MP District Reorganisation: मध्यप्रदेश का नक्शा जल्द ही एक बार फिर बदलने वाला है। प्रदेश में 3 नए जिले, 1 संभाग और कई तहसीलें बनाने की पूरी तैयारी हैं। इसके लिए पिछले साल सितंबर के महीने में गठित प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग तेजी से काम कर रहा है। इस बदलाव सो कई जिले प्रभावित होंगे।
प्रदेश की राजधानी भोपाल भी इस बड़े बदलाव से प्रभावित होगी। यहां पर कुल 8 तहसीलें बनाने की तैयारी है। अभी भोपाल जिले में 3 तहसीलें हुजूर, कोलार और बैरसिया है। हुजूर तहसील सबसे बड़ी है। इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र आते हैं। इससे प्रशासनिक कामकाज पर खासा असर पड़ता है।
भोपाल में बनेंगी यह 5 नई तहसीलें
इसके चलते अब शहर के 5 प्रमुख सर्किल कार्यालयों को तहसील का दर्जा दिया जा रहा है। इनमें शहर (पुराना भोपाल), संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़), गोविंदपुरा, टीटी नगर और एमपी नगर शामिल हैं। यह नई तहसीलें बनने से भोपाल जिले में तहसीलों की कुल संख्या 8 हो जाएंगी।

मैहर के 6 गांव जाएंगे रीवा जिले में
इसी तरह मैहर जिले की अमरपाटन तहसील के 6 गांवों मुकुंदपुर, धौबाहट, अमीन, परसिया, आनंदगढ़ और पापरा को रीवा जिले में शामिल करने का प्रस्ताव पुनर्गठन आयोग ने दिया है। मुकुंदपुर में स्थित महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी के कारण यह कदम उठाया जा रहा है।
रीवा से करीब है इन गांवों की दूरी
इन गांवों को रीवा जिले में शामिल करने की मुख्य वजह जिला मुख्यालय की दूरी बताई जा रही है। दरअसल, मुकुंदपुर की रीवा से दूरी मात्र 20 किलोमीटर है जबकि मैहर से इसकी दूरी 65 किलोमीटर है। स्थानीय लोग भी काफी समय से प्रशासनिक सुगमता की दृष्टि से यह मांग कर रहे थे। हालांकि इस प्रस्ताव का विरोध भी हो रहा है।

पिपरिया बन सकता है नया जिला
नर्मदापुरम जिले में स्थित पिपरिया के भी नया जिला बनने की संभावना है। पिपरिया की जिला मुख्यालय से दूरी करीब 70 किलोमीटर है। पहाड़ी क्षेत्र होने से आवाजाही में 2 घंटे से ज्यादा समय लगता है। यही कारण है कि पिपरिया को जिला बनाने की मांग हो रही है। इसे नया जिला बनाना भी प्रस्तावित है।
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बीना वासियों की भी मांग होगी पूरी
इसी तरह बीना को भी जिला बनाए जाने की मांग बीते 40 सालों से हो रही है। इस मांग को भी मंजूर किए जाने की पूरी संभावना है। अभी बीना की सागर मुख्यालय से 75 किलोमीटर की दूरी है। नया जिला बनने पर इसमें खुरई, बीना, मालथौन, बांदरी, कुरवाई, पठारी और खिमलासा तहसीलें बन सकती हैं। कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे भी इसी मांग के साथ बीजेपी में शामिल हुई थीं।
निमाड़ बन सकता है प्रदेश का 11वां संभाग
इसी तरह निमाड़ को संभागीय मुख्यालय बनाया जा सकता है। साल 2012 में सबसे पहले यह मांग उठी थी। राजस्व विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा था। इंदौर के 4 जिलों खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा को मिलाकर निमाड़ संभाग बनाया जा सकता है।
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सीहोरा को भी जिला बनाने की मांग उठी
इसके अलावा जबलपुर जिले की सीहोरा तहसील को भी जिला बनाने की मांग बीते कई सालों से हो रही है। साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसके लिए सहमति भी दे दी थी पर इसके बाद आचार संहिता लागू हो जाने से नया जिला नहीं बन पाया। उसके बाद से यह मांग लगातार उठ रही है। इस मांग को लेकर दिवाली से एक दिन पहले सीहोरा आंदोलन समिति के आह्वान पर लोगों ने खून से दीपक भी जलाए थे।
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