Aadi Karmyogi Abhiyan: आदि कर्मयोगी अभियान में मध्यप्रदेश और बैतूल जिले ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इस उपलब्धि पर आज 17 अक्टूबर को आयोजित नेशनल कॉन्क्लेव ऑन आदि कर्मयोगी अभियान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मध्यप्रदेश और बैतूल जिले को सम्मानित करेंगी। जिले की ओर से बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी यह सम्मान ग्रहण करेंगे।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी, जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन और सहायक आयुक्त आदिवासी विवेक पांडे गुरुवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं। बैतूल जिले को बेस्ट परफॉर्मिंग जिला श्रेणी में सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा 3 और श्रेणियों में भी मध्यप्रदेश को सम्मानित किया जाएगा।
इन 3 श्रेणियों में भी होगा सम्मान
बैतूल के अलावा मध्यप्रदेश राज्य को बेस्ट परफॉर्मिंग राज्य के लिए, पीएम जनमन योजना के लिए शिवपुरी को बेस्ट परफॉर्मिंग जिला श्रेणी में तथा बेस्ट परफॉर्मिंग सुपर कोच/स्टेट मास्टर ट्रेनर श्रेणी में श्रीमती सारिका धौलपुरिया, असिस्टेंट रिसर्च ऑफिसर मध्यप्रदेश को सम्मानित किया जाएगा। सम्मान समारोह दिल्ली के विज्ञान भवन में होगा।

बैतूल जिले का इस लिए चयन
बैतूल जिले को इस सम्मान के लिए जिले में आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, सामाजिक-आर्थिक उत्थान और जनजातीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के उत्कृष्ट कार्यों के लिए चुना गया है।
जिले में इस अभियान के अंतर्गत आधार कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड और राशन कार्ड जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का 100 प्रतिशत से अधिक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है।
इन योजनाओं में भी बेहतर कार्य
इसके अलावा प्रधानमंत्री जन धन योजना और आदिवासी समुदाय के लिए संचालित अन्य योजनाओं के भी बेहतर परिणाम सामने आए हैं। इस अभियान के माध्यम से बैतूल में आदिवासी समाज को आत्मनिर्भर, जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं।

आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य
प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी आदि कर्मयोगी अभियान के तहत बैतूल जिले के जनजातीय बाहुल्य गांवों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा को सशक्त बनाना है।
जिले के 554 गांवों को किया शामिल
अभियान के तहत जिले के 10 विकासखंडों के 554 गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है। इनमें भैंसदेही के 71, भीमपुर के 109, आठनेर के 51, बैतूल के 62, चिचोली के 42, घोड़ाडोंगरी के 86, शाहपुर के 66, मुलताई के 9, प्रभात पट्टन के 26 और आमला के 32 गांव शामिल हैं। ये सभी ऐसे गांव हैं, जहां 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या जनजातीय समुदाय की है।

इन कार्यों पर किया जा रहा फोकस
योजना के तहत प्रशासन द्वारा इन गांवों में निवासरत पात्र व्यक्तियों की सूची तैयार की जा रही है। इस सूची में शामिल लोगों के आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं ताकि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
17 विभागों के समन्वय से संचालन
उन्होंने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान के तहत शासन के 17 विभाग मिलकर इन गांवों की तस्वीर बदलने के लिए कार्य किया गया है। योजना के तहत जनजाति कार्य विभाग द्वारा जिले के तीन विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य गांवों का चयन किया गया हैं, जहां सभी विभागों के समन्वय से विभिन्न कार्य किया गया।

गांवों में बनाए गए आदि सेवा केंद्र
इसके साथ ही ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। योजना के तहत गांवों में आदि सेवा केन्द्र बनाए गये है। जहां ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इस योजना को लेकर प्रतिदिन कठिन कार्यालय से समीक्षा की जा रही है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहा विलेज विजन प्लान
जनजातीय कार्य विभाग सहायक आयुक्त विवेक पाण्डेय ने बताया प्रत्येक गांवों में 2 अक्टूबर से ग्राम सभाओं का आयोजन कर विलेज विजन 2030 प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें गांव की समस्याओं लोगों की आवश्यकताओं आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, रोजगार उपलब्ध कराने जैसे विषयों पर काम किया जा रहा है।
विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग प्लान
योजना के तहत 17 विभाग मिलकर इन गांवों के कार्य करेंगे बिजली, पानी सड़क से संबंधित कार्यों के लिए प्लानिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी गांवो का अलग-अलग प्लान बनाया गया है। वहां से इसे विकासखंड स्तर और फिर जिला स्तर पर भेजा जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर सभी 554 गांवों का सामूहिक प्लान तैयार किया जाएगा। इससे यह तय किया जाएगा कि किस जगह क्या काम होना है, इसके बाद प्लान राज्य व केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।
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सप्ताह में एक दिन होगी बैठक
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत चिन्हित गांवों में आदि सेवा केन्द्र बनाए गए है। यहां ग्राम व विकासखंड स्तर के अधिकारियों के नाम और नंबर दीवार पर चस्पा किए गये हैं। ये सभी अधिकारी सप्ताह में एक दिन गांव आकर बैठक लेकर गांव की समस्याओं पर ग्रामीणों से चर्चा करेंगे।
इसके बाद ग्राम पंचायत स्तर की समस्याओं का वही निराकरण किया जाएगा, जबकि विकासखंड स्तर का विकासखंड व जिला स्तर की समस्याओं का जिला स्तर से निराकरण किया जाएगा। इन आदि सेवा केन्द्रो का संचालन आदि साथी,आदि कर्मयोगी, आदि विद्यार्थी के आपसी सहयोग एवं समन्वय से किया जाएगा।
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