Seoni Loot Case FIR: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी लूटकांड पर सख्त कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में सिवनी की एसडीओपी पूजा पांडे सहित कुल 11 पुलिसकर्मियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। इनमें से पांच आरोपी पुलिसकर्मी फिलहाल हिरासत में लिए जा चुके हैं।
एफआईआर में शामिल पुलिसकर्मियों में एसडीओपी सिवनी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, कॉन्स्टेबल योगेंद्र, नीरज और जगदीश के नाम प्रमुख रूप से दर्ज किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों पर सरकार किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगी, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।
नहीं बख्शे जाएंगे अधिकारी-कर्मचारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य में शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस विभाग की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा के लिए सरकार किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अपने पद की गरिमा से हटकर कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य नागरिकों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना और अपराध मुक्त समाज की स्थापना करना है।

कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी
डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि सिवनी घटना में जिन भी पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाई गई है, उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून सबके लिए समान है और इसका उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में छूट नहीं मिलेगी। सरकार सुशासन की दिशा में लगातार कार्य कर रही है और इस मिशन में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा।
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इन धाराओं के तहत किया मामला दर्ज
सिवनी लूटकांड से जुड़े इस मामले में आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं में धारा 310(2) डकैती, 126(2) गलत तरीके से रोकना, 140(3) अपहरण और 61(2) आपराधिक षड्यंत्र शामिल हैं। पुलिस विभाग ने इन धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया है।

अन्य आरोपियों में यह शामिल
इस मामले में जिन अन्य पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें प्रधान आरक्षक माखन, प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला, प्रधान आरक्षक रविंद्र उईके, आरक्षक रितेश वर्मा, एसएएफ आरक्षक केदार और एसएएफ आरक्षक सुभाष सदाफल शामिल हैं। ये सभी फिलहाल जांच के दायरे में हैं और उनके खिलाफ भी आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
क्या था यह पूरा मामला
गौरतलब है कि हाल ही में एसडीओपी और टीआई सहित 11 पुलिसकर्मियों पर हवाला के 3 करोड़ रुपये लूटने का आरोप लगा था। यह मामला सामने आने पर इन सभी को निलंबित कर जांच शुरू की गई थी। अब सीएम के सख्त रूख के बाद इन पर एफआईआर दर्ज की गई है।
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