8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। यह बात अलग है कि 10 महीने बीत जाने के बावजूद इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। यहां तक कि आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों के नाम भी तय नहीं हुए हैं। ऐसे में कर्मचारियों को यह जानने की उत्सुकता है कि अधिसूचना कब जारी होगी और फिटमेंट फैक्टर क्या होगा।
गौरतलब है कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस दिशा में काम तेजी से चल रहा है। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया था कि सरकार इस मामले पर गंभीरता से काम कर रही है और प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
राज्य सरकारों से भी जारी परामर्श
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना उपयुक्त समय पर जारी की जाएगी। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार इस विषय पर राज्य सरकारों से भी परामर्श कर रही है ताकि केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय बना रहे। माना जा रहा है कि आयोग के गठन से संबंधित आधिकारिक घोषणा जल्द की जा सकती है।

फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर सब कुछ
8वें वेतन आयोग में वेतन और पेंशन की गणना का सबसे अहम आधार फिटमेंट फैक्टर होगा। इसे एक प्रकार का गुणांक कहा जा सकता है, जिसके जरिए किसी कर्मचारी या पेंशनर का नया वेतन और पेंशन तय किया जाता है। इसे सरल भाषा में ऐसे समझा जा सकता है- नया वेतन=बेसिक वेतन x फिटमेंट फैक्टर। यही अनुपात तय करेगा कि कर्मचारियों को पुराने वेतन की तुलना में कितनी वृद्धि मिलेगी।
कैसे तय होगा फिटमेंट फैक्टर
वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) मिल रहा है, जो आने वाले महीनों में 60 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इस आधार पर शुरुआती फिटमेंट फैक्टर 1.60 रखा जा सकता है। इसके बाद इसमें 10 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि संभव है। यदि 1.60 पर 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है तो नया फैक्टर 1.92 हो जाएगा, जबकि 30 प्रतिशत की वृद्धि पर यह 2.08 तक पहुंच सकता है।

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अधिक फैक्टर पर ज्यादा वेतन
विशेषज्ञों के अनुसार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की सीमा 1.8 से 2.08 के बीच रहने की संभावना है। यह फैक्टर सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स के नए वेतन और पेंशन की गणना का मुख्य आधार बनेगा। जितना अधिक फैक्टर होगा, उतनी ही अधिक वेतन वृद्धि होगी। यही कारण है कि कर्मचारियों में फिटमेंट फैक्टर को लेकर सबसे अधिक उत्सुकता है।
एक्रोयड फॉर्मूला पर भी जारी विचार
सरकार इस बार वेतन निर्धारण के लिए एक्रोयड फॉर्मूला अपनाने पर विचार कर रही है। यह फॉर्मूला ब्रिटिश वैज्ञानिक डॉ. वॉलेस ऐक्रॉयड द्वारा तैयार किया गया था। इसके अनुसार किसी व्यक्ति के न्यूनतम जीवन-यापन की लागत के आधार पर वेतन तय किया जाता है। इसमें भोजन, कपड़े, आवास, परिवहन और अन्य जरूरी खर्चों को शामिल किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों का वेतन उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो।
7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन
7वें वेतन आयोग के अंतर्गत केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 18 हजार रुपये निर्धारित किया गया था। वहीं पेंशनर्स को न्यूनतम 9 हजार रुपये पेंशन दी जाती थी। इसके साथ कर्मचारियों और पेंशनर्स को 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए/डीआर) भी दिया जा रहा है। नए आयोग के लागू होने पर यह संरचना बदल सकती है।
8वें वेतन आयोग से बढ़ेगी उम्मीदें
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद उनके वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर यह वृद्धि काफी अधिक हो सकती है। इससे न केवल कर्मचारियों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी, बल्कि उनकी क्रय शक्ति भी बढ़ेगी। इसके साथ ही यह देश की आर्थिक गतिविधियों पर भी सकारात्मक असर डाल सकता है।
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