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यह कैसा मध्यान्ह भोजन… दाल में तैर रही थी इल्लियां, पालकों ने स्कूल पहुंचकर मचाया हंगामा, जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग

यह कैसा मध्यान्ह भोजन... दाल में तैर रही थी इल्लियां, पालकों ने स्कूल पहुंचकर मचाया हंगामा, जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग

▪️दिलीप पाल, आमला

सरकारी स्कूलों में ना तो पढ़ाई-लिखाई तरीके से हो रही है और न ही बच्चों को मध्यान्ह भोजन ही गुणवत्तायुक्त नसीब हो पा रहा है। ऐसा ही एक मामला रमली के प्राथमिक शाला में सामने आया है। जहां तुअर दाल में इल्लियां तैर रही थी। यही भोजन बच्चों को परोस दिया गया। बच्चों ने दाल में इल्लियां तैरते देखी तो इसकी सूचना शिक्षकों को दी। जिसके बाद ग्राम पंचायत के उपसरपंच व ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर भोजन की जांच की। उसमें भी इल्लियां पाई गई। उप सरपंच सुंदर प्रजापति, ग्रामीण दिलीप दौड़के सहित अन्य ग्रामीणों ने मामले की जानकारी अधिकारियों को दी।

ग्रामीण जगदीश अलोने, तारा चंद प्रजापति, अनिल कुबड़े ने बताया स्कूल कि में 75 बच्चे अध्ययनरत हैं। इन बच्चों के लिए मां दुर्गा समूह द्वारा मध्याह्न भोजन बनाया जाता। इसके पहले भी इस तरह की लापरवाही के मामले हो चुके हैं। मध्यान्ह भोजन भी मीनू के आधार पर नहीं बनाया जाता है। ग्राम पंचायत के सरपंच जगदीश अलोने ने बताया कि वे बोरी पंचायत में जनसुनवाई कार्यक्रम में थे। जिसके कारण कोई कार्रवाही या पत्राचार सबंधित विभाग के अधिकारियों को नहीं कर पाए। ग्रामीणों के साथ चर्चा कर समूह के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

गुणवत्तापूर्ण नहीं बनता भोजन

माँ दुर्गा समूह द्वारा स्कूल में बांटे जाने वाला भोजन गुणवत्तापूर्ण और साफ-सफाई से नहीं बनाया जाता है। यह आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। ग्रामीण खुश्याल, यादोराव, दीपू भोंडे ने बताया कि समूह द्वारा जो भोजन परोसा जाता है, उसमें गुणवत्ता नहीं रहती है। दाल, सब्जी पतली होने से बच्चे रूचि से भोजन नहीं खाते और जैसे-तैसे भोजन करके शेष भोजन फेंक रहे हैं। इसके अलावा प्रतिदिन बच्चों को मीनू के हिसाब से भोजन भी नहीं दिया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि समूह द्वारा बच्चों के आहार में न सिर्फ गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है बल्कि छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। इसके बावजूद शिकायतों के बाद भी मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

यहां देखें मध्‍यान्‍ह भोजन में निकली इल्‍ली का वीडियो

ग्रामीणों ने मचाया हंगामा, समूह पर कार्यवाही की मांग

मध्यान्ह भोजन में इल्लियां निकलने की घटना ग्रामीणों ने मोबाइल में भी कैद की है। ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर भोजन की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल खड़े किये। ग्रामीण दीना दोडके, दिलीप दोड़के, सुंदर प्रजापति ने कहा कि सरकार बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के लिए प्रयास कर रही है, तो वहीं समूह द्वारा गुणवत्ताविहीन भोजन पकाया जा रहा है। न तो दाल में कोई गुणवत्ता होती है और न ही रोटियां सही तरह से सेकी जाती है। आधा कच्चा-पका भोजन बच्चों को परोसा जा रहा है। जिससे बच्चों की सेहत पर असर पड़ रहा है। इसके पहले भी समूह द्वारा इसी तरह भोजन में लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। ग्रामीणों ने अधिकारियों से भोजन की जांच और समूह पर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।

मॉनीटरिंग करने वाले शिक्षक भी दोषी

सरकार ने मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की जांच करने के लिए हर स्कूल में मॉनीटरिंग के लिए शिक्षकों की नियुक्ति कर रखी है। जिन्हें मध्याह्न भोजन तैयार होने के बाद पहले चखना होता है। अधिकारियों द्वारा भी पूर्व में कई बार इसके लिए निर्देश जारी किया जा चुका है, लेकिन स्कूल में भोजन पकने के बाद शिक्षकों द्वारा नहीं चखा जाता है। भोजन बनकर तैयार होते ही सीधे बच्चों को बांट दिया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि माँ दुर्गा समूह द्वारा जहां भोजन पकाया जाता है, वहां साफ-सफाई भी नहीं रखी जाती है। इस ओर भी स्कूल के शिक्षक ध्यान नहीं देते है। अधिकारियों को समूह के साथ-साथ जिम्मेदार शिक्षकों पर भी कार्रवाही करनी चाहिए।

इनका कहना है…

रमली के प्राथमिक शाला में मध्यान भोजन में इल्लियां निकलने की शिकायत मिली है। स्कूल में पहुंचकर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

मनीष धोटे, बीआरसी, आमला

स्कूल में संचलित स्व सहायता समूह और शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि स्कूल में मध्यान्ह भोजन किस प्रकार का बनाया जा रहा है। लापरवाही बरती जा रही है। इसलिए शिकायत करके समूह और शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।

जगदीश अलोने, सरपंच, ग्राम पंचायत, रमली

मैं अभी व्यस्त हूं। इस संबंध में आपसे कोई बात नहीं करनी है।

हेमराज चौहान, प्रधान पाठक, प्राथमिक शाला, रमली

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