Sammelan : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली के NASC, पूसा परिसर में राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन- रबी अभियान 2024 का उद्घाटन किया। यह सम्मलेन पिछले कृषि सत्रों के दौरान फसल प्रदर्शन की समीक्षा और आकलन करने तथा रबी सत्र के लिए फसल-विशिष्ट लक्ष्यों को निर्धारित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
श्री चौहान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमें उत्पादकता बढ़ाने और रसायनों और उर्वरकों पर निर्भरता कम करने के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना चाहिए। हमारा लक्ष्य है प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाना, जबकि उत्पादन लागत को कम करना और किसानों को उचित मूल्य प्रदान करना।” परिवहन लागत को कम करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, ताकि खरीद मूल्य और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर को कम किया जा सके।
भारत को बनाना है सबसे बड़ा खाद्य भंडार
उन्होंने आगे कहा कि राज्यों को केंद्र के साथ मिलकर कृषि-जलवायु परिस्थितियों के आधार पर उत्पादन बढ़ाने पर काम करना चाहिए, ताकि भारत विश्व का सबसे बड़ा खाद्य भंडार बन सके। 2024-25 में खाद्यान्न उत्पादन का राष्ट्रीय लक्ष्य 341.55 मिलियन टन होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार मंत्रियों और राज्य प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए हर सुझाव पर सहयोगी रूप से काम करेगी।
LIVE : माननीय श्री @ChouhanShivraj जी द्वारा नई दिल्ली स्थित पूसा परिसर में ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन- रबी अभियान 2024’ का शुभारंभ।
https://t.co/hZri8JbC9J— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) October 19, 2024
किसानों की सहायता के लिए तुरंत करें कार्रवाई
सम्मेलन में, रामनाथ ठाकुर, राज्य मंत्री (कृषि) ने राज्यों से अनुरोध किया कि वे बाढ़ और चक्रवात के कारण फसल क्षति से प्रभावित किसानों की सहायता के लिए तुरंत कार्रवाई करें। वरिष्ठ अधिकारियों और शोधकर्ताओं को बाजार में कृषि इनपुट्स की गुणवत्ता का आकलन करना चाहिए। राज्य मंत्री (कृषि), भागीरथ चौधरी ने देश में दालों और तेल बीजों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए लगातार काम करने वाले शोध संगठनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने को लेकर चर्चा
सम्मलेन में चर्चाओं के दौरान यह बताया गया कि देश में खाद्य तेल की बढ़ती मांग को पूरा करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए, सरकार का लक्ष्य 2022-23 में 39.2 एमएमटी से 2030-31 में 69.7 एमएमटी तक तेल बीजों के उत्पादन को बढ़ाना है। खेती के अंतर्गत क्षेत्र को मौजूदा 29 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 33 लाख हेक्टेयर करना और 2030-31 तक प्रति हेक्टेयर उपज को 1353 किलोग्राम से 2112 किलोग्राम तक बढ़ाना है।
समग्र यांत्रिकीकरण लागू करने के महत्व पर जोर
पैनलिस्टों ने कम समय में उत्पादन करने वाली और उच्च उपज देने वाली बीज किस्मों पर शोध करने और दालों और तेल बीजों की खेती के लिए समग्र यांत्रिकीकरण लागू करने के महत्व पर जोर दिया। पैनलिस्टों ने फलों और ऑर्किड्स के लिए रोग-मुक्त पौधों की सामग्री के आयात को सुनिश्चित करने के लिए नियमों की आवश्यकता पर भी चर्चा की।
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