Promotion Formula MP: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। कैबिनेट द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2025 का अनुमोदन किया गया। इस अनुमोदन के अनुसार आरक्षित वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर उनके हितों को संरक्षित किया गया है।
अनुसूचित जनजाति के लिये 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति के लिये 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोकसेवकों को भी मेरिट के आधार पर पदोन्नति प्राप्त करने का अवसर दिया गया है।
अफसरों को ऐसे मिलेगा प्रमोशन (Promotion Formula MP)
वर्तमान वर्ष में ही आगामी वर्ष की रिक्तियों के लिए पदोन्नति समिति की बैठक कर चयन सूची बनाये जाने का प्रावधान किया गया है, अर्थात अग्रिम डीपीसी के प्रावधान किये गये है। पदोन्नति के सूत्र में वरिष्ठता का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। वरिष्ठ लोक सेवकों में से मेरिट के अनुसार न्यूनतम अंक लाने वाले लोक सेवक पदोन्नति के लिए पात्र होंगे, प्रथम श्रेणी के लोक सेवकों के लिए merit cum seniority का प्रावधान किया गया है।

परिभ्रमण की व्यवस्था की गई समाप्त (Promotion Formula MP)
पदोन्नति के सूत्र में कार्यदक्षता को प्रोत्साहित किया जाना लक्षित है, पदोन्नति के लिए अपात्रता का स्पष्ट निर्धारण किया गया है। किन परिस्थितियों में कोई लोक सेवक अपात्र होगा एवं दण्ड का क्या प्रभाव होगा यह स्पष्ट रूप से लेख किया गया है। किसी भी विभागीय पदोन्नति समिति बैठक के सन्दर्भ में निर्णय के पुनर्विलोकन के लिए रिव्यू डीपीसी की बैठक आयोजित किये जाने के लिये स्पष्ट प्रावधान किये गये है। नवीन पदोन्नति नियमों में परिभ्रमण की व्यवस्था समाप्त की गई है। इससे पदोन्नति के लिए अधिक पद हो सकेंगे। पदोन्नति समिति को शासकीय सेवक की उपयुक्तता निर्धारण करने का अधिकार दिया गया है।
आज कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों के 9 वर्ष से लंबित पदोन्नति के मामले का निराकरण किया। इसमें SC-ST सहित सभी वर्ग के कर्मचारियों-अधिकारियों के हितों का ध्यान रखा गया है। इसके माध्यम से पदोन्नति के बाद शासकीय सेवाओं में 2 लाख पद रिक्त होंगे और इन पर नये सिरे…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 17, 2025
चतुर्थ श्रेणी के लिए अंक व्यवस्था नहीं (Promotion Formula MP)
चतुर्थ श्रेणी के लिये अंक व्यवस्था नहीं होगी, केवल पदोन्नति के लिए उपयुक्त होने पर ही पदोन्नति प्राप्त हो सकेगी। अर्हकारी सेवा के लिए किसी वर्ष में की गई आंशिक सेवा को भी पूर्ण वर्ष की सेवा माना जायेगा, यदि वर्ष के एक भाग की सेवा भी की गई है तो उसे पूर्ण वर्ष की सेवा माना जाएगा। यदि किसी वर्ष में 6 माह का ही गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध है तो उसे पूर्ण वर्ष के लिये मान्य किया जा सकेगा। यदि गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं होने के कारण किसी की पदोन्नति रुकती है तो उसे पदोन्नति प्राप्त होने पर पूरी वरिष्ठता दी जायेगी। अप्रत्याशित रिक्तियों को चयन सूची/प्रतीक्षा सूची से भरे जाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है।

प्रतिनियुक्ति के लिए यह रहेगी व्यवस्था (Promotion Formula MP)
प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए शासकीय सेवक (जो आगामी वर्ष अर्थात पदोन्नति वर्ष में उपलब्ध नहीं होंगे) के पद के विरुद्ध पदोन्नति का प्रावधान किया गया है। गोपनीय प्रतिवेदनों में से यदि कोई गोपनीय प्रतिवेदन एनआरसी (नो रिपोर्ट सर्टिफिकेट), सक्षम स्तर से स्वीकृत अवकाश, पदग्रहण काल अथवा प्रशिक्षण के कारण है अथवा गोपनीय प्रतिवेदन में निर्धारित समय पर स्वमूल्यांकन के साक्ष्य है तो ऐसी स्थिति में गोपनीय प्रतिवेदन की अनुपलब्धता के आधार पर पदोन्नति नहीं रोकी जायेगी। (Promotion Formula MP)
बंद लिफाफे की नहीं होगी कार्यवाही (Promotion Formula MP)
विभागीय पदोन्नति समिति के बैठक से पूर्व केवल कारण बताओ सूचना पत्र के आधार पर बंद लिफाफा की कार्यवाही नहीं की जायेगी, जिससे अधिक लोक सेवकों को पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। कुल मिलाकर पदोन्नति के पद जिस दिन उपलब्ध हो उसी दिन उपयुक्त योग्य एवं आरक्षित वर्गों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर भरे जा सके। इस तरह से लगभग 2 लाख नए पद निर्मित होंगे। इससे प्रशासन में सुधार एवं कार्यक्षमता बढ़ेगी। (Promotion Formula MP)
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प्रदेश में शुरू होंगी 459 नवीन आंगनवाड़ियां (Promotion Formula MP)
मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना अंतर्गत विशेष जनजाति क्षेत्रों में PM-JANMAN कार्यक्रम के लिए 459 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी।स्वीकृति अनुसार 459 आंगनवाडी केन्द्रों के संचालन के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 459 पद (मानसेवी), आंगनवाड़ी सहायिका के 459 पद (मानसेवी) तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षक के 26 पद (नियमित शासकीय सेवक पद वेतनमान 25,300-80,500) के सृजन की स्वीकृति दी गयी है।
वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक योजना पर राशि का व्यय भारत सरकार द्वारा प्राप्त स्वीकृति के अनुसार किया जायेगा। योजना पर 143 करोड़ 46 लाख रूपये का व्यय अनुमानित है। इसमें केन्द्रांश राशि 72 करोड़ 78 लाख रूपये और राज्यांश राशि 70 करोड़ 68 लाख रूपये होगा । (Promotion Formula MP)
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