भोपाल। Ujjain Simhastha 2028 मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन सिंहस्थ 2028 की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव समय-समय पर सिंहस्थ की तैयारियों की बैठक भी ले रहे हैं। श्रीमहाकाल महालोक बनने के बाद जिस तरह से उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है, उसे ध्यान में रखते हुए सिंहस्थ क्षेत्र के विस्तार और भूमि उपयोग के नए विकल्प पर विचार करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सिंहस्थ में भूमिका निभाने वाले सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के साथ उज्जैन कमिश्नर, महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शामिल किया है।
Ujjain Simhastha 2028 टास्क फोर्स वर्ष 2004 और 2016 में हुए सिंहस्थ की संपूर्ण मेला क्षेत्र की योजना, भूमि आवंटन और आरक्षण के अभिलेखों का परीक्षण करके प्रतिवेदन तैयार करने में जुट गया है। 12 विभागों को मिलाकर गठित टास्क फोर्स की सोमवार को अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा बैठक लेंगे। वे इस दौरान विभागों द्वारा अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। इसके लिए 12 विभागों का प्रस्तुतीकरण भी होगा। बता दें कि सिंहस्थ को लेकर सबसे पहली बैठक उज्जैन की गई थी।
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सिंहस्थ के लिए सरकार उज्जैन के आसपास के कुछ गांवों को मिलाकर मेला क्षेत्र घोषित करती है। अखाड़ों को भूमि आवंटन के साथ पार्किंग आदि व्यवस्था के लिए भूमि आरक्षित की जाती है। 2016 में हुई सिंहस्थ में सरकार ने सभी अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने के साथ आवश्यक व्यवस्थाएं भी की थीं।
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भीड़ प्रबंधन के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई गई थी कि एक स्थान पर अधिक लोग ज्यादा समय तक न ठहरें। लोग चलते रहें। इसका ही परिणाम था कि सिंहस्थ के दौरान अव्यवस्था नहीं हुई। स्नान के लिए घाटों का निर्माण किया गया था।
टास्क फोर्स में इन विभागों के अधिकारी शामिल
टास्क फोर्स में लोक निर्माण, राजस्व, नगरीय विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिक, जल संसाधन, गृह, ऊर्जा, स्वास्थ्य, परिवहन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, वित्त, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव शामिल है। वहीं टास्क फोर्स में नगरीय विकास एवं आवास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
मोक्षदायिनी क्षिप्रा को निर्मल और अविरल बनाने की तैयारी
सिंहस्थ 2028 के पहले उज्जैन की क्षिप्रा नदी को निर्मल और अविरल बनाया जाएगा। इसके लिए कान्ह नदी सहित क्षिप्रा की सहायक नदियां भी शुद्ध की जा रही है। जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग इंदौर, उज्जैन, देवास और आलोट का एसटीपी (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान) बनाएगा। एनएमसीजी (नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा) और अमृत-1 और अमृत-2 के तहत नदियों को निर्मल बनाया जाएगा। जून 2027 तक नदियों को निर्मल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सोमवार को होने वाली बैठक में इस कार्य प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी।
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