MP Electric Bus Project: मध्यप्रदेश के पांच बड़े शहरों के नगर निगम क्षेत्रों में ई-बसों का संचालन जल्द शुरू होने वाला है। इसके लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में चार्जिंग स्टेशन बनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। जैसे ही चार्जिंग स्टेशन तैयार होंगे, इन शहरों में पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ने लगेंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में आयोजित स्वच्छता पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही नौ से अधिक ई-बसें शुरू की जाएंगी। इसके लिए नगरीय निकायों को चार्जिंग स्टेशन निर्माण का काम प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ नगर निगमों ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
पर्यावरण अनुकूल बनेगा सार्वजनिक परिवहन
राज्य सरकार का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। ई-बसें पारंपरिक डीजल और पेट्रोल बसों की तुलना में प्रदूषण कम करती हैं और ऊर्जा की बचत करती हैं। यही कारण है कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इन बसों को जल्द से जल्द सड़कों पर उतारने की तैयारी तेज कर दी है।

भारत सरकार देगी यह 972 ई-बसें
भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को कुल 972 ई-बसें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इनमें से 500 बसें पहले चरण में दी जानी थीं, जिनमें से 472 बसों के लिए शहरी विकास मंत्रालय द्वारा टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस संबंध में एमपी के नगरीय विकास विभाग को आधिकारिक जानकारी मिल चुकी है।
पहले चरण में इन शहरों का चयन
इन बसों का संचालन पहले चरण में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन नगर निगम क्षेत्रों में किया जाएगा। इन स्थानों पर बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन और डिपो बनाने की तैयारी की जा रही है। जब तक ये तैयार नहीं होते, तब तक बसें आने के बावजूद उनका संचालन शुरू नहीं हो पाएगा।

दूसरे चरण में इन शहरों को मिलेगी ई-बसें
पहले चरण के बाद सागर, देवास और सतना नगर निगमों में भी ई-बसें शुरू की जाएंगी। नगरीय विकास विभाग ने इन तीनों शहरों के निगमायुक्तों को डिपो के लिए उपयुक्त स्थान तय करने और टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। विभाग का लक्ष्य है कि वर्ष 2026 की शुरुआत में ही दूसरे चरण के डिपो और चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाएं, ताकि इन शहरों में भी बसों का संचालन प्रारंभ किया जा सके।
ग्रीन सेल कंपनी करेगी बस संचालन
भारत सरकार की ओर से 472 ई-बसों का टेंडर ग्रीन सेल कंपनी को दिया गया है। यह कंपनी मध्यप्रदेश में दस चार्जिंग डिपो स्थापित करेगी और छह प्रमुख शहरों में ई-बसें उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, कंपनी को भारत सरकार की ओर से 12 वर्षों तक ऑपरेशनल और मेंटेनेंस लागत भी प्रदान की जाएगी।
कितनी होगी इन ई-बसों की क्षमता
मध्यप्रदेश को आवंटित की गई बसों में 472 मिडी ई-बसें होंगी जिनकी क्षमता 26 यात्रियों की होगी, जबकि 110 मिनी ई-बसें 21 सीटर होंगी। इन बसों का किराया संबंधित नगर निगमों द्वारा तय किया जाएगा। संचालन की पूरी व्यवस्था जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर) मॉडल पर आधारित होगी, जिसके तहत कंपनी बसों के रखरखाव और सुचारू संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी।
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चार्जिंग स्टेशन के बिना नहीं चलेगी योजना
राज्य सरकार और नगरीय विकास विभाग का ध्यान फिलहाल चार्जिंग स्टेशन और डिपो तैयार करने पर केंद्रित है। इन बसों को चार्ज करने के लिए उच्च क्षमता वाले विद्युत संयंत्र और सुरक्षित पार्किंग स्पेस की आवश्यकता होती है। इसलिए जिन नगर निगमों में पहले चरण में बसें भेजी जानी हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर यह काम पूरा करने को कहा गया है।
केंद्र से बाकी 500 बसों का इंतजार
अभी तक केंद्र सरकार ने केवल 472 बसों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की है। शेष 500 बसों के लिए टेंडर की जानकारी राज्य सरकार को नहीं मिली है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में भारत सरकार इस प्रक्रिया को भी पूरा कर देगी। इसके बाद प्रदेश के अन्य शहरों को भी ई-बसें मिलेंगी।
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