Sahara Adani property deal: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन ने अपनी 88 संपत्तियां बेचने की योजना बनाई है। यह संपत्तियां अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी प्रॉपर्टीज को बेची जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट में अडानी ग्रुप की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह डील फिलहाल प्रक्रिया में है और कोर्ट की अनुमति के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। इस सौदे से मिलने वाली राशि का उपयोग सहारा समूह अपने पुराने बकायों और निवेशकों का पैसा लौटाने में करेगा।
माना जा रहा है कि अगर यह सौदा पूरा हो गया, तो यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी रियल एस्टेट डील में से एक होगी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जिन 88 संपत्तियों की बिक्री की बात हो रही है, उनकी अनुमानित कीमत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी
सहारा ग्रुप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच के सामने यह जानकारी रखी। यह बेंच मुख्य न्यायाधीश बीआर गवाई, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एमएम सुंदरेश की है। कपिल सिब्बल ने बताया कि अडानी प्रॉपर्टीज और सहारा ग्रुप के बीच एक टर्म शीट साइन हो चुका है और इसे सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष जमा कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति अनिवार्य है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अडानी ग्रुप इन संपत्तियों की खरीद के लिए कितनी राशि देने जा रहा है।

निवेशकों के पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू
इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सरकार ने निवेशकों के पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह रिफंड प्रक्रिया सेबी-सहारा खाते से की जा रही है। सरकार ने इसके लिए mocrefund.crcs.gov.in नामक पोर्टल भी शुरू किया है, जहां निवेशक अपने पैसे की स्थिति देख सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं।
अदालत में सरकार की ओर से पेश शेखर नफड़े ने बताया कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दो कंपनियों- सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट को सेबी-सहारा खाते में करीब 25000 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था। अब तक सहारा ने इसमें से लगभग 9481 करोड़ रुपये की राशि जमा नहीं की है।
मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर के लिए तय की है। उस दिन यह निर्णय लिया जाएगा कि अडानी प्रॉपर्टीज को प्रस्तावित बिक्री को मंजूरी दी जाए या नहीं। अगर सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलती है, तो इस डील से प्राप्त धन का एक हिस्सा निवेशकों को लौटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

सरकार ने बढ़ाई रिफंड की अधिकतम सीमा
सरकार ने निवेशकों को राहत देते हुए रिफंड की अधिकतम सीमा बढ़ा दी है। पहले निवेशक अधिकतम 10000 रुपये तक की राशि वापस पा सकते थे, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 50000 रुपये कर दी गई है। इस फैसले से छोटे निवेशकों को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है। रिफंड आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाता जरूरी दस्तावेज के रूप में मांगे गए हैं। आवेदन करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सहारा रसीद पर लिखा नाम और आपके दस्तावेजों में दर्ज नाम पूरी तरह एक जैसा होना चाहिए, अन्यथा आवेदन अस्वीकृत किया जा सकता है।
पोर्टल पर देख सकते हैं रिफंड की स्थिति
रिफंड की स्थिति जांचने के लिए निवेशक को mocrefund.crcs.gov.in पोर्टल पर जाकर “Depositor Login” विकल्प चुनना होगा। इसके बाद आधार नंबर या सहारा रसीद नंबर डालकर मोबाइल नंबर से ओटीपी के माध्यम से लॉगिन किया जा सकता है। इसके बाद स्क्रीन पर आपके रिफंड की स्थिति दिखाई देगी। यदि किसी जानकारी में गलती पाई जाती है, तो पोर्टल पर जाकर उसे सही किया जा सकता है। वहीं भुगतान का तरीका जैसे बैंक ट्रांसफर या एनईएफटी भी ऑनलाइन माध्यम से देखा जा सकता है।
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