Ladki Bahin Yojana eKYC: मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर ही महाराष्ट्र में लाड़की बहिन योजना चलाई जा रही है। हाल ही में सरकार के एक आदेश ने वहां की लाड़ली बहनों को परेशानी में डाल दिया था। सरकार ने आदेश दिया था कि बिना ई-केवाईसी के हितग्राहियों को राशि नहीं दी जाएगी।
अब महाराष्ट्र सरकार ने लाड़की बहिन योजना की लाभार्थी महिलाओं को राहत देते हुए अहम निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने लागू की गई ई-केवाईसी प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इससे योजना की करोड़ों बहनों को बड़ी राहत मिली है, जो इस नियम के कारण परेशान थीं। अब उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर महीने की किस्त जल्द ही लाभार्थियों के खातों में जारी की जाएगी।
ई-केवाईसी से क्यों नाराज थीं महिलाएं
कुछ समय पहले सरकार ने लाड़की बहिन योजना के अंतर्गत ई-केवाईसी की अनिवार्यता लागू की थी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि योजना का लाभ केवल वास्तविक पात्र महिलाओं को ही मिले। लेकिन, इस प्रक्रिया में पति या पिता की ई-केवाईसी को भी जरूरी कर दिया गया था। इससे कई महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई मामलों में उनके पति या पिता का पैन कार्ड या जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे।

नहीं मिल पा रही योजना की अगली किस्त
योजना के नियम में किए गए बदलाव के बाद से बड़ी संख्या में लाभार्थी महिलाएं नाराज हो गई थीं। कई स्थानों से शिकायतें सामने आईं कि ई-केवाईसी के कारण पात्र महिलाओं को योजना की अगली किस्त नहीं मिल पा रही है। इसी असंतोष को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने फिलहाल इस प्रक्रिया को रोकने का फैसला लिया है।
ई-केवाईसी लागू करने के पीछे यह कारण
लाड़की बहिन योजना की शुरुआत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी। साल 2024 में शुरू हुई इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन, कुछ मामलों में यह पाया गया कि योजना का लाभ गलत लोगों तक भी पहुंच रहा है। इस गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार ने ई-केवाईसी प्रक्रिया लागू की थी, ताकि लाभार्थियों के परिवार की वास्तविक आय का सत्यापन हो सके।

पति या पिता की आय की मिलती जानकारी
पैन कार्ड के माध्यम से की जाने वाली यह ई-केवाईसी प्रक्रिया पति या पिता की आय की जानकारी से जुड़ी थी। इससे पात्रता की जांच आसान हो जाती, लेकिन व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण इसे रोकना पड़ा। सरकार का कहना है कि वह महिलाओं की परेशानी को समझते हुए एक सरल प्रक्रिया तैयार करेगी, ताकि भविष्य में किसी को दिक्कत न हो।
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सरकार बोली- बंद नहीं की जाएगी योजना
ई-केवाईसी को लेकर फैल रही अफवाहों और असंतोष के बीच महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि लाड़की बहिन योजना बंद नहीं की जाएगी। सरकार के मंत्री नरहरी झिरवल ने कहा है कि मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना को किसी भी परिस्थिति में समाप्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि अक्टूबर की किस्त समय पर बहनों के खातों में पहुंचाई जाएगी।
योजना का बजट और अब तक का लाभ
महाराष्ट्र सरकार ने इस योजना के तहत अब तक करीब 2 करोड़ 56 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया है। इस योजना के जरिए राज्य की बड़ी संख्या में महिलाओं को आर्थिक सहायता मिली है, जिससे उनके परिवारों की स्थिति में सुधार हुआ है। सरकार ने इस योजना के लिए कुल 3960 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
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रोक से महिलाओं में राहत का माहौल
वर्तमान में ई-केवाईसी प्रक्रिया पर अस्थायी रोक के बाद से महिलाओं में राहत का माहौल है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही नई व्यवस्था तय करेगी, जिससे योजना का लाभ सुचारू रूप से जारी रह सके और कोई पात्र महिला वंचित न रहे।
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