Bhopal Eastern Bypass Road Collapse: भोपाल पूर्वी बॉयपास के निर्माण में मिली खामियां, अब कमेटी करेगी जांच, तय होगी जवाबदेही

Bhopal Eastern Bypass Road Collapse: भोपाल पूर्वी बॉयपास के सूखी सेवनिया रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के पास 13 अक्टूबर को सड़क धंसने की घटना हुई थी। इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन सड़क का यह हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

इस घटना के बाद मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को बैरिकेड कर यातायात को दूसरी लेन से डायवर्ट किया, ताकि वाहन चालकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और सड़क पर यातायात सुचारू रूप से चलता रहे।

10 दिनों में पूरा होगा मरम्मत का कार्य

एमपीआरडीसी ने क्षतिग्रस्त सड़क के मरम्मत कार्य को तुरंत शुरू कर दिया है। निगम ने बताया कि मरम्मत कार्य दस दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण कार्य में प्रयुक्त मिट्टी के सैंपल केंद्रीय प्रयोगशाला लोक निर्माण विभाग में परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। परीक्षण के परिणामों और जांच रिपोर्ट के आधार पर निर्माण में लापरवाही के लिए जिम्मेदार निवेशकर्ता, कंसल्टेंट और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

Bhopal Eastern Bypass Road Collapse: भोपाल पूर्वी बॉयपास के निर्माण में मिली खामियां, अब कमेटी करेगी जांच, तय होगी जवाबदेही

तीन वरिष्ठ अधिकारियों की बनी समिति

सड़क धंसने की घटना की विस्तृत जांच के लिए एमपीआरडीसी ने तीन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की है। समिति को निर्देश दिया गया है कि वे 7 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। समिति सड़क निर्माण, मिट्टी की गुणवत्ता, जल निकासी और अन्य तकनीकी पहलुओं का विश्लेषण करेगी।

ट्रांसट्रॉय कंपनी ने किया था निर्माण

भोपाल पूर्वी बॉयपास चार लेन मार्ग का निर्माण बीओटी (टोल) योजना के अंतर्गत मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा किया गया था। यह परियोजना 18 नवंबर 2010 को हुए कंसेशन अनुबंध के तहत वर्ष 2012-13 में पूरी की गई थी। अनुबंध की अवधि 15 वर्ष निर्धारित थी, लेकिन वर्ष 2020 में निवेशकर्ता द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन न करने पर अनुबंध निरस्त कर दिया गया। कंपनी को 3 वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया।

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प्रारंभिक निरीक्षण में लापरवाही का खुलासा

प्रारंभिक निरीक्षण में तकनीकी अधिकारियों ने पाया कि आरई वॉल का निर्माण निवेशकर्ता द्वारा तय तकनीकी मानकों के अनुरूप नहीं किया गया था। इम्बैंकमेंट में प्रयुक्त मिट्टी की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी और आवश्यक स्टोन पिचिंग का कार्य नहीं किया गया। वर्षा ऋतु में पानी का रिसाव होने से मिट्टी कमजोर हो गई, जिसके कारण सड़क धंस गई। इसके अलावा, किसानों द्वारा दीवार के समीप मिट्टी की खुदाई से जल निकासी में बाधा उत्पन्न हुई और इम्बैंकमेंट में पानी भर गया।

प्रबंधक और जीएम ने किया था निरीक्षण

एमपीआरडीसी ने बताया कि पिछले छह महीनों में इस मार्ग का निरीक्षण संभागीय प्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक, भोपाल संभाग द्वारा किया गया था। वर्ष 2023 में रोड असेट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सभी बड़े पुलों का सर्वेक्षण भी किया गया। निगम द्वारा इस मार्ग की सतत निगरानी की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य नियमित रूप से किया जाता है।

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