मेघनाद मेले का रोमांच: पचास फीट ऊंचे फिसलते खम्बे पर चढ़कर तोड़ते हैं जेरी, परंपरा के बहाने दम खम दिखाने का मौका
होली के बाद MP के बैतूल जिले में गांव-गांव में फागुनी या मेघनाद मेले लगते हैं। यह मेले एक ओर जहां पूजा-अर्चना कर आस्था प्रदर्शित करने के स्थल होते हैं वहीं ग्रामीण अंचल के लोगों के लिए फसल कटाई से फारिग होने के बाद मनोरंजन व मन बहलाव का एक बड़े माध्यम भी होते हैं। इन सबसे हटकर यह मेले ग्रामीण युवाओं को अपना दम खम, वीरता और बहादुरी दिखाने के अवसर भी देते हैं। दशकों पुरानी यह परंपरा आज भी जारी है।
दरअसल, मेघनाद मेलों के दौरान कई स्थानों पर जेरी तोड़ने का आयोजन भी होता है। इसमें मेघनाद के स्वरूप में एक 50-55 फीट या उससे भी ऊंचा खम्बा गड़ा होता है। इसे जेरी कहा जाता है। यह खम्बा बिल्कुल सीधा और चिकना होता है। आयोजन के दौरान इस पर ग्रीस, तेल सहित अन्य चिकनाई वाले पदार्थ पोत दिए जाते हैं। सामान्य जेरी पर ही चढ़ना वैसे तो हर किसी के लिए सम्भव नहीं होता। ऐसे में इस पर पूरी तरह चिकनाई पोत देने के बाद तो उसके शीर्ष तक पहुंचने की कोई सोच भी नहीं सकता।
आयोजन के लिए इस जेरी के सबसे ऊपर एक पोटली बांध दी जाती है। इस पोटली में एक नारियल और 11 से लेकर 101 रुपये या उससे अधिक की राशि भी रखी जाती है। जो ग्रामीण जेरी पर चढ़कर इस पोटली को हासिल करने में सफल हो जाता है वह विजेता और बहादुर माना जाता है। इसे जेरी तोड़ना कहा जाता है। पोटली में बंधी सभी सामग्री पर उसका अधिकार हो जाता है। आयोजन के दौरान कई युवा जेरी तोड़ने की मशक्कत करते हैं, लेकिन अधिकांश आधी ऊंचाई तक भी नहीं पहुंच पाते। कई स्थानों पर कई बार तो जेरी टूट ही नहीं पाती।
इसकी वजह यह होती है कि सीधे खम्बे पर चढ़ना ही मुश्किल होता है। ऊपर से इस पर इतनी चिकनाई चुपड़ी होती है कि पकड़ बन ही नहीं पाती। दूसरी ओर चढ़ने के लिए किसी भी दूसरी वस्तु का सहारा नहीं लिया जा सकता। केवल एक रस्सा भर जेरी पर बंधा होता है। उसी रस्से को ऊपर खिसकाते हुए शीर्ष तक पहुंचना होता है। ऐसे में जिसमें खासा दमखम होता है, वही यह चमत्कार दिखा पाता है। दूसरी ओर मौजूद दर्शकों के लिए यह कारनामा बेहद रोमांचित करने वाला होता है।
जिला मुख्यालय के समीप स्थित ग्राम रोंढा में भी होली के तीसरे दिन लगने वाले मेले में यह आयोजन होता है। इसमें ग्राम के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। जिनमें बड़ी संख्या में लोग जेरी तोड़ने की प्रतियोगिता का लुफ्त उठाने आते हैं। इस साल भी बड़ी संख्या में लोगों ने इस प्रतियोगिता का लुफ्त उठाने के साथ ही जेरी तोड़ने का नजारा भी देखने में सफलता हासिल की।