Indore News : यहां महिलाएं चला रहीें मैकेनिक गैरेज, सशक्तिकरण की बनी मिसाल

Indore News : महिला मैकेनिक गैरेज, नाम सुनकर अलग सा अहसास होता है। लेकिन, संभवत: मध्यप्रदेश का यह पहला महिला मैकेनिक गैरेज है जो कि इंदौर में है। इस गैरेज के माध्यम से करीब 100 से अधिक महिलाएं, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही है।

Indore News : यहां महिलाएं चला रहीें मैकेनिक गैरेज, सशक्तिकरण की बनी मिसाल

Indore News : महिला मैकेनिक गैरेज, नाम सुनकर अलग सा अहसास होता है। लेकिन, संभवत: मध्यप्रदेश का यह पहला महिला मैकेनिक गैरेज है जो कि इंदौर में है। इस गैरेज के माध्यम से करीब 100 से अधिक महिलाएं, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही है।

स्वच्छता में नंबर वन रहने वाला इंदौर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई पहचान बनकर उभर रहा है। महिला गैरेज में सारा काम महिलाएं ही कर रही हैं। महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के साथ पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए भारत को गढ़ रही हैं। घर के कामकाज को निपटाकर यहां काम करने आने वाली महिलाएं समय से अपने दायित्व को बेहतर तरीके से पूरा कर रही हैं।

नहीं होने दिया उत्साह को कम

महिला मैकेनिक शिवानी रघुवंशी, दुर्गा मीणा एवं मेघा खराटे ने बताया कि काम के शुरुआत में थोड़ी परेशानी आई। लेकिन, किसी के भाई, किसी के पिता, किसी के जीवन साथी ने उत्साह को कम नहीं होने दिया और लगातार प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया जब नए थे तो काम में थोड़ी झिझक होती थी लेकिन हौसले और आत्मविश्वास से आज गैरेज के संचालन से हमें एक नई पहचान मिल रही है।

हर महीने मिलती इतनी सैलरी

हमें आगे बढ़ने के साथ-साथ आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिला है। यहां काम करने वाली महिला मैकेनिकों को 9 से 15 हजार रूपये तक की सैलरी मिलती है। इस काम ने इन महिलाओं को एक अलग पहचान दिलाई है। आसपास के क्षेत्र में दुपहिया वाहन का परिचालन करने वाली महिलाएं इसी गैरेज पर अपने वाहनों का सुधार कार्य करवाती है।

इन गांवों में भी चल रहे गैरेज

संस्था के डायरेक्टर राजेन्द्र बंधु बताते हैं कि संस्था के माध्यम से पिपल्याहाना, हवा बंगला और पालदा में महिला गैरेज संचालित किये जा रहे है, जिसके माध्यम से 20 से 25 महिलाएं नियमित रूप से कार्य कर रही है तथा संस्था की ओर से करीब यहां काम सीखने के बाद 100 से अधिक महिलाओं को प्रतिष्ठित दो पहिया वाहन कंपनियों के सर्विस सेन्टरों में प्लेसमेंट कराया गया।

जेंडर के आधार पर काम का बंटवारा नहीं

फर्म और सोसायटी एक्ट के तहत पंजीबद्ध संस्था के माध्यम से इस महिला गैरेज की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया हमारी सोच है कि महिलाएं स्वयं कंपनी का संचालन करते हुए अन्य वाहन कंपनियों की डीलरशिप लेकर काम करें। महिला मैकेनिक गैरेज के माध्यम से समाज में यह संदेश देने का प्रयास है कि जेंडर के आधार पर काम का बंटवारा नहीं किया जा सकता है।

कल पूरी कंपनी का करेंगी संचालन

महिलाएं पुरूषों के समान हर काम कर सकती है। बस आवश्यकता है उन्हें मार्गदर्शन और अवसर देने की। आज महिलाएं मैकेनिक है कल पूरी कंपनी का संचालन करेंगी। वे पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगी तथा रोजगार के साथ-साथ आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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