Unique Family Reunion: मध्यप्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय पर राठौर परिवार मिलन कार्यक्रम में स्वर्गीय लक्ष्मण राठौर के बेटे-बेटियों एवं बहनों के 54 परिवार जब एक छत के नीचे एकत्रित हुए तो लोग भी हैरत में पड़ गए।
जिले में यह पहला कार्यक्रम था जब एक परिवार ने अपनी चार पीढ़ियों का मिलन समारोह आयोजत किया। इस बहाने परिवार के ही कई ऐसे सदस्य एक-दूसरे से मिल सके जो सिर्फ एक दूसरे को नाम से जानते थे, या जिन्होंने कभी एक-दूसरे को देखा भी नहीं था।
राठौर परिवार मिलन समारोह के दूसरे दिन महिला सदस्यों के लिए समूह चर्चा का आयोजन किया गया। 8 समूह में परिवार की बुजुर्ग महिलाओं ने बेटियों एवं बहुओं को रीति-रिवाज एवं संस्कारों से अवगत कराया। वहीं बेटियों एवं बहुओं ने भी परिवार के इतिहास, नाते-रिश्ते एवं परम्पराओं एवं अन्य पारिवारिक विषयों पर खुलकर चर्चा की।

संकल्प: बरकरार रखेंगे हम मान-सम्मान (Unique Family Reunion)
जन्म से लेकर मृत्यु तक परिवार में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों एवं परम्परागत कार्यक्रमों के बारे में जानकारी सभी ने परिवार का मान-सम्मान एवं परम्पराओं को बरकरार रखने का संकल्प लिया। दो दिन के इस पारिवारिक उत्सव ने जिले में इतिहास रच दिया।
वहीं दूसरी ओर यह परिवार अन्य लोगों एवं समाज के लिए भी मिसाल बन गया। अपने पारिवारिक कार्यक्रम में भी समाज के लिए सेवाकार्यों एवं जरुरतमंदों के लिए मदद के साथ पर्यावरण की चिंता इस सम्मेलन में की गई।
6 राज्यों एवं 12 जिलों से हुए शामिल (Unique Family Reunion)
परिवार के मुखिया स्वर्गीय लक्ष्मण राठौर के बेटों एवं बहनों के 13 परिवारों से जुड़े कुल 54 परिवार इस कार्यक्रम में 6 राज्यों एवं 12 जिलों से शामिल हुए।
परिवार के बुजुर्ग एवं वरिष्ठ सदस्य गणेश प्रसाद राठौर, श्रीमती कला राठौर, हजारीलाल राठौर, रामप्रसाद राठौर, सुरेशचन्द्र राठौर, बद्रीप्रसाद राठौर, श्रीमती अनुसुईया राठौर, उमेशचन्द्र राठौर, नरेशचन्द्र राठौर, राजकुमार राठौर, सुनील राठौर एवं अनिल राठौर दो दिन के इस आयोजन में अपने परिवार के बच्चों को आसपास देखकर सुखद अनूभूति कर रहे हंै।

बीते छह महीने से चल रही थी तैयारी (Unique Family Reunion)
इस कार्यक्रम के लिए पिछले 6 महीनों से तैयारी की जा रही थी। कार्यक्रम के सूत्रधार अनिल राठौर बताते हैं कि मिलन समारोह उनके परिवार के लिए कई मायनों में सफल रहा। इस कार्यक्रम की वजह से कुछ परिवार, जिनमें मनमुटाव था, वह भी दूर हो गया।
यह सम्मेलन न सिर्फ परिवार के लिए अपितु अन्य समाजों के लिए भी एकता और पारिवारिक सामंजस्य की मिसाल बन गया। उन्होंने यह कल्पना भी नहीं की थी कि एक परिवार के प्रयास को इतनी सराहना मिलेगी।
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मजबूत रहेंगे, फूलों की तरह महकेंगे रिश्ते (Unique Family Reunion)
राठौर परिवार के मिलन कार्यक्रम के अंतिम दिन परिवार के सदस्यों ने 200 प्रजातियों के पौधे ग्रीन टाईगर्स के संस्थापक तरुण वैद्य के मार्गदर्शन में रोपें। परिवार के आधार स्तंभों ने बरगद के पौधे लगाए ताकि राठौर परिवार बरगद की तरह ही घना और मजबूत बने।
परिवार के सदस्यों ने आम, जाम, संतरा, जामुन, नवगृह, चम्पा, लक्ष्मीतरु, कदम, शहतूत, अशोक, नीम, अंजीर, सागौन, हरसिंगार, सहजना, आंवला, बेल, कनेर, गुलमोहर, गुलाब सहित 200 प्रजाति के पौधे रोपे गए। बरगद की तरह मजबूती से बढऩे वाले रिश्ते फुलों की तरह महकते रहे इसी उद्देश्य से तमाम प्रजातियों के पौधें रोपकर राठौर परिवार ने प्रत्येक पौधे का महत्व भी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया।

रिश्तों की ताजगी और प्यार लेकर वापसी (Unique Family Reunion)
वर्षों से बेजान हुए रिश्तों में दो दिवसीय पारिवारिक सम्मेलन ने जान डाल दी। अनिल राठौर बताते हैं कि हर बच्चों से लेकर बुजुर्गों में एक-दूसरे से मिलने की ललक थी। दो दिन मोबाईल तक को लोग भूल गए थे जबकि यह दौर ऐसा है जब हर मिनट मोबाईल देखने की लोगों को आदत है। जब बच्चों को तांबे के लोटे में जल पीना नहीं आ रहा था तो पास में बैठा कोई न कोई सदस्य उन्हें गोद में बिठाकर पानी पिला रहा था।
कभी हुए भावुक तो कभी लगाए ठहाके (Unique Family Reunion)
कई ऐसे दृश्य और अवसर दो दिनों में आए जब परिवार के सदस्य भावुक हुए तो कुछ पुराने किस्से यादकर लोगों ने ठहाके भी लगाए। परिवार के सदस्यों की सफलता की कहानियां सुनकर सभी गौरवानिवत हुए और प्रतिभाओं को सम्मानित कर उन्हें आशीर्वाद दिया।
सभी की मंशा है कि इस तरह बार-बार सब एक दूसरे से मिलते रहेंगे। रिश्तों की ताजगी और प्यार के साथ कई सारी यादें लेकर परिवार के सदस्य जब वापसी करने लगे तो बिछड़ते वक्त सभी की आंखों से नमी छलक रही थी। (Unique Family Reunion)
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