Cabinet decisions: कैबिनेट में बड़े फैसले, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रमोशन कोटा बढ़ा, कर्मचारियों को ट्रांसफर का तोहफा

Cabinet decisions: दिवाली के पहले देश भर में कर्मचारियों को तरह-तरह के गिफ्ट दिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी विभिन्न राज्यों में तरह-तरह की सौगात मिल रही हैं। कुछ समय पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 2-2 हजार रुपये बतौर उपहार दिए जाने की घोषणा की थी। अब उत्तराखंड सरकार ने भी इन्हें बड़ा तोहफा दिया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में आठ विभागों से संबंधित नीतिगत और प्रशासनिक फैसले लिए गए। इनका सीधा असर राज्य के महिला-बाल विकास, स्वास्थ्य और आवास क्षेत्रों पर पड़ेगा।

कैबिनेट में लिया गया सबसे बड़ा फैसला

कैबिनेट के फैसलों में सबसे बड़ा निर्णय महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ा रहा। सरकार ने उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन का उद्देश्य केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार राज्यभर में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में बदलना है।

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सुपरवाइजर पद पर किया जाएगा प्रमोट

इस बदलाव के बाद मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पदोन्नति का अवसर मिलेगा और उन्हें सुपरवाइजर पद पर प्रमोट किया जाएगा। इससे प्रदेश भर में काम कर रही हजारों महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा।

प्रमोशन का कोटा भी 40 से हुआ 50 प्रतिशत

सरकार ने इस नियमावली में एक और अहम संशोधन किया है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सुपरवाइजर पद पर प्रमोशन का कोटा 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले केवल 40 प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह अवसर मिलता था, लेकिन अब आधी कार्यकर्ता सीधी सुपरवाइजर बन सकेंगी। इस निर्णय से कार्यकर्ताओं के लिए पदोन्नति के रास्ते खुलेंगे।

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फ्रिज जोन से आंशिक रूप से किया मुक्त

कैबिनेट ने शहरी विकास और निर्माण से जुड़े एक अन्य प्रस्ताव पर भी सहमति दी। रायपुर विधानसभा क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों को फ्रिज जोन से आंशिक रूप से मुक्त किया गया है। अब इन प्रस्तावित क्षेत्रों में छोटे घरों और दुकानों के निर्माण की अनुमति दी जाएगी। इन इलाकों को लो डेंसिटी एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि जनसंख्या का संतुलित विस्तार हो सके। निर्माण के लिए मानक और दिशा-निर्देश आवास विकास विभाग तय करेगा।

पांच साल बाद करवा सकेंगे म्युचुअल ट्रांसफर

बैठक में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिली। कैबिनेट ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और हेल्थ सुपरवाइजर की सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी।

संशोधन के तहत अब स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक अपनी सेवा के पांच वर्ष पूरे करने के बाद जीवनकाल में एक बार पारस्परिक स्थानांतरण कर सकेंगे। इसका मतलब यह हुआ कि दो कर्मचारियों की आपसी सहमति से एक-दूसरे के कार्यस्थल की अदला-बदली की जा सकेगी।

ट्रांसफर के बाद चली जाएगी वरिष्ठता

नए स्थान पर कार्यरत होने के बाद संबंधित कर्मचारी अपने नए जिले के कैडर में सबसे जूनियर माने जाएंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने यह भी तय किया है कि खाली पद उपलब्ध होने पर कर्मचारियों का ट्रांसफर पहाड़ से पहाड़ या मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय जिलों में किया जा सकेगा। इसके लिए विभाग जल्द ही स्पष्ट मानक तैयार करेगा।

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