Nautapa 2023 : नौतपा 25 मई से आरंभ हो रहे हैं। गर्मी से जुड़ी मान्यता के साथ अनेक भ्रांतियां भी इसके साथ सामने आती रहती हैं। इसे दूर करने वैज्ञानिक जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि आकाश में सूर्य की परिक्रमा करती पृथ्वी हर साल 25 मई को उस स्थिति में पहुंच जाती है कि सूर्य के पीछे रोहिणी नक्षत्र आ जाता है। जिस प्रकार हर 365 दिन बाद आप अपना जन्मदिन मनाते हैं वैसे ही हर 365 दिन बाद नौतपा की खगोलीय स्थिति बनती है।
सारिका ने बताया कि वर्तमान पीढ़ी के लिये इसका टाईम टेबिल तय है। इसलिये 25 मई से 2 जून तक नवतपा का आना तय होता है। सूर्य के पीछे रोहिणी तारा आने की घटना सन 1000 में 11 मई को हुआ करती थी। सन 1400 में 17 मई को होती थी। संभवत: इस अवधि में भारत के मध्य भाग में तीव्र गर्मी होने से इस खगोलीय पर्व का सम्बंध प्रचंड गर्मी से जोड़ दिया गया हो। खगोलीय पिंडों की गति से मौसम का संबंध जोड़ते हुये इसके बारे में पसीने छुड़ाने वाला समय माना जाता है। लेकिन, जलवायु परिवर्तन में अन्य खगोलीय परिवर्तनों से यह हर बार हो यह जरूरी नहीं होता है ।
सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया में यह बताया जाता है कि नौतपा में सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती हैं जबकि कर्क रेखा के पास स्थित स्थानों में तो सूर्य की किरणें जून के तीसरे सप्ताह में लम्बवत होती हैं। इस प्रकार यह बताया जाता है कि नौतपा में सूर्य पृथ्वी के पास आता है जबकि सूर्य पृथ्वी के सबसे पास 4 जनवरी को आता है और उस समय तो शीत ऋतु रहती है l। सूर्य इस समय पृथ्वी से दूर जा रहा है और 4 जुलाई को यह साल की सबसे अधिक दूरी पर होगा। इसलिये नौतपा में न तो सूर्य की किरणें पूरी तरह सीधी पड़ती है और न ही सूर्य पृथ्वी के पास रहता है।
सूर्य की किरणों का झुकाव मध्यान में
माह | झुकाव |
मई | 88 डिग्री |
जून | 90 डिग्री |
दिसम्बर | 43 डिग्री |
सूर्य की पृथ्वी से दूरी
दिनांक | दूरी |
4 जनवरी | 14 करोड़ 70 लाख किमी से कुछ अधिक |
25 मई | 15 करोड़ 14 लाख किमी से कुछ अधिक |
4 जुलाई | 15 करोड़ 20 लाख किमी से कुछ अधिक |