MP Monsoon 2025: मानसून की बिदाई के बाद भी बारिश झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। मौसम विभाग ने केवल आज भर 9 जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके बाद मौसम पूरी तरह से खुल जाएगा। इससे धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहार पूरी तरह से साफ मौसम में मना सकेंगे।
मौसम केंद्र भोपाल द्वारा जारी बुलेटिन में जानकारी दी गई है कि केवल 17 अक्टूबर को प्रदेश के 9 जिलों में बारिश हो सकती है। इन जिलों में बड़वानी, धार, खरगौन, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा शामिल हैं। इसके बाद आने वाले दिनों में किसी भी जिले में हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना नहीं जताई गई है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
तापमान लगातार हो रहा कम
दूसरी ओर उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण प्रदेश का तापमान लगातार कम हो रहा है। इससे ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में बुधवार-गुरुवार की रात सबसे कम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान खंडवा में रहा। इसके अलावा खरगौन और छतरपुर के नौगांव में 16.2, राजगढ़ में 17.6, दतिया में 17.7 और शिवपुरी में 18 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा।

दस साल में तीसरी बार सबसे ज्यादा बारिश
इस बार मध्यप्रदेश में मानसून ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। पूरे तीन महीने 28 दिन तक बारिश का दौर जारी रहा और राज्य ने पिछले दस वर्षों में तीसरी बार सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड बनाया। मौसम विभाग के अनुसार, इस सीजन में औसतन से 15 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
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गुना सबसे आगे, श्योपुर में दोगुनी वर्षा
राज्य के विभिन्न जिलों में बारिश का वितरण असमान रहा। गुना इस बार सबसे अधिक बारिश वाला जिला रहा, जहां कुल 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं श्योपुर जिले में औसत से 216.3 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जो पूरे प्रदेश में सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस अच्छी बारिश से न केवल सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध रहेगा बल्कि पेयजल संकट से भी राहत मिलेगी। भू-जल स्तर में भी सुधार की उम्मीद है।

भोपाल में औसत से अधिक बरसे बदरा
राजधानी भोपाल में इस बार औसत से 13 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। लगातार हुई वर्षा से बड़ा तालाब, भदभदा और कलियासोत डैम पूरी तरह भर गए। इससे शहरवासियों को आने वाले महीनों में जल संकट की चिंता नहीं रहेगी।
मौसम विभाग का अनुमान भी पार
मौसम विभाग ने इस साल प्रदेश में सामान्य से 106 प्रतिशत वर्षा का अनुमान जताया था, लेकिन वास्तविकता में यह आंकड़ा 15 प्रतिशत ज्यादा निकल आया। खास तौर पर ग्वालियर-चंबल संभाग में तो सामान्य से दोगुनी बारिश दर्ज की गई।
अधिकांश जिलों में कोटा हुआ फुल
राज्य के इंदौर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के 50 जिलों में वर्षा का कोटा पूरा रहा। वहीं, भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के चार जिले — उज्जैन, शाजापुर, बैतूल और सीहोर ऐसे रहे, जहां वर्षा औसत से थोड़ी कम रही। इनमें से उज्जैन, सीहोर और बैतूल में 94 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य के आसपास मानी जाती है।
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शाजापुर में सबसे कम बारिश
शाजापुर जिला इस बार सबसे कम बारिश वाला इलाका रहा। यहां केवल 28.9 इंच पानी गिरा, जो कोटे का 81.1 प्रतिशत है। इस कारण यह जिला ‘कम वर्षा’ की श्रेणी में आ गया है। हालांकि, बाकी जिलों में मानसून की मेहरबानी से फसल और जल स्रोत दोनों ही लाभान्वित हुए हैं।
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