Phal Padudha Ropan Yojana : फलों की खेती से करें बंपर कमाई, सरकार देती है 40 प्रतिशत अनुदान

Phal Padudha Ropan Yojana : परंपरागत खेती में परिश्रम और लागत तो खूब लगती है, लेकिन लाभ उसके अनुरूप नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों को उद्यानिकी और दुग्ध उत्पादन सहित अन्य गतिविधियों से जोड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इसका बड़ा लाभ यह होता है कि इसमें जमकर आमदनी होती है। एक बड़ी समस्या यह आती है कि इसके लिए शुरूआत में लागत थोड़ी अधिक लगाना होता है। छोटे किसान ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं होते हैं। उनकी यह समस्या दूर करने के लिए सरकार कई योजनाएं भी संचालित कर रही है।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को फलदार पौधों की खेती से जोड़ने चलाई जा रही ऐसी ही एक योजना है- फल पौधा रोपण योजना। इस योजना का लाभ लेकर किसान कुछ ही समय में अच्छी नियमित आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। आज हम इसी योजना के बारे में जानेंगे।

प्रदेश सरकार के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा फल पौधा रोपण योजना चलाई जा रही है। प्रदेश की भूमि, जलवायु तथा सिंचाई सुविधा की उपलब्धता के आधार पर यह योजना प्रदेश में संचालित है।

इन कार्यों के लिए सहायता (Phal Padudha Ropan Yojana)

योजना में कृषकों को आम, अमरूद, संतरा, मौसंबी, सीताफल, बेर, चीकू, अंगूर, टिशु कल्चर पद्धति से उत्पादित अनार, स्ट्राबेरी एवं केला, संकर बीज से उत्पादित मुनगा एवं पपीता तथा बीज से उत्पादित नींबू के उच्च एवं अति उच्च संघनता के ड्रिप सहित फल पौध रोपण के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

कितना दिया जाता है अनुदान

इस योजना में कृषकों को इकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान 60:20:20 के अनुपात में तीन वर्षों में देय है। यानी पहले साल 60 प्रतिशत और दूसरे तथा तीसरे साल में 20-20 प्रतिशत सहायता प्रदान की जाती है। योजना के अन्तर्गत प्रत्येक कृषक को 0.25 से 4.00 हेक्टेयर तक फल पौध रोपण पर अनुदान देय है।

इस तरह करते हैं चयन (Phal Padudha Ropan Yojana)

कृषक हितग्राही की वरिष्ठता सूची उद्यान अधीक्षक कार्यालय में प्राप्त आवेदन तिथि के अनुसार बनाई जाएगी। सूची बनाने की सुविधा हेतु कृषकों के आवेदन रजिस्टर में प्राप्ति की तिथि अनुसार पंजीकृत किया जावेगा। रजिस्टर के अनुसार सूची तैयार कर अनुमोदन हेतु ग्राम सभा में प्रस्तुत की जावेगी।

जमीन के साथ रूचि भी जरुरी

योजना का क्रियान्वयन कृषक की निजी भूमि में किया जावेगा। योजना का लाभ लेने हितग्राही के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होना चाहिए। हितग्राही कृषक की रुचि व इच्छा रोपण में तथा रोपित किये जाने वाले फलों में होनी चाहिए।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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