MP employee promotion 2025: मध्यप्रदेश में लाखों कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया में आई तेजी, सीएस ने ली अहम बैठक

MP employee promotion 2025: मध्यप्रदेश में लाखों कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया में अब तेजी दिखाई दे रही है। शुक्रवार को इस मसले को लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। बैठक में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों ने हिस्सा लिया।

मुख्य सचिव ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि एससी, एसटी और अन्य वर्गों की पदोन्नति स्थिति स्पष्ट करने वाली रिपोर्ट 23 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से तैयार की जाए। यह रिपोर्ट विभागवार तैयार की जाएगी और फिर सभी विभागों की रिपोर्टों को मिलाकर एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह संयुक्त रिपोर्ट 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।

रिपोर्ट में स्पष्ट हो आरक्षण की स्थिति

बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि रिपोर्ट में यह साफ दिखना चाहिए कि अब तक किस वर्ग को कितनी पदोन्नति मिली और कितना शेष है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेशों के अनुरूप की जा रही है। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जब तक विभागवार ऑडिट रिपोर्ट नहीं आती, तब तक विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की अनुमति नहीं दी जा सकती।

MP Promotion Rules 2025: एमपी में प्रमोशन की डेडलाइन तय, 31 जुलाई तक करना होगा

नए पदोन्नति नियमों के अनुरूप तैयारी

17 जून 2025 को जारी नए पदोन्नति नियमों और प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विभाग को अपनी रिपोर्ट तैयार करनी है। मुख्य सचिव ने कहा कि हर विभाग को अपनी संख्यात्मक स्थिति स्पष्ट करनी होगी, ताकि पता चले कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों का प्रतिनिधित्व किस स्तर पर है।

अभी तक 30 विभाग की रिपोर्ट बनी

प्रदेश के 55 विभागों में से अब तक 30 विभागों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। बाकी विभागों की रिपोर्ट प्रक्रिया में है। सरकार चाहती है कि तय समयसीमा में सभी विभाग रिपोर्ट सौंपें ताकि हाईकोर्ट में ठोस स्थिति प्रस्तुत की जा सके। इससे लंबे समय से रुकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

MP employee promotion 2025: मध्यप्रदेश में लाखों कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया में आई तेजी, सीएस ने ली अहम बैठक

सामान्य प्रशासन विभाग का निर्देश

पदोन्नति के नए नियम जारी होने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से जल्दी से जल्दी पदोन्नति सूची तैयार करने और उसे जारी करने का निर्देश दिया था। लेकिन इस बीच हाईकोर्ट ने पदोन्नति पर रोक लगा दी। कई विभागों ने सूची तैयार कर रखी है, जबकि कुछ विभागों ने इसे शुरू नहीं किया।

दस दिन में तैयार करना होगा रिपोर्ट

अब मुख्य सचिव जैन और जीएडी के अधिकारी अगले दस दिन में सभी विभागों से ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त करेंगे और पदोन्नति सूची को सीलबंद लिफाफे में तैयार करने के लिए निर्देश देंगे। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि हाईकोर्ट का अंतिम आदेश आने के बाद तुरंत पदोन्नति सूची जारी की जा सके। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट तैयार की जा सकती है, लेकिन आदेश बिना समीक्षा जारी नहीं होंगे।

कब से नहीं हुई मप्र में पदोन्नति

  • मध्यप्रदेश में पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक 2016 से लागू है। 30 अप्रैल 2016 को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 की वह कंडिका समाप्त कर दी, जिसमें पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान था।
  • इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, जहां से यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश मिले। इसके बाद सरकार ने नई पदोन्नति नीति बनाई।
  • नई नीति लागू करने के दौरान भी याचिकाएं दाखिल की गईं, जिससे हाईकोर्ट ने पदोन्नति पर रोक जारी कर दी। इस दौरान सरकार ने अदालत में मौखिक रूप से यह अंडर टेकिंग दी कि नई नीति के तहत फिलहाल कोई पदोन्नति नहीं की जाएगी।

सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व की कवायद

मध्यप्रदेश सरकार अब तेजी से पांच लाख कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया को नियमित करने के प्रयास में है। विभागवार ऑडिट रिपोर्ट तैयार होने के बाद एक संयुक्त रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाएगी। इसके आधार पर ही पदोन्नति सूची तैयार होगी। नए पदोन्नति नियमों के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों का उचित प्रतिनिधित्व हो।

सोशल मीडिया पर बैतूल अपडेट की खबरें पाने के लिए फॉलो करें-

देश-दुनिया की ताजा खबरें (Hindi News Madhyapradesh) अब हिंदी में पढ़ें| Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से| आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com

Leave a Comment