Arvind Kejriwal Arrest : केजरीवाल के जेल जाने के बाद भी केन्‍द्र सरकार के नियंत्रण में होगी दिल्‍ली! जानें क्‍या कहता हैं कानून

Arvind Kejriwal Arrest : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एड ने गिरफ्तार कर लिया है। 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ के लिए उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले वह 9 समन भेज चुकी थी, लेकिन एक बार भी केजरीवाल पेश नहीं हुए। आज उनकी कोर्ट में पेशी है। जहां उनसे पूछताछ होगी। यदि पूछताछ के लिए ED केजरीवाल की कस्टडी मांगती है और केजरीवाल जेल में रहते हैं तो क्या होगा? क्या वह जेल के अंदर से सरकार चलाएंगे या केंद्र के नियंत्रण में दिल्ली आ जाएगी।

इसको लेकर क्या कानून है, इसकी जानकारी हम आपको दे रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस करने वाले वकील और कानून के जानकार विनीत जिंदल का कहना है कि कानून के अनुसार दोषी ठहराए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 अयोग्यता प्रावधानों की रूपरेखा देता है, लेकिन पद से हटाने के लिए दोषसिद्धि जरूरी नहीं है। मौजूदा मुख्यमंत्री के लिए सिर्फ इस्तीफा एक नैतिक विकल्प हो सकता है। मुख्यमंत्री कुछ अनुमतियों के साथ जेल से ही शासन चला सकते हैं। जैसे कि कैबिनेट बैठक आयोजित करना, जेल मैनुअल के अनुसार अदालत की मंजूरी के साथ फाइलों पर साइन करना आदि।

इस स्थिति में देना पड़ सकता इस्तीफा (Arvind Kejriwal Arrest)

कानून के मुताबिक उप राज्यपाल अनुच्छेद 239एबी के तहत राष्ट्रपति शासन के लिए “संवैधानिक मशीनरी की विफलता” को उचित ठहरा सकते हैं। इससे संभावित रूप से केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ सकता है और निर्देश मिलने पर केंद्र सरकार दिल्ली को अपने नियंत्रण में ले सकती है।

सीएम बने रहने के लिए जेल से राहत की आवश्यकता

(Arvind Kejriwal Arrest)

एलजी की भूमिका के संबंध में केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए जेल से राहत की आवश्यकता होगी या एलजी दिल्ली के शासन को लेकर अनुच्छेद 239 एए के तहत सरकार को निलंबित करने के लिए राष्ट्रपति को शामिल कर सकते हैं।

जेल में मिलने के होते हैं नियम (Arvind Kejriwal Arrest)

जेल मैन्युअल को देखें तो दिल्ली की जेल में हफ्ते में दो बार मुलाकात करवाई जाती है। चाहे अंडर ट्रायल हो या कनविक्ट हो। जैसे ही कैदी जेल में आता हैं, उसको नाम देने होते कि वह किस-किस से मिलना चाहेगा। 10 लोगों के नाम उसे देने होते हैं, जो 10 नाम वह देगा उसमें से ही कोई बंदा जेल में टेलीफोन करेगा। उसे टेलीबुकिंग कहते हैं। वह वहां बताएगा कि वह किस तारीख को बंदी से मिलने के लिए आना चाहता है। जेल ऑपरेटर उसको बताता है कि हां इस दिन आ जाइए, ताकि उसको कन्वीनियंस रहे।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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