Drone Didi : भोपाल (एमपी पोस्ट)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष पहल पर 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मध्यप्रदेश सहित देश के महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिनों मंजूरी थी। मध्यप्रदेश में लगभग 05 लाख 50 हज़ार (एसएचजी) हैं।
इन्हें अधिक से अधिक ड्रोन मिलें, इसे लेकर जब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से आज भोपाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सवाल एमपी पोस्ट ने किया तो उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ड्रोन दीदियों को पर्याप्त ड्रोन दिए जा रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी पोस्ट की खबर की पुष्टि करते हुए घोषणा की कि अब ड्रोन दीदियों को ड्रोन के साथ एक नहीं पांच-पांच बैटरी दी जाएंगी।
बैटरी के कारण हो रही थी दिक्कत
उन्होंने कहा कि ड्रोन दीदी एक कल्पना है। महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की ड्रोन दीदियों को ट्रेनिंग दी गई है। वे बहुत अच्छा सक्सेस फुल काम कर रही हैं। बीच में एक समस्या आयी थी कि ड्रोन उड़ाने वाली बैटरी का समय काफी कम था। इसलिए ड्रोन दीदी परेशान हो जाती थी कि अब वे क्या करें। हमने रास्ता निकाला कि अब ड्रोन दीदियों को एक नहीं 05-05 बैटरियां दी जाएंगी जिससे एक डिस्चार्ज हो तो दूसरी का इस्तेमाल कर ड्रोन उड़ा सकें।
डिजिटल कृषि मिशन के यह फायदे
उन्होंने डिजिटल कृषि मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल कृषि मिशन के बहुत फायदे होंगे। इससे रिकॉर्ड में हेराफेरी नहीं हो सकेगी। रिमोट सेंसिंग के माध्यम से फसल के नुकसान का आंकलन होने से फसल बीमा योजना का पूरा लाभ मिलेगा।
किसानों को डिजिटल माध्यम से जितना लाभ दिया जा सकता है उतना देने के प्रयत्न जारी हैं। स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को ड्रोन दिये गये हैं। ड्रोन में बैटरी जल्दी खत्म होने की समस्या आ रही है तो उन्हें अब ड्रोन की 5 बैटरी दी जायेंगी।
डीजीसीईएस देगा उपज का अनुमान
कृषि निर्णय सहायता प्रणाली फसलों, मिट्टी, मौसम, जल संसाधनों आदि पर रिमोट सेंसिंग आधारित जानकारी को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक भू-स्थानिक प्रणाली बनाएगी।
डिजिटल आम फसल अनुमान सर्वेक्षण (डीजीसीईएस) वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए फसल-कटाई प्रयोगों के आधार पर उपज का अनुमान देगा। ये पहल कृषि उत्पादन का सटीक अनुमान लगाने में बहुत उपयोगी साबित होगी।
किसान प्राथमिक लाभार्थी के रूप में लक्षित
उन्होंने बताया कि डिजिटल कृषि मिशन जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन पर केंद्रित है, जिसमें किसानों को प्राथमिक लाभार्थियों के रूप में लक्षित किया गया है।
इसमें फसल क्षेत्र और उपज पर सटीक आंकड़ों के माध्यम से सरकारी योजनाओं, फसल बीमा और ऋण प्रणालियों में दक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि, बेहतर आपदा प्रतिक्रिया और बीमा दावों के लिए फसल मानचित्र निर्माण और निगरानी जैसे अनेक डिजिटल आधारित नवाचार शामिल हैं।
ड्रोन दीदियों को मिलेंगे 15 हजार ड्रोन
स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को इस योजना के तहत 2023-24 से 2025-2026 की अवधि के दौरान चरणबद्ध तरीके से 15,000 चयनित एसएचजी को कृषि उद्देश्य के लिए किसानों को किराये की सेवाएं प्रदान करने के लिए ड्रोन उपलब्ध कराना है।
यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू), ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी) और उर्वरक विभाग (डीओएफ), महिला स्वयं सहायता समूहों और प्रमुख उर्वरक कंपनियों (एलएफसी) के संसाधनों और प्रयासों को एकीकृत करके समग्र हस्तक्षेप करेगा।
चुने जाएंगे उपयुक्त क्लस्टर
मध्यप्रदेश सहित देश के ऐसे उपयुक्त क्लस्टरों की पहचान की जाएगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से व्यवहार्य है। इन पहचाने गए क्लस्टरों में विभिन्न राज्यों में प्रगतिशील 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए चुना जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव यह बोले
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बीते 11 मार्च 2024 को नमो ड्रोन दीदी अभियान के तहत, मध्यप्रदेश के 89 महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को आधुनिक ड्रोन प्रदान किए हैं। नवीन योजना के तहत मध्यप्रदेश को ज्यादा से ज्यादा ड्रोन मिले ऐसा प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करेंगे।
ड्रोन खरीदने 80 प्रतिशत मिलेगी मदद
ड्रोन की खरीद के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन और सहायक उपकरण, सहायक शुल्क की लागत का 80 प्रतिशत की दर से केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम आठ लाख रुपये तक होगी।
स्वयं सहायता समूहों के क्लस्टर स्तरीय संघ (सीएलएफ) राष्ट्रीय कृषि अवसंरचना वित्तपोषण सुविधा (एआईएफ) के तहत ऋण के रूप में शेष राशि (खरीद की कुल लागत में से सब्सिडी घटाकर) जुटा सकते हैं। एआईएफ ऋण पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी।
चयन के लिए यह रहेगी योग्यता
महिला स्वयं सहायता समूहों की एक सदस्य जो अच्छी तरह से योग्य हो, जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो, उसे एसआरएलएम और एलएफसी द्वारा 15 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा, जिसमें 5 दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और पोषक तत्व और कीटनाशक आवेदन के कृषि उद्देश्य के लिए अतिरिक्त 10 दिवसीय प्रशिक्षण शामिल है।
एसएचजी के अन्य सदस्य, परिवार के सदस्य जो बिजली के सामान, फिटिंग और यांत्रिक कार्यों की मरम्मत करने में रुचि रखते हैं, उन्हें राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और एलएफसी द्वारा चुना जाएगा, जिन्हें ड्रोन तकनीशियन, सहायक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये प्रशिक्षण ड्रोन की आपूर्ति के साथ एक पैकेज के रूप में प्रदान किए जाएंगे। (ड्रोन पर क्रमश:)
देश-दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com