पीएम आवास योजना : घर खरीदने और किराए से लेने भी मिलती है सहायता

पीएम आवास योजना : घर खरीदने और किराए से लेने भी मिलती है सहायता

पीएम आवास योजना : आमतौर पर माना जाता है कि पीएम आवास योजना में केवल जमीन होने पर मकान बनाने भर के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा भले ही हो, लेकिन शहरी क्षेत्रों में योजना का दायरा काफी विस्तृत हो जाता है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) योजना के तहत मकान खरीदने और यहां तक कि किराये से लेने के लिए भी सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी, विश्व की सबसे बड़ी किफायती आवास परियोजनाओं में से एक है। वर्ष 2015 में शुरू की गई इस योजना ने देशभर में करोड़ों परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाओं सहित उनका अपना पक्का आवास प्रदान कर उन्हें नई पहचान दिलाई है। पीएमएवाई-यू के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं और बाकी आवास निर्माणाधीन हैं।

शहरी क्षेत्र में इस तरह होता क्रियान्वयन

⊕ लाभार्थी आधारित निर्माण (BLC): इसके माध्यम से ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से संबंधित व्यक्तिगत पात्र परिवारों को उनकी भूमि पर नए आवास बनाने के लिए केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है। जिन लाभार्थियों के पास उनकी अपनी भूमि नहीं है, उन्हें राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा भूमि अधिकार (पट्टा) प्रदान किया जाएगा।

⊕ भागीदारी में किफायती आवास (AHP): इसके तहत किफायती आवासों का निर्माण सार्वजनिक या निजी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा और ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

यदि लाभार्थी निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में आवास खरीदता है तो लाभार्थियों को रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर के रूप मे केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों/यूएलबी द्वारा ऐसी परियोजनाओं को व्हाइटलिस्ट किया जाएगा।

⊕ किफायती किराये के आवास (ARH): इसमें शहरी प्रवासियों कामकाजी महिलाओं/औद्योगिक श्रमिकों/शहरी प्रवासियों/बेघर/निराश्रित/छात्रों और अन्य समान हितधारकों के लाभार्थियों के लिए पर्याप्त किराये के आवासों का निर्माण किया जाता है।

एआरएच उन शहरी निवासियों के लिए किफायती और रहने की स्वच्छ जगह सुनिश्चित करता है जो स्वामित्व में अपना घर नहीं चाहते हैं या जिनके पास घर बनाने/खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं है, लेकिन उन्हें अल्पावधि के लिए आवास की आवश्यकता है।

किराए के मकान की ऐसी होती व्यवस्था

किफायती किराये के आवास (एआरएच) के लिए 2 मॉडलों के आधार पर व्यवस्था की जाती है। मॉडल 1 में सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली आवासों को किराये के आवास में परिवर्तित किया जाता है। वहीं मॉडल 2 में सार्वजनिक/निजी संस्थाएं नए किराये के आवास का निर्माण करती है।

मकान खरीदने के लिए इतनी सहायता

इसी तरह मकान खरीदने के लिए ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) के तहत मदद दी जाती है। इसमें ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी परिवारों के लिए गृह ऋण पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है।

इसमें 35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए 25 लाख रुपये तक का गृह ऋण लेने वाले लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होंते हैं।

पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी जारी की जाती है। लाभार्थी वेबसाइट, ओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं।

योजना का लाभ लेने यह पात्रता

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी अपना कोई पक्का घर नहीं है, वे पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के पात्र होंगे।

3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को ईडब्ल्यूएस में शामिल किया जाता है।
3 लाख से 6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को एलआईजी में शामिल किया जाता है।
6 लाख से 9 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों को एमआईजी के रूप में परिभाषित किया गया है।

कौनसे शहर योजना में शामिल

जनगणना 2011 के अनुसार सभी वैधानिक शहर और बाद में अधिसूचित शहर, जिसमें अधिसूचित योजना क्षेत्र, औद्योगिक विकास प्राधिकरण/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण/शहरी विकास प्राधिकरण या ऐसे किसी भी प्राधिकरण जिसे राज्य विधान के तहत शहरी नियोजन और विनियमों के कार्य सौंपे गए हैं, के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं, उन्हें भी पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत शामिल किया जाएगा।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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