MP News: मध्यप्रदेश सरकार ने अपने महत्वपूर्ण सरकारी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए डिजास्टर रिकवरी (DR) सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (MPSEDC) ने रेलटेल कंपनी को ₹37.18 करोड़ का वर्क ऑर्डर दिया है। यह वर्क ऑर्डर 28 फरवरी 2025 को जारी किया गया और इस प्रोजेक्ट को 27 जून 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या है डिजास्टर रिकवरी सेंटर?
डिजास्टर रिकवरी सेंटर एक ऐसा डेटा सेंटर होता है जो आपातकालीन परिस्थितियों जैसे साइबर अटैक, प्राकृतिक आपदा (भूकंप, बाढ़, तूफान) या आतंकवादी हमले के समय सरकारी डेटा का पूरा बैकअप सुरक्षित रखता है। यदि कभी सरकारी कंप्यूटर सिस्टम में हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर खराब हो जाता है या डेटा पर साइबर अटैक हो जाता है, तो इस सेंटर से पूरा डेटा सुरक्षित वापस लाया जा सकता है।
सरकारी रिकॉर्ड रहेंगे पूरी तरह सुरक्षित
इस सेंटर के बनने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सर्विस बुक से लेकर किसानों के रिकॉर्ड (किसान की किताब) और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। किसी भी प्रकार की आपदा या नुकसान के बावजूद सरकारी कामकाज में कोई रुकावट नहीं आएगी और डेटा सुरक्षित रहेगा।
क्यों जरूरी है डिजास्टर रिकवरी सेंटर?
आज के डिजिटल युग में सरकारी कामकाज का अधिकतर हिस्सा कंप्यूटर पर होता है। ऐसे में साइबर हमले, कंप्यूटर सिस्टम के फेल होने या किसी प्राकृतिक आपदा के समय डेटा का नुकसान हो सकता है। डिजास्टर रिकवरी सेंटर के बनने से मध्य प्रदेश सरकार के सभी महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जैसे सरकारी कर्मचारी के सर्विस बुक, किसानों के दस्तावेज और अन्य सरकारी फाइलें हमेशा सुरक्षित रहेंगी।
2029 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
रेलटेल के अनुसार, इस डिजास्टर रिकवरी सेंटर का काम 27 जून 2029 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद किसी भी आपदा के समय सरकार के कंप्यूटर सिस्टम से डेटा गायब होने या नुकसान होने का कोई डर नहीं रहेगा।अब मध्य प्रदेश के सरकारी रिकॉर्ड पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे, चाहे कोई भी आपदा या हमला क्यों ना हो। सरकार का यह कदम डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा और मजबूत कदम माना जा रहा है।