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thoroughbred cattle : यहां उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकी से तैयार हो रहे उत्तम नस्ल के गोवंश और भैंस

thoroughbred cattle : दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं कुलपति, मानद् विश्वविद्यालय, डॉ. धीर सिंह ने बताया कि भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल उत्तम नस्ल के गोवंश एवं भैंसों को तैयार करने की दिशा में उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कार्य कर रहा है।

thoroughbred cattle : नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 20वां दीक्षांत समारोह संस्थान के सभागार करनाल, हरियाणा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पदम भूषण डा. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) तथा महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं टास के अध्यक्ष ने दीक्षांत भाषण दिया।

दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं कुलपति, मानद् विश्वविद्यालय, डॉ. धीर सिंह ने बताया कि भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल उत्तम नस्ल के गोवंश एवं भैंसों को तैयार करने की दिशा में उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कार्य कर रहा है। (thoroughbred cattle)

thoroughbred cattle : यहां उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकी से तैयार हो रहे उत्तम नस्ल के गोवंश और भैंस
thoroughbred cattle : यहां उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकी से तैयार हो रहे उत्तम नस्ल के गोवंश और भैंस

उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए उन्हें नौकरी के बजाय उद्यमी बनने की सलाह दी। डॉ. सिंह ने कहा कि संस्थान मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हुए बी.टेक (डेरी प्रौद्योगिकी) की डिग्री के साथ-साथ 14 विषयों में स्नातकोत्तर तथा 14 ही विषयों में पीएचडी की डिग्रियाँ विद्यार्थियों को प्रदान करता है। (thoroughbred cattle)

डॉ. सिंह ने अपने संबोधन ने आगे कहा कि संस्थान ने अब तक 85 पेटेंट फाइल किए गए हैं जिसमें से उसे 49 प्रदान किए जा चुके हैं। संस्थान रोगों के नियंत्रण के माध्यम से प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहा है। डा. धीर सिंह ने यह भी बताया कि विगत वर्ष 100 से अधिक विद्यार्थियों को अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। (thoroughbred cattle)

डॉ. आर.एस.परोदा ने कहा कि आज भारत वैश्विक औसत दुग्ध उपलब्धता से काफी आगे निकल आया है और आज यहां प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्ध्ता 400 ग्राम से अधिक है। खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा का परिणाम है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से आज तक औसत जीवन आयु दोगुनी से अधिक हो गयी है। (thoroughbred cattle)

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