MP Voter List SIR 2025: मप्र में मतदाता सूची का SIR अभियान शुरू: घर-घर पहुंचेंगे BLO, ऐसे बना रहेगा आपका नाम वोटर लिस्ट में

MP Voter List SIR 2025: बिहार के बाद अब मध्यप्रदेश में भी आज से मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) का कार्य शुरू हो गया है। SIR की इस प्रक्रिया के बाद ही यह तय होगा कि किसका नाम मतदाता सूची में रहेगा और किसका नहीं। इसके लिए क्या मापदंड और शर्तें तय की गई है, इन्हीं सब के बारे में इस लेख में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

सबसे पहले जानते हैं कि SIR की यह प्रक्रिया संपन्न कैसे होगी? आपको बता दें कि SIR के लिए मतदाता सूची 2025 के सत्यापन के तहत बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) मंगलवार से लोगों के घरों का दौरा करेंगे। वे आपके घर आते समय आपके नाम वाला एक गणना फार्म साथ लाएंगे। उस फार्म में आपके नाम के साथ मतदाता पहचान पत्र से जुड़ी जानकारी और आपकी फोटो भी प्रिंट होगी। इस फार्म के आधार पर तय होगा कि आप जिले की अंतिम मतदाता सूची में बने रहेंगे या नहीं। इसलिए इसे हल्के में न लें और फार्म को संभाल कर रखें।

जमा करने की समय सीमा तय करें

बीएलओ आपसे फार्म भरवाने के बाद उसे वापस ले जाएगा, इसलिए उनसे मिलकर स्पष्ट कर लें कि वे इसे कब तक आपका भरवाकर ले जाएंगे। आपको चाहिये कि फार्म मिलने पर उसमें लिखी जानकारी ध्यान से पढ़ें और यदि किसी चीज में गलती हो तो तुरंत बीएलओ को बता दें। बीएलओ आपके बताए समय पर वापस आएगा और भरा हुआ फार्म ले लेगा, इसलिए समय पर जवाब देना ज़रूरी है।

हर मतदाता के लिए गणना फार्म

SIR प्रक्रिया में गणना फार्म की अहम भूमिका है। हर मतदाता के लिए अलग अनुमान पत्र तैयार किया गया है और ये फार्म मंगलवार को ही बीएलओ को उपलब्ध कराए गए हैं। प्रत्येक बीएलओ के जिम्मे अधिकतम 1000 से 1100 मतदाता तक का काम होगा। बीएलओ इन लोगों को फार्म दे कर भरेगा और फिर उन सब फार्मों को संकलित करके संबंधित एआरओ (असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर) के पास जमा कर देगा।

किसके नाम अपने आप सूची में रह जाएंगे

वर्ष 2003 की मतदाता सूची को इस एसआइआर प्रक्रिया का आधार माना गया है। जिन लोगों के नाम 2003 वाली सूची में दर्ज हैं, उन्हें किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी; ऐसे लोग अपने आप 2025 की सूची में शामिल कर दिए जाएंगे।

रिश्तेदारों के आधार पर भी हो सकता है नाम दर्ज

यदि किसी व्यक्ति का नाम 2003 की सूची में नहीं है, लेकिन उसके माता-पिता या किसी करीबी रिश्तेदार का नाम सूची में मौजूद है, तो उनके संबंधी विवरणों के आधार पर उनका भी नाम 2025 की सूची में रखा जा सकता है। इसलिए अगर आपका व्यक्तिगत नाम पुराने रिकॉर्ड में नहीं दिखाई देता तो भी परिवार के जुड़े लोगों के साक्ष्य काम आ सकते हैं।

जब एआरओ को जानकारी से असंतोष हो

यदि एआरओ को गणना फार्म में भरी जानकारी पूरी तरह संतोषजनक नहीं लगती, तो वह संबंधित मतदाता को नोटिस भेजेगा और आवश्यक स्पष्टीकरण मांगेगा। तय किए गए 11 जरूरी दस्तावेजों में से अगर आप कोई एक दस्तावेज जमा कर देते हैं तो आपका नाम मतदाता सूची में शामिल कर दिया जाएगा। इसलिए नोटिस मिलने पर जवाब देना और मांगे गए दस्तावेज समय से देना बहुत महत्वपूर्ण है।

आपका नाम फिर भी नहीं जुड़ा तो क्या करें

अगर एआरओ नाम शामिल नहीं करता है तो मतदाता को जिला स्तर पर डीएम के सामने अपील करने और सुनवाई का अवसर मिलता है। डीएम स्तर की सुनवाई के बाद भी यदि नाम दर्ज नहीं किया जाता है तो अंतिम उपाय मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के समक्ष अपील करना है, जहां आपको अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा। निर्वाचन प्रक्रिया में ये स्टेप अनिवार्य हैं ताकि जो लोग अपनी पात्रता सिद्ध कर सकें, उन्हें सुनवाई का पूरा अवसर मिले।

स्वीप आइकॉन सारिका चला रहीं अभियान

इस समय प्रजातंत्र को मजबूत बनाने के लिये सभी पात्र ना‍गरिकों की भागीदारी बढ़ाने भारत निर्वाचन आयोग आपके घर आंगन में ही अपनी सेवायें देने जा रहा है। ऐसे में स्‍वीप आईकॉन सारिका घारू ने इस बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। सारिका ने बताया कि वे मुख्‍य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में जागरूकता गतिविधियां कर रही हैं ।

लोगों को दी जा रही रोचक तरीके से जानकारी

गीत, पपेट शो तथा अन्‍य रोचक तरीके से आयोजित कार्यक्रम में सारिका ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण या एसआईआर अभियान में मंगलवार 4 नवम्‍बर से 4 दिसम्‍बर की अवधि क्षेत्र के बीएलओ आपके घर पर पहुंचकर निर्धारित जानकारी प्राप्‍त करेंगे। इसके लिये आप हाल का ही रंगीन फोटो तथा अपना पहचान पत्र, वोटर कार्ड आदि को तैयार रखें। इसमें जो व्यक्ति 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहा है, वह भी मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकता है।

21 साल बाद चल रहा यह अभियान

सारिका ने बताया कि शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने विशेष गहन पुनरीक्षण 21 वर्ष पहले किया गया था। 1951 से 2004 तक 8 बार विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा चुका है। अब यह पुन: किया जा रहा है।

सारिका ने संदेश दिया कि एसआईआर कार्यक्रम का लक्ष्य मतदाता सूचियों को शुद्ध करना है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी पात्र मतदाता पीछे न छूटे, और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो। इसलिये अब आपकी जिम्‍मदारी है कि आपके घर पर पहुंचे बीएलओ को पूरी जानकारी दें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने दें अपना योगदान ।

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📌 एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े महत्वपूर्ण FAQs

प्रश्न 1. SIR क्या है?
SIR यानी Special Summary Revision। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करने के लिए की जाती है, ताकि पात्र मतदाताओं का नाम सूची में बना रहे और अपात्र लोगों का नाम हटाया जा सके।

प्रश्न 2. यह प्रक्रिया कब तक चलेगी?
मध्यप्रदेश में SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगी। इस दौरान बीएलओ आपके घर पहुंचकर विवरण जुटाएंगे।

प्रश्न 3. बीएलओ क्या करेंगे?
बीएलओ घर-घर जाकर गणना फार्म देंगे, आपकी जानकारी सत्यापित करेंगे और भरा हुआ फार्म वापस लेकर अपने अधिकारी (एआरओ) को जमा करेंगे।

प्रश्न 4. कौन-से दस्तावेज़ देने होंगे?
11 स्वीकृत दस्तावेजों में से कोई एक देना पर्याप्त रहेगा — जैसे
आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
(लेख में आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट लिंक के साथ जोड़ी जा सकती है)

प्रश्न 5. अगर जानकारी गलत हो तो क्या करें?
फार्म में आपके नाम, पता या फोटो में गलती हो तो तुरंत बीएलओ को बताएं, वह सुधार कर देगी/देगा।

प्रश्न 6. किन लोगों का नाम स्वत: सूची में शामिल होगा?
जिन मतदाताओं के नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं, उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देना होगा और उनका नाम अपने आप 2025 की सूची में शामिल हो जाएगा।

प्रश्न 7. 18 साल पूरे करने वालों का नाम कैसे जुड़ेगा?
जो व्यक्ति 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष का होगा, वह आवेदन फॉर्म भरकर अपनी प्रविष्टि जुड़वा सकता है।

प्रश्न 8. अगर एआरओ नाम शामिल न करे तो?
आप पहले जिला निर्वाचन अधिकारी (DM) के पास अपील कर सकते हैं और वहाँ से भी समाधान न होने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास अंतिम अपील कर सकते हैं।

प्रश्न 9. अगर कोई घर पर मौजूद न हो तो?
बीएलओ दोबारा घर आएगा। फिर भी संपर्क न हो पाए तो आप उसे कॉल करके फार्म खुद भी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 10. SIR अभियान क्यों जरूरी है?
ताकि मतदाता सूची पूरी तरह सही हो —

  • कोई पात्र नागरिक छूटे नहीं ✅
  • कोई अपात्र व्यक्ति शामिल न रहे ❌

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