Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri: बैतूल। गुप्त नवरात्रि का पावन अवसर साधना और साधकों के लिए परम विशेष होता है। दस महाविद्याओं में अष्टम महाविद्या मां बगलामुखी की उपासना को इस काल में विशेष फलदायी माना जाता है। मां बगलामुखी को स्तम्भन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी, पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। पीले वस्त्र, पीले फूल, पीले अनाज और पीली आभा से युक्त मां की साधना गुप्त नवरात्रि में साधकों को अद्वितीय दिव्य अनुभूति कराती है।
बैतूल जिले के प्रसिद्ध मां बगलामुखी सिद्धपीठ सावंगी (Sawangi Peeth) में इस बार गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri Sadhna) के अवसर पर भव्य साधना पर्व मनाया जा रहा है। यहां दूर-दराज से भक्त, श्रद्धालु और साधक मां की मंत्र दीक्षा (Baglamukhi Diksha) प्राप्त करने हेतु पहुंच रहे हैं। मां बगलामुखी सिद्ध (MP Temples) साधक पूज्य आचार्य रविन्द्र मानकर जी के सानिध्य में मंत्र दीक्षा (Mantra Initiation), साधना, पूजा-विधि और कुंडली समाधान प्राप्त कर भक्त माँ के चरणों में समर्पित हो रहे हैं।
मां की कृपा से जीवन में चमत्कार (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
महाराष्ट्र के धुले जिले से आए डॉ. संदीप प्रहलाद वाडीले ने मां बगलामुखी की कृपा से अपने जीवन में प्राप्त हुए चमत्कारों को साझा करते हुए बताया कि सच्चे गुरु की प्राप्ति बहुत दुर्लभ है, लेकिन माँ पीताम्बरा की आराधना ने उन्हें परमज्ञानी गुरु रविन्द्र मानकर से मिला दिया। उन्होंने मां के चरणों में दीक्षा लेकर अपने जीवन को नया अध्याय दिया।

250 किमी. की दूरी तय कर पहुंची (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
महाराष्ट्र के वाशिम जिले के मंगरुळपीर गांव से माधुरी गुंजकर अपनी माता के साथ 250 किलोमीटर की दूरी तय कर सावंगी मां बगलामुखी (Baglamukhi Temple Sawangi) के दर्शन करने पहुँचीं। अपनी कठिनाइयों से जूझ रही माधुरी ने बताया कि जब वह जीवन के अंधेरे में डूबी थी, तब उन्हें यूट्यूब पर मां बगलामुखी मंदिर सावंगी के दर्शन हुए। वहीं से प्रेरणा लेकर वे यहां पहुंची और पूज्य गुरुदेव से मंत्र दीक्षा प्राप्त की। पूजा विधि, कुंडली समाधान और मां की कृपा से उन्होंने अपने जीवन में अद्भुत परिवर्तन अनुभव किया।
ज्ञान, शांति और शक्ति का संगम (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
पांढुरना जिले से मिथिलेश गाडवे अपने पूरे परिवार के साथ मां बगलामुखी सिद्धपीठ सावंगी पहुंचे और गुरुदेव आचार्य रविन्द्र मानकर से मंत्र दीक्षा (Siddhi Sadhna) प्राप्त की। उन्होंने कहा कि ज्ञान, शांति और शक्ति का ऐसा संगम कहीं नहीं देखा। साधक जितना सीखना चाहे, गुरुदेव उतना ही गहराई से मार्गदर्शन करते हैं।

गुप्त नवरात्रि में प्राप्त की दीक्षा (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
बैतूलबाजार से अभिजीत वर्मा ने कहा कि वे महीनों से सोशल मीडिया पर मां बगलामुखी दरबार के वीडियो देख रहे थे और इस बार गुप्त नवरात्रि में मां की कृपा से उन्हें भी दीक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। उन्होंने बताया कि उनके बड़े भाई प्रशांत वर्मा को भी पूर्व में यही दीक्षा प्राप्त हो चुकी है, जिससे प्रेरित होकर वे मां की शरण में आए।
मां बगलामुखी की कैसी है साधना (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
पूज्य आचार्य रविन्द्र मानकर ने बताया कि मां बगलामुखी की साधना अत्यंत गूढ़, गंभीर एवं रहस्यमयी होती है, इसलिए इसे गुरू के मार्गदर्शन में ही करना उचित होता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्र दीक्षा (Tantra Practice) में अधिक खर्च नहीं आता, बल्कि आस्था, श्रद्धा और संयम आवश्यक होता है। मां की कृपा से अब तक सैकड़ों साधक दीक्षित हो चुके हैं, जिनके जीवन में अद्भुत परिवर्तन हुए हैं।
सावंगी पीठ ने राह कर दी आसान (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
उन्होंने यह भी कहा कि मां बगलामुखी देवी का यह धाम साधकों को नलखेड़ा, दतिया जैसे बड़े पीठों की यात्राओं से मुक्त करता है, क्योंकि अब मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में ही मां की उपस्थिति, शक्तिपीठ के रूप में सावंगी में स्थापित हो चुकी है। यह पीठ श्रद्धा, साधना और सिद्धि का अनोखा संगम बन चुका है।
साधकों को मिल रहे चमत्कारी परिणाम (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
गुप्त नवरात्रि के इस आध्यात्मिक पर्व (Spiritual Transformation) में मां बगलामुखी का स्मरण, पूजन और मंत्र दीक्षा, साधकों के जीवन में नई आशा, नया मार्ग और चमत्कारी परिणाम लेकर आ रही है। मां बगलामुखी की कृपा सब पर बनी रहे। (Baglamukhi Diksha Sawangi Gupt Navratri)
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