ShriRam Raja Lok Orchha: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवाड़ी जिले के ओरछा में आयोजित समारोह के दौरान कहा कि भगवान श्रीराम का नाम ही उनकी महिमा का परिचय है। उनके गुण, आचरण और पितृभक्ति ने उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओरछा के लोग सौभाग्यशाली हैं, क्योंकि भगवान श्रीराम ने अपने दरबार के लिए इसी पवित्र भूमि का चयन किया। यहां के लोगों को प्रतिदिन श्रीराम राजा सरकार के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को ओरछा में श्रीराम राजा लोक के दूसरे चरण के निर्माण कार्यों के भूमिपूजन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजन-अर्चन कर विकास कार्यों की नींव रखी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने श्रीराम राजा मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की और पहले चरण में चल रहे निर्माण कार्यों का स्थल पर जाकर निरीक्षण किया।
श्रीराम वन गमन पथ का विकास
मुख्यमंत्री ने बताया कि ओरछा के साथ चित्रकूट में भी लगभग 2200 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। सरकार का उद्देश्य श्रीराम वन गमन पथ और श्रीकृष्ण के लीला स्थलों को तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक राशि स्वीकृत कर दी गई है।

निवाड़ी को नगर परिषद का दर्जा
मुख्यमंत्री ने निवाड़ी को नगर पालिका परिषद का दर्जा देने के लिए शीघ्र परीक्षण कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ओरछा को धार्मिक पर्यटन के साथ एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर सेवाओं से जोड़ा जाएगा। इसके लिए एयर स्ट्रिप का निर्माण किया जाएगा। साथ ही नेंदुआ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उन्नत कर नया अस्पताल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नई सड़कों के निर्माण की भी घोषणा की।
332 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या और ओरछा का धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराना है। उन्होंने बताया कि ओरछा के बुंदेला शासक मधुकर शाह की रानी गणेशकुंवरी भगवान श्रीराम की परम उपासक थीं और उन्होंने ही 16वीं शताब्दी में भगवान श्रीराम को अयोध्या से ओरछा लाया था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ओरछा में भगवान श्रीराम राजा के रूप में पूजे जाते हैं, जो पूरे देश में अद्वितीय परंपरा है। उन्होंने कहा कि निवाड़ी जिले को आज 332 करोड़ 85 लाख रुपये की लागत से 21 से अधिक विकास कार्यों की सौगात दी जा रही है।

पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण
उन्होंने कहा कि पहले चरण में श्रीराम राजा लोक के 130 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया जा रहा है, जबकि दूसरे चरण के 125 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों की आधारशिला रखी जा रही है। इसके साथ ही ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और पुरातात्विक परिसर के विकास का भी भूमिपूजन किया गया।
पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम राजा लोक के पहले चरण में 5.50 करोड़ रुपये की लागत से 103 नई दुकानों और प्लाजा का निर्माण किया गया है, जिसका लोकार्पण किया जा रहा है। इनसे ओरछा आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को और अधिक सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि ओरछा में श्रीराम राजा लोक के दोनों चरणों सहित सात विकास परियोजनाओं पर लगभग 239 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रगति पर हैं।

क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
उन्होंने कहा कि निवाड़ी प्रदेश का दूसरा ऐसा जिला है जहां हर घर में नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है। केन-बेतवा परियोजना से भी इस क्षेत्र को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम राजा लोक का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास की दृष्टि से भी बड़ा कदम है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
यहां भी शुरू किए जाएंगे होम स्टे
उन्होंने बताया कि लाड़पुरा खास और राधापुर की महिलाओं द्वारा संचालित होम-स्टे मध्यप्रदेश में पहले और दूसरे स्थान पर रहे हैं। चंदपुरा और जमुनियां खास में भी एक दर्जन नए होम-स्टे शुरू किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवाड़ी औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। पृथ्वीपुर में 3200 करोड़ रुपये की लागत से पेसिफिक इंडस्ट्री मेटल लिमिटेड द्वारा इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा।
ओरछा में टूरिस्ट एक्सपीरियंस सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओरछा अब वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में अपनी नई पहचान बना रहा है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत ओरछा में टूरिस्ट एक्सपीरियंस सेंटर, हुनरशाला, एंट्री प्लाजा और यात्रा पथ का विकास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूनेस्को की हिस्टोरिकल अर्बन लैंडस्केप पहल के तहत ओरछा को चयनित किया गया है और केंद्र सरकार ने वर्ष 2027-28 में इसे विश्व धरोहर के रूप में मान्यता देने के लिए सिफारिश की है।
सांस्कृतिक और धार्मिक नगरों में शराबबंदी
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले स्थानों के विकास के लिए 18 प्रकार के लोकों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आस्था के इन स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए ओरछा सहित सभी धार्मिक नगरों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई है। उन्होंने बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 6 करोड़ रुपये की लागत से ओरछा रेलवे स्टेशन का भी लोकार्पण किया गया है।
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श्रद्धालुओं के लिए भोजन सुविधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के छह प्रमुख धार्मिक नगरों- मैहर, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा और अमरकंटक में दीनदयाल रसोई योजना का विस्तार किया गया है, जिसके अंतर्गत श्रद्धालुओं को मात्र 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सिंहस्थ 2028 में जब श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के बाद लौटें तो वे ओरछा की भव्यता भी देखने आएं।
सिंहस्थ के बाद ओरछा आएंगे श्रद्धालु
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार प्रयागराज कुंभ के बाद श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे, उसी तरह सिंहस्थ आने वाले भक्त ओरछा का दर्शन करेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि ओरछा की आधारभूत सुविधाएं और पर्यटन व्यवस्थाएं इतनी विकसित होंगी कि यह स्थान प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्रों में शामिल होगा।
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