मनोरंजन अपडेट

Pathaan Movie Controversy : पठान फिल्म को लेकर बरसे पंडित प्रदीप मिश्रा, बोले- उन्होंने भगवा रंग ही क्यों पहनाया, नहीं देखना चाहिए ऐसी फिल्म

Pathaan Movie Controversy : पठान फिल्म को लेकर बरसे पंडित प्रदीप मिश्रा, बोले- उन्होंने भगवा रंग ही क्यों पहनाया, नहीं देखना चाहिए ऐसी फिल्म

Pathaan Movie Controversy : यदि भारत के कथाकार, कलाकार और नीतिकार सुधर जाएं तो मेरे राष्ट्र को सुधरने में देर नहीं लगेगी। कथाकार व्यास पीठ से जो उपदेश दें उस पर स्वयं अमल करें, नीतिकर मंच से जो वचन देते हैं उन्हें पूरे भी करें और कलाकार अच्छा पहनावा पहनाए और अच्छा दिखाएं तो मेरा भारत वाकई सुधर जाएगा। यह बात प्रख्यात कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने मध्यप्रदेश के बैतूल में किलेदार वेयरहाउस भोगीतेढ़ा में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।

इन दिनों बैतूल में पंडित प्रदीप मिश्रा जी की मां ताप्ती शिवपुराण कथा चल रही है। इसी दौरान शनिवार सुबह श्री मिश्रा जी ने पत्रकारों से भेंट कर चर्चा की। फिल्म पठान के विरोध को लेकर पंडित मिश्रा जी ने कहा कि विरोध का कारण उन्होंने खुद उत्पन्न किया। उन्होंने अभिनेत्री को भगवा रंग ही क्यों पहनाया। फिल्म में अभिनेत्री ने शायद कहा भी है कि यह रंग ठीक नहीं। यह रंग चुनकर आप यह दिखाना चाहते हो कि यह रंग ठीक नहीं, इससे दूर रहे। दूसरी ओर बेटियों को कम वस्त्र पहनाकर आप क्या दिखाना चाहते हो? इस तरह का चरित्र और आधा स्वरूप दिखाकर आप क्या प्रस्तुत करना चाहते हो? आप यह फिल्म भारत में दिखाने को बना रहे, लेकिन मेरे भारत की बेटियां इसे वस्त्र नहीं पहनती। यहां की बेटियों की शोभा पूरा परिधान और सोलह श्रृंगार है। उनको पता है कि मस्तक का पल्लू पूर्वजों का आशीर्वाद है। आप ऐसा दिखाकर उन्हें ऐसा बनाना चाहते हो। मेरा कहना है कि इस तरह की फिल्म देखना ही नहीं चाहिए। जब वे कश्मीर फाइल देखने नहीं गए तो हम पठान देखने क्यों जाएं? (Pathaan Movie Controversy )

हम किसी पार्टी के नहीं, केवल भोलेनाथ के भक्त

पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने आगे कहा कि हम किसी पार्टी के नहीं है बल्कि केवल भोलेनाथ के भक्त हैं, सनातनी हैं। हम जब भी बात करेंगे सनातन धर्म की करेंगे। व्यास पीठ किसी पार्टी की नहीं। आरएसएस और बजरंग दल की बात इसलिए कहते हैं क्योंकि यह कभी वोट मांगने नहीं आते, चुनाव नहीं लड़ते, लेकिन जब भी कोई विपदा और दुख की घड़ी आती है तो सहयोग के लिए सबसे पहले आते हैं।

धर्म गुरुओं को राजनीति में नहीं जाना चाहिए

पंडित मिश्रा जी ने धर्म गुरुओं के राजनीति में जाने को अनुचित बताते हुए कहा कि यह श्रेष्ठता नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्म गुरु का कार्य राजा को उचित सलाह देना है, स्वयं राजा बनना नहीं। हम देखते आए हैं कि पहले राजा के पास गुरु की गादी लगी होती थी। राजा के मार्ग से भटकने पर गुरु संभाल लेते थे। राजा के मार्ग से विचलित होने पर गुरु की जरूरत पड़ती थी। अब धर्म गुरु ही राजनीति में इंवॉल्व हो रहे हैं। मेरा मानना है कि राजा और गुरु के सिंहासन में अंतर जरूरी है। इसके अलावा जब आपकी वाणी में इतना बल है कि आपके कहने पर लोग भक्ति में लीन हो रहे, भजन कर रहे तो फिर भला राजनीति में जाने की जरूरत ही क्या है। (Pathaan Movie Controversy)

आनंदता से मनाएं अपने सभी त्योहार

पंडित मिश्रा जी ने आगे कहा कि सनातन धर्म के सभी त्योहार हमें पूरी आनंदता के साथ मनाने चाहिए। हां, इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि अपने त्योहार मनाते समय दूसरे को कष्ट न हो। हम तो सभी धर्मों को सम्मान देते हैं पर कोई हमें गुमराह करें तो उसके बहकावे में भी हम बिलकुल न आएं। पड़ोसी के कहने पर हम अपना घर तोड़े, यह मूर्खता है। बेहतर यही है कि दुनिया कुछ भी कहें, हम पहले अपना घर देखें ना कि बगैर विचार किए उसकी बात माने। मुझे बताया गया कि इस क्षेत्र में धर्मांतरण की घटनाएं बहुत होती हैं। राजा ठाकुर जी और उनके साथियों ने बताया कि ऐसी बहुत सी बहू-बेटियों को वे वापस सनातन धर्म में लाए और उनका मंगल विवाह कराया। हमारा कर्तव्य है कि सरकार यदि धर्मांतरण नहीं रोक पा रही तो हमारे सनातनी भाई इसे रोकने का प्रयास करते रहे। नीचे दिए गए वीडियो में देखें और सुनें पूरी पत्रकार वार्ता…

Related Articles

Back to top button