Betul Corruption Case: मध्यप्रदेश का बैतूल जिला वास्तव में घोटालों का बादशाह बन गया है। यहां ऐसा लगता ही नहीं कि किसी को जरा भी कोई डर है। यही वजह है कि यहां नए-नए घोटाले आए दिन सामने आते रहते हैं। इनमें कुछ में जहां औपचारिकता के लिए एफआईआर तो हो जाती है पर गिरफ्तारी नहीं होती, तो कुछ में तो जांच के नाम पर ही सालों निकाल दिए जाते हैं।
यहां अब हैरान करने वाला एक और घोटाला सामने आया है। यह विलक्षण इसलिए है कि देश भर में शायद कहीं ऐसा कोई घोटाला हुआ हो। यहां एक भृत्य ने बिजली बिल भुगतान के नाम पर लाखों का घोटाला कर डाला। यह घोटाला भी कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि 40 लाख से अधिक का है।
सीईओ की सतर्कता से हुआ खुलासा
उल्लेखनीय है कि जनजातीय कार्य विभाग बैतूल के छात्रावासों के विद्युत देयकों का भुगतान जनपद पंचायत बैतूल कार्यालय के डीडीओ से जिला कोषालय में भुगतान के लिए भेजकर भुगतान की कार्यवाही की जाती है।
आनलॉईन रिकंसिलिएशन रिपोर्ट की जाँच में भुगतान में वित्तीय अनियमितता देखने पर सीईओ जनपद बैतूल सुश्री शिवानी राय ने कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत को इसकी जानकारी दी।

दो अफसरों ने की मामले की जांच
कलेक्टर बैतूल नरेंद्र सूर्यवंशी और सीईओ जिला पंचायत अक्षत जैन ने उक्त प्रकरण में अनियमितता पाए जाने पर विस्तृत जांच के निर्देश दिए। जिसमें जिला कोषालय अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी दाहरे एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बैतूल सुश्री राय द्वारा संयुक्त रूप से जांच की गई।
फर्जी वेंडर निर्मित कर किया भुगतान
जांच में पाया गया कि लॉगिन आईडी का दुरूपयोग कर फर्जी वेण्डर निर्मित कर भुगतान कार्य किया गया। आनलाईन रिकंसिलिएशन रिपोर्ट एवं पेमेंट आर्डर सीट से यह स्पष्ट हुआ कि विद्युत बिलों का भुगतान विद्युत विभाग के खाते के अलावा फर्जी वेण्डरों के खातो में किया जा रहा है।
ऑपरेटर बने भृत्य का कारनामा
फर्जी वेण्डरों की जांच में जामठी निवासी धर्मेन्द्र वरकड़े की वित्तीय अनियमितता संज्ञान में आई। संबंधित के बैंक स्टेटमेंट की जांच पर देखा गया कि संबंधित का जनपद कार्यालय के ऑपरेटर के रूप में कार्यरत भृत्य छत्रपाल मर्सकोले से यूपीआई लेनदेन है एवं दोनों एक दूसरे के परिचित भी हैं। साथ ही एक ही ग्राम के निवासी है।

ऑपरेटर ने कबूल किया अपना जुर्म
उक्त तथ्य की पूछताछ करने पर ऑपरेटर छत्रपाल मर्सकोले द्वारा स्वीकार भी किया गया कि उक्त कृत्य उसके द्वारा स्वयं के लाभ के लिये किया गया है। जांच के दौरान तत्कालिक कार्यवाही के रूप गबन की गई 5 लाख 24 हजार की राशि शासकीय चालान से जमा कराई गई।
जांच में मिले आधा दर्जन फर्जी वेंडर
विस्तृत जांच करने पर धर्मेन्द्र वरकड़े सहित 6 फर्जी वेण्डर मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड बैतूल के नाम से पंजीकृत पाए गए जिन्हें 40 लाख की राशि का भुगतान होना पाया गया।
तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी के निर्देश पर फर्जी भुगतान के लिए जनपद कार्यालय के भृत्य छत्रपाल मर्सकोले को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
दो और कर्मचारी निलंबित, एफआईआर होगी
कलेक्टर ने बिल जनरेट करने, देयकों की जांच और बिल प्रोसेस संबंधी कार्य में लापरवाही पर जनपद पंचायत बैतूल के सहायक ग्रेड 3 श्रीमती वर्षा कमाविसदार और सहायक ग्रेड 3 नितिन कुमार पांडे को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित किया हैं। उन्होंने साथ ही छत्रपाल मर्सकोले और फर्जी वेंडर के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं।
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