Betul Weather Effect : मूंग पर इल्लियों का प्रकोप, पत्तों को इल्लियां कर रही छलनी, कीटनाशक का भी असर नहीं

Betul Weather Effect : मूंग पर इल्लियों का प्रकोप, पत्तों को इल्लियां कर रही छलनी, कीटनाशक का भी असर नहीं

Betul Weather Effect : बार-बार बदल रहे मौसम का असर अब मूंग और उड़द की फसल पर दिखाई देने लगा है। फूल आने से पहले इल्ली ने फसल पर अटैक कर दिया। हालांकि यह एक सप्ताह पहले से ही दिखाई देने लगी थीं, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। किसानों की माने तो तीन तरह की इल्ली का प्रकोप इस समय देखा जा रहा है। यदि समय रहते दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया तो ये काफी नुकसान पहुंचा देंगी। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में यह असर खासा नजर आ रहा है।

बैतूल जिले के बरसाली गांव के किसान रमन बारपेटे ने बताया कि लगातार बादल छाने के कारण मूंग फसल में इल्लियां बढ़ती चली जा रही है जबकि हमारे द्वारा अलग-अलग दवाइयों के स्प्रे भी किए जा चुके हैं। ऐसे हालातों को देखते किसान अब चिंता में हैं। किसानों की माने तो मूंग को काफी तापमान होना बहुत ही आवश्यक है। इससे मूंग फसल सही रहेगी। यदि लगातार बादल रहते हैं तो फसल में अलग-अलग बीमारियों का प्रकोप इल्लियों व अन्य कीटों के कारण बढ़ता चला जाएगा। इधर जब किसान इन इल्लियों को मारने के लिए कीटनाशक भी डाल रहा है तो वह नहीं के बराबर काम कर रही है। यदि मौसम ठीक होगा तो ही यह इल्लियों की बीमारी मूंग फसल से दूर हटेगी।

ऐसा ही मौसम रहा तो उत्पादन पर भी असर पड़ेगा

किसानों की माने तो यदि इसी तरह और चार-पांच दिनों तक मौसम के यही हाल रहे तो मूंग की फसल में इल्लियां तो रहेंगी। वहीं इसके प्रकोप और भी अन्य बीमारियों का असर बढ़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि दवाइयों से इल्लियां तो मर जाती हैं, लेकिन पौधों में अंडे रह जाते हैं, उन्हीं से इल्लियां हो जाती हैं। किसानों को खेतों की सतत् निगरानी करनी चाहिए।

खासकर बादल छाए रहने की वजह से मूंग की फसल पर इल्लियों का प्रकोप बढ़ रहा है और फली छेदक नामक इल्ली पत्तों को खराब कर रही है। जिसके लिए नीम का तेल प्रोफेनो साइफर में 75 से 100 एमएल एक पंप में मिलाना चाहिए। हैवी दवाइयों पर नहीं जाना चाहिए। इधर, मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान ने एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी 3 से 4 दिन तक और आसमान पर बादल छाए रहेंगे, इस दौरान हल्की बारिश की संभावना है। ऐसे में बादल छाने से फसलों को और अधिक नुकसान होने की संभावना है।

दो दिन में तैयार हो जाती है मूंग की फसल (Betul Weather Effect)

कुछ समय से किसानों मूंग की फसल की तरफ रूझान बढ़ा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि यह फसल 60 दिन में तैयार हो जाती है। साथ ही इसमें अन्य सीजन की अपेक्षा ग्रीष्मकालीन सीजन में भरपूर उत्पादन मिलता है। इस फसल के लिए धूप फायदेमंद होती हैं, लेकिन यदि बादल रहते हैं तो इससे फसलों को काफी नुकसान होने की संभावना रहती है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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