e-Zero FIR: आए दिन लोग साइबर ठगी का शिकार होते रहते हैं। शातिर ठग नए-नए तरीके से लोगों को अपने शिकंजे में कसते रहते हैं। उनके झांसे में आकर लोग अपनी जीवन भर की कमाई चंद पलों में गवां देते हैं। अधिकांश मामलों में यह राशि वापस ही नहीं मिल पाती है। इससे लोगों के पास सिवाय पछताने के और कुछ नहीं रह जाता है।
हालांकि केंद्र सरकार द्वारा साइबर ठगी जैसे मामलों में लोगों को जागरूक करने के साथ ही ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में अब केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। इससे साइबर ठगी जैसे मामलों में गंवाई गई राशि वापस मिलना और भी आसान हो सकेगा।
क्या है सरकार की यह बड़ी पहल (e-Zero FIR)
यह बड़ा कदम या पहल गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा अभूतपूर्व गति से अपराधियों को पकड़ने के लिए नई e-Zero FIR शुरू किया जाना है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने ‘X’ पोस्ट में इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया यह नया सिस्टम, NCRP या 1930 पर दर्ज साइबर वित्तीय अपराधों को स्वतः FIR में परिवर्तित करेगा।
शुरू में यह ₹10 लाख से ऊपर की सीमा के लिए होगा। नया सिस्टम जांच में तेजी लाएगा, जिससे साइबर अपराधियों पर सख्ती हो सकेगी, जल्द ही इसका विस्तार पूरे देश में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर रही है।
The MHA's Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) introduced the new e-Zero FIR initiative to nab any criminal with unprecedented speed. Launched as a pilot project for Delhi, the new system will automatically convert cyber financial crimes filed at NCRP or 1930 to FIRs,…
— Amit Shah (@AmitShah) May 19, 2025
अमित शाह ने दिए थे यह निर्देश (e-Zero FIR)
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की हाल की समीक्षा बैठक में साइबर वित्तीय अपराधों के पीड़ितों को गँवाए हुए धन को वापस हासिल करने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए इस पहल को लागू करने के निर्देश दिए थे।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 ने साइबर वित्तीय अपराधों से संबंधित शिकायतों की आसान रिपोर्टिंग और त्वरित कार्रवाई को सक्षम बनाया है। शुरू की गई नई प्रक्रिया में I4C के NCRP सिस्टम, दिल्ली पुलिस के e-FIR सिस्टम और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) का एकीकरण शामिल है।
इस तरह से काम करेगा नया सिस्टम (e-Zero FIR)
- अब NCRP और 1930 पर ₹10 लाख से अधिक की वित्तीय हानि से संबंधित शिकायतें स्वचालित रूप से दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो FIR के रूप में दर्ज होंगी। इसे तुरंत संबंधित क्षेत्रीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों को भेजा जाएगा।
- शिकायतकर्ता 3 दिनों के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो FIR को नियमित FIR में परिवर्तित कर सकते हैं।

दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू (e-Zero FIR)
दिल्ली पुलिस और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), गृह मंत्रालय ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 (1) और 1(ii) के नए प्रावधानों के अनुसार मामलों के पंजीकरण के लिए एक प्रक्रिया स्थापित करने के लिए मिलकर काम किया है। प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र (Territorial Jurisdiction) पर ध्यान दिए बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से FIR जारी करने की प्रक्रिया (e-Zero FIR) शुरू में दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगी।
बाद में इसे अन्य राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। दिल्ली के e-Crime पुलिस स्टेशन को NCRP पर दर्ज विशिष्ट प्रकृति की साइबर अपराध शिकायतों के लिए e-FIR दर्ज करने और उन्हें क्षेत्रीय पुलिस स्टेशनों में स्थानांतरित करने के लिए अधिसूचित किया गया है।

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इस पहल से होंगे यह प्रमुख लाभ (e-Zero FIR)
यह पहल NCRP/1930 शिकायतों को FIR में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में सुधार करेगी, जिससे पीड़ितों के गँवाए हुए धन की आसान वसूली होगी और साइबर अपराधियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को सुगम बनाया जाएगा। इसमें हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों का लाभ उठाया गया है।
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