Minimum Wage Arrears: एमपी में जल्द मिलेगा बढ़े हुए न्यूनतम वेतन का एरियर्स, सीटू यूनियन ने खोला मोर्चा

Minimum Wage Arrears: मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण के कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं करवा पा रही है। इससे लाखों श्रमिकों, ठेका कर्मियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन हो रहा है। यह आरोप सीटू यूनियन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन तथा ऑटो चालक एकता यूनियन के संरक्षक कामरेड कुन्दन राजपाल ने लगाया है।

सीटू यूनियन की ओर से 17 जून को सीटू प्रतिनिधि मंडल ने श्रम पदाधिकारी धम्यदीप भगत के माध्यम से श्रमायुक्त, मध्यप्रदेश के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार प्रत्येक पांच वर्षों में वेतन का पुनरीक्षण होना चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार इसका पालन नहीं कर रही है।

पांच साल बाद दिया गया लाभ (Minimum Wage Arrears)

सीटू यूनियन ने आरोप लगाया कि पिछली बार नवंबर 2019 में पुनरीक्षण किया गया, लेकिन उसके लाभ अप्रैल 2024 से दिए गए। जिससे श्रमिकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। 01 अप्रैल 2024 से लागू इन पुनरीक्षित दरों को भी कानूनी विवाद में उलझा दिया, जिसकी सुनवाई मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में हुई। अंतत: 10 फरवरी 2025 को सुनवाई के बाद 21 फरवरी 2025 को फैसला आया, जिसके बाद पूरे प्रदेश में यह दरें प्रभावशील मानी गईं।

वेतन बढ़ा, लेकिन एरियर्स नहीं मिला (Minimum Wage Arrears)

हालांकि सरकार ने मार्च 2025 का वेतन बढ़ी हुई दरों से अप्रैल में दे दिया, लेकिन अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक का एरियर्स अब तक नहीं दिया गया है। यह एरियर्स राशि लाखों श्रमिकों की मेहनत की कमाई है, जिसे जानबूझकर रोका जा रहा है। यूनियन का कहना है कि यह स्थिति न्यूनतम वेतन कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।

एरियर्स मांगने पर किया जा रहा प्रताड़ित (Minimum Wage Arrears)

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि जो श्रमिक, ठेका व आउटसोर्स कर्मी एरियर्स की मांग कर रहे हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। कुछ मामलों में तो उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया है।

श्रमायुक्त से की गई यह मांग (Minimum Wage Arrears)

इस स्थिति को देखते हुए सीटू यूनियन ने श्रमायुक्त से मांग की है कि इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए जाएं। सभी श्रमिकों को उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए परिपत्र जारी किया जाए, उसकी प्रति सभी मजदूरों को दी जाए, हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाए और नियोजकों को एरियर्स का भुगतान करने के निर्देश दिए जाएं। (Minimum Wage Arrears)

मांगें नहीं मानी तो होगा आंदोलन (Minimum Wage Arrears)

सीटू यूनियन ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यूनतम वेतन की यह कानूनी और जमीनी लड़ाई उन्होंने पूरी ताकत के साथ लड़ी है और इसी का परिणाम है कि श्रमिकों को नई वेतन दरें मिलीं। अब जब यह अधिकार मिल गया है तो उसका लाभ यानी एरियर्स भी बिना विलंब दिए जाना चाहिए। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आगे और व्यापक आंदोलन किया जाएगा। (Minimum Wage Arrears)

ज्ञापन देने वालों में यह शामिल (Minimum Wage Arrears)

ज्ञापन देने वालों में सीटू यूनियन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कामरेड कुन्दन राजपाल, डब्ल्यूसीएल लाल झंडा यूनियन के अध्यक्ष कामरेड जगदीश डीगरसे, एमआर यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, सचिव पंकज साहू, डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा के अध्यक्ष गणेश गुजरे, विवेकानंद और डीके दत्ता शामिल रहे। (Minimum Wage Arrears)

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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