Labour Salary: हरियाणा में विभिन्न कर्मचारी और श्रमिक संगठनों ने सरकार पर न्यूनतम वेतन बढ़ाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसी के चलते सरकार ने न्यूनतम वेतन वृद्धि बोर्ड की बैठक बुलाई है।
न्यूनतम वेतन बढ़ाने की प्रक्रिया
हरियाणा में न्यूनतम वेतन दरें श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Worker Consumer Price Index) के आधार पर तय होती हैं। यह प्रक्रिया साल में दो बार होती है, जिससे मजदूरों को महंगाई के हिसाब से सही वेतन मिल सके।
मौजूदा वेतन ढांचा
हरियाणा में मजदूरों को उनकी कौशल क्षमता के अनुसार अलग-अलग न्यूनतम वेतन मिलता है। इसमें कुशल (Skilled), अर्ध-कुशल (Semi-Skilled) और अत्यधिक कुशल (Highly Skilled) श्रमिकों की श्रेणियां शामिल हैं।
₹25,000 न्यूनतम वेतन की मांग
भारतीय मजदूर संघ (BMS) सहित कई अन्य श्रमिक संगठनों ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन ₹25,000 प्रति माह करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि मजदूरों का जीवन स्तर सुधारने के लिए वेतन में जरूरी बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
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CITU और अन्य संगठनों की भूमिका
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU) और अन्य श्रमिक संगठन न्यूनतम वेतन वृद्धि के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं। वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि मजदूरों की असल ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए वेतन ढांचे में सुधार किया जाए।