योरिटी गार्ड ही ड्यूटी पर मिले। इधर सूत्रों का कहना है कि इसके बावजूद भुगतान सभी का होता है। जाहिर है कि गहन जांच में इसमें भी बड़ा खेल सामने आ जाए। इधर सीईओ श्री मिश्रा ने सीएमएचओ को अस्पताल में व्यवस्थाएं ठीक नहीं पाए जाने पर सीएस को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए एवं अनुपस्थित सफाई कर्मचारियों एवं सिक्योरिटी गार्ड्स को भी बदलने की बात कही।

सीईओ ने जाते-जाते सभी को सख्त चेतावनी दी कि आने वाले समय में निरीक्षण के दौरान यदि अस्पताल प्रबंधन में खामियां मिलीं तो संबंधित के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इधर इस औचक निरीक्षण के बाद लोग यह कहते सुने गए कि इसी तरह किसी न किसी अफसर का निरीक्षण कम से कम सप्ताह में एक बार जरूर होना चाहिए। अस्पताल का ढर्रा तभी सुधरेगा और व्यवस्थाएं चाक चौबंद होंगी।

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