8th Pay Commission ToR: देश भर के सरकारी कर्मचारी और पेंशनर बीते कई महीनों से जिस खुशखबरी का इंतजार कर रहे थे, आखिर वो खुशखबरी उन्हें मिल ही गई है। यह बड़ी खुशखबरी 8वें वेतन आयोग को लेकर है। केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के टम्र्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। वेतन आयोग के गठन के ऐलान के बाद से ही कर्मचारी इसके मंजूर होने का इंतजार कर रहे थे।
8वें वेतन आयोग के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को चेयरमैन बनाया गया है। वहीं कमीशन में मेंबर (पार्ट टाइम) के रूप में आईआईटी बैंगलोर में प्रोफेसर पुलक घोष और मेंबर-सेक्रेटरी के रूप में वर्तमान पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन को नियुक्त किया गया है। यह कमीशन बनने की तारीख से 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देगा। जरूरी हुआ तो यह किसी भी मामले पर सिफारिशें फाइनल होने पर बीच-बीच में रिपोर्ट भी भेज सकता है।
16 जनवरी को हुआ था ऐलान
गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। टम्र्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी मंत्रालयों और अन्य विभागों के साथ कई दौर के विचार-विमर्श के बाद मिली है। इस परामर्श में संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र के कर्मचारी पक्ष को भी शामिल किया गया था। 8वें वेतन आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करनी होंगी, ताकि समय से लाभ मिल सके।

वेतन आयोग के क्या होते हैं काम
केंद्रीय वेतन आयोग समय-समय पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, सेवानिवृत्ति लाभ और सेवा नियमों से जुड़े अलग-अलग मामलों की जांच करने और उनमें जरूरी बदलावों के बारे में सुझाव देने के लिए बनाए जाते हैं। आमतौर पर वेतन आयोग की सिफारिशें हर दस साल के अंतराल के बाद लागू की जाती हैं। इस ट्रेंड को देखते हुए, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का असर 1 जनवरी 2026 से होने की उम्मीद है।
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कितना बढ़ सकता है वेतन
नए वेतन आयोग के लागू होने से 50 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा। लेवल-1 के केंद्रीय कर्मचारियों का मूल वेतन 18000 रूपये से बढक़र 44000 रूपये हो सकता है। संभावना जाहिर की जा रही है कि 2.46 का फिटमेंट फैक्टर आयोग लागू कर सकता है।

पिछली बार कितना था फिटमेंट फैक्टर
आम तौर पर हर वेतन आयोग में मूल वेतन बढ़ाया जाता है। पिछली बार 7वें वेतन आयोग ने 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से वेतन तय किया था। इस बार कर्मचारियों की उम्मीद है कि यह अनुपात थोड़ा और बढ़ेगा, जिससे उनकी सैलरी में अच्छा इजाफा हो सके।
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आयोग को इन बातों का रखना होगा ध्यान
अपनी सिफारिशें देते समय कमीशन को भी कई बातों का ध्यान रखना होगा। इनमें प्रमुख रूप से शामिल है-
- देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय समझदारी की जरूरत।
- यह पक्का करने की जरूरत कि डेवलपमेंट खर्च और वेलफेयर उपायों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों।
- नॉन-कंट्रीब्यूटरी पेंशन योजनाओं का बिना फंड वाला खर्च।
- राज्य सरकारों के फाइनेंस पर सिफारिशों का संभावित असर, जो आमतौर पर कुछ बदलावों के साथ सिफारिशों को अपनाती हैं।
- सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को मिलने वाला मौजूदा वेतन ढांचा, फायदे और काम करने की स्थितियां।
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