Railway News : रेलवे में आज सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मौजूदा रिक्त पदों को भरने के बजाय सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फिर से काम पर रखने की नीति है। वर्तमान में, रेल मंत्री के अनुसार रेलवे में 2.5 लाख से 3 लाख पद रिक्त हैं। लेकिन रेलवे की ‘वापस काम पर रखने’ की नीति की के कारण युवाओं को अवसर और नौकरी नहीं मिल रही है।
यह आरोप नेशनल रेल्वे मज़दूर यूनियन (एनआरएमयू) के मुंबई स्थित मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एनआरएमयू- सीआर/केआर के महासचिव (जीएस) कॉमरेड वेणु पी. नायर ने लगाए। यह पत्रकार वार्ता गुप्त मतदान चुनाव (एसबीई) 2024 से पहले रेल कर्मचारियों के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण विभागों में 20 प्रतिशत पद खाली हैं, जिससे मौजूदा कर्मचारियों पर असंगत बोझ पड़ रहा है।
सुरक्षा मानकों से करती है समझौता
उन्होंने कहा, अधिक काम करने वाले कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे बढ़ते रेल नेटवर्क के बढ़ते कार्यभार को संभालें, जबकि कार्यबल में आनुपातिक वृद्धि नहीं होती है। यह प्रथा सीधे सुरक्षा मानकों से समझौता करती है, उत्पादकता को प्रभावित करती है। और मौजूदा कर्मचारियों को अत्यधिक कार्यभार के साथ छोड़ देती है, विशेष रूप से परिचालन, इंजीनियरिंग और सिग्नल और दूरसंचार विभागों की सुरक्षा श्रेणियों में।
बढ़ती दुर्घटनाओं पर जताई चिंता
महासचिव नायर ने रेलवे दुर्घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि को उजागर किया, जिसमें कहा गया कि एक भी दिन पटरी से उतरने या अन्य दुर्घटनाओं की रिपोर्ट के बिना नहीं गुजरता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ये घटनाएं समर्पित रेलकर्मियों की गलती नहीं हैं। उन्होंने कहा, रेल कर्मचारी जानबूझकर गलतियाँ नहीं करते हैं; कर्मचारियों की कमी और संसाधनों की कमी के कारण उन्हें ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
मूल कारणों की गहन जांच की मांग
एनआरएमयू इन दुर्घटनाओं के मूल कारणों की गहन जांच की मांग करता है, रेल प्रबंधन से सुरक्षा को प्राथमिकता देने, अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने और संरचनात्मक समस्याओं को दूर करने का आग्रह करता है, जो ऐसी घटनाओं का कारण बनती हैं। एसएंडटी तकनीशियन, लोको पायलट, स्टेशन प्रबंधक, ट्रेन प्रबंधक, पॉइंट्समैन, ट्रैकमैन और ओएचई ट्रैक्शन आदि को बनाए रखने वाले तकनीशियनों जैसे पदों पर कर्मचारियों की भारी कमी है।
देश-दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com