Railway Reel Ban: सोशल मीडिया पर रातोंरात मशहूर होने के लिए खतरनाक स्थानों पर रील बनाने का ट्रेंड चल रहा है। कई बार यह रीलबाज रेलवे ट्रैक पर या गुजरती ट्रेन के नीचे रील बनाने से भी बाज नहीं आते हैं। इन प्रयासों में कई लोगों की जान तक जा चुकी है। इसके बावजूद लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
इसे देखते हुए अब रेलवे ने सख्त रवैया अपना लिया है। रेलवे ने ऐसे रीलबाजों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही जागरूक करने और कार्रवाई करने के लिए अभियान भी शुरू कर दिया है। रेलवे ने इस संबंध में साफ कर दिया है कि ऐसी हरकतों पर वह जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा।
ईसीओआर ने शुरू किया विशेष अभियान
हाल ही में पूर्वी तट रेलवे (ईसीओआर) ने विशेष अभियान शुरू किया है। जिसका उद्देश्य रेलवे ट्रैक, स्टेशन परिसर और चलती ट्रेनों पर रील या सेल्फी लेने जैसी खतरनाक गतिविधियों को रोकना है। रेलवे के अनुसार ऐसे कृत्य न केवल जानलेवा हैं बल्कि रेलवे अधिनियम 1989 के तहत दंडनीय अपराध भी हैं। रेलवे ने आम लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के चक्कर में अपनी और दूसरों की जान जोखिम में न डालें।

बिश्वजीत की मौत के बाद सख्त हुई रेलवे
यह कदम पुरी के रहने वाले 15 वर्षीय बिश्वजीत साहू की दर्दनाक मौत के बाद उठाया गया है। बिश्वजीत ट्रेन की पटरी के पास वीडियो बना रहा था। तभी अचानक ट्रेन की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी जान चली गई।
इस घटना ने रेलवे प्रशासन को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद पूर्वी तट रेलवे ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोबारा चेतावनी जारी की और स्पष्ट किया कि रेलवे की पटरियां या ट्रेनें किसी भी तरह के मनोरंजन या शूटिंग के लिए नहीं हैं।
ऐसी हरकतें खतरनाक और अपराधपूर्ण
रेलवे ने कहा है कि ट्रैक, स्टेशन और ट्रेन की छतें अत्यंत जोखिम भरे परिचालन क्षेत्र हैं, जहां किसी भी तरह की रील या फोटोशूट करना जान से खेलने जैसा है। इन जगहों पर बिना अनुमति प्रवेश करना या स्टंट करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। रेलवे के अनुसार ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और कोई भी रियायत नहीं दी जाएगी।

आरपीएफ-जीआरपी को मिले सख्त निर्देश
रेलवे ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) को साफ निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएं। किसी को भी ट्रैक या चलती ट्रेन के पास वीडियो बनाते पाया गया तो उस पर रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 147 और 153 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इन धाराओं में जेल की सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान है।
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अब नहीं की जाएगी लापरवाही बर्दाश्त
रेलवे ने बताया कि इस तरह की हरकतों से न केवल ट्रेन की चपेट में आने का खतरा होता है, बल्कि ऊपर लगे हाई वोल्टेज बिजली के तारों (ओएचई) के संपर्क में आने से व्यक्ति की तत्काल मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे हादसे पहले भी कई बार हो चुके हैं, इसलिए अब रेलवे किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।
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अभी रेलवे प्रशासन दे रहा समझाइश
पूर्वी तट रेलवे ने लोगों को जागरूक करने के लिए कई माध्यम अपनाए हैं। अब रेलवे स्टेशनों पर घोषणाएं की जा रही हैं, सोशल मीडिया पर संदेश जारी किए जा रहे हैं। आरपीएफ की गश्त भी बढ़ाई गई है। इसके अलावा रेलवे अधिकारियों को स्कूलों और कॉलेजों में जाकर युवाओं को समझाने के निर्देश भी दिए गए हैं कि रील या वीडियो के लिए जोखिम उठाना समझदारी नहीं है।
पहले भी दर्ज हो चुके हैं ऐसे मामले
रेलवे ने बताया कि इस साल जुलाई में ओडिशा के बौद्ध जिले में दो लड़कों ने रेलवे ट्रैक पर खतरनाक स्टंट करते हुए वीडियो बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। बाद में रेलवे सुरक्षा बल ने उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। ऐसे कई मामले देशभर में सामने आ चुके हैं, जिसमें सोशल मीडिया की सनक के कारण युवाओं ने अपनी जान गंवाई है।
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