Farmers Complaints Review: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतों के समाधान की समीक्षा करने के लिए नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसानों से जुड़ी सभी शिकायतों के लिए एक ही पोर्टल होना चाहिए, ताकि समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में आने वाली शिकायतों का समय पर निपटान सरकार की प्राथमिकता है।
लगातार दर्ज करा रहे किसान समस्याएं
बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान अधिकारियों ने मंत्री को उर्वरक, बीज, कीटनाशक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पीएम किसान पोर्टल पर दर्ज हो रही शिकायतों की जानकारी दी। बताया गया कि इन सभी श्रेणियों में बड़ी संख्या में किसान अपनी समस्याएं दर्ज करा रहे हैं, जिन पर लगातार काम किया जा रहा है।
निष्पक्ष समाधान के लिए पारदर्शी प्रक्रिया
अधिकारियों ने बताया कि उर्वरक की उपलब्धता, उत्पादों की अधिक कीमत, बीज की खराब गुणवत्ता, नैनो यूरिया टैगिंग से संबंधित शिकायतें अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित की गई हैं और इन पर कार्रवाई की जा रही है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि किसानों की शिकायतों का हल करने के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है, ताकि हर शिकायत का निष्पक्ष समाधान हो सके।

नकली कीटनाशक मामले में 11 एफआईआर
कीटनाशक से जुड़ी शिकायतों पर जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 150 मामले सामने आए हैं। इनमें से 120 मामलों का निपटान किया जा चुका है। 11 मामलों में नकली कीटनाशकों की आपूर्ति पाई गई, जिनमें एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा, आठ कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और 24 मामलों में किसानों को मुआवजा दिलाया गया है।
किसान से सीधे संपर्क करें संबंधित अधिकारी
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि जब तक किसान पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक शिकायत को बंद नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि शिकायत का निपटान होने के बाद संबंधित अधिकारी को किसान से सीधे संपर्क करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसान समाधान से खुश हैं या नहीं। यदि किसान असंतुष्ट हो, तो दोबारा जांच कर शिकायत का उचित समाधान किया जाए।

निश्चित समय सीमा में निपटाएं शिकायतें
उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतों के निपटान के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की जानी चाहिए। किसी भी मामले को लंबे समय तक लंबित नहीं रहने दिया जाए। इससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और किसानों में भरोसा भी मजबूत होगा।
चलर कार्रवाई वाले राज्य होंगे चिन्हित
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे राज्यों की पहचान की जाए, जहां से सबसे अधिक शिकायतें आ रही हैं या जहां शिकायतों का निपटान धीमी गति से हो रहा है। इन राज्यों को सूचीबद्ध कर अगली समीक्षा बैठक में शामिल किया जाएगा, ताकि उनकी प्रतिक्रिया ली जा सके और समस्याओं के समाधान के लिए बेहतर रणनीति बनाई जा सके।
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बेहतर काम वाले अधिकारी होंगे सम्मानित
श्री चौहान ने कहा कि जिन राज्यों और अधिकारियों ने शिकायतों के समाधान में बेहतर काम किया है, उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अच्छा काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशंसा पत्र दिए जाएं, ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिले और अन्य राज्यों के अधिकारी भी प्रेरित हों।
गंभीर शिकायत पर हस्तक्षेप करेगा मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ गंभीर शिकायतों के मामलों में मंत्रालय सीधे हस्तक्षेप कर सकता है। इससे न केवल शिकायतों का तेजी से समाधान होगा, बल्कि किसानों में यह विश्वास भी बढ़ेगा कि केंद्र सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।
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नोडल अफसरों के लिए आया यह प्रस्ताव
बैठक के दौरान यह प्रस्ताव भी रखा गया कि राज्यों के नोडल अधिकारी रोजाना कम से कम दस किसानों से संपर्क कर उनकी शिकायतों पर प्रतिक्रिया प्राप्त करें। इससे न केवल शिकायतों की स्थिति पर वास्तविक जानकारी मिलेगी, बल्कि किसानों की संतुष्टि का स्तर भी समझा जा सकेगा।
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