⇓ लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल)
अयोध्या का दीपोत्सव : इस बार का दीपोत्सव अयोध्या में ऐतिहासिक और यादगार होगा। भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अयोध्या लाखों दीपों से रोशन होगी। सरयू नदी के किनारे 25 से 28 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। वहीं एक रिकॉर्ड सीएम योगी आदित्यनाथ बनाएंगे।
हिंदू धर्म में दीपावली पर्व का अत्यधिक महत्व होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान राम वनवास पूरा करके और लंकापति रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे तो उनके आगमन की खुशी दिवाली के रूप में मनाई गई थी। इस अवसर पर पूरे अयोध्या नगर में दीपक जलाए गए थे और रोशनी से पूरी राम नगरी जगमगा उठी थी। इसी दिन को हर साल दिवाली के रूप में मनाया जाता है जिसकी तैयारियां राम जन्मभूमि अयोध्या में धूमधाम से हो रही हैं।
श्रीराम मंदिर में पहली दीपावली
इस साल अयोध्या के श्रीराम मंदिर में पहली दीपावली मनाई जाएगी और इस मौके पर लगभग 28 लाख दीये जलाए जाएंगे, जो पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी। दीयों से सजी सरयू नदी का किनारा और मंदिर परिसर रात भर एक अद्भुत दृश्य पेश करेंगे जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीयों का यह आयोजन सिर्फ भौतिक रोशनी ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक गौरव का संदेश भी पेश करती है।
अयोध्या का यह आठवां दीपोत्सव
भारत में दीवाली का पर्व हर जगह बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है लेकिन अयोध्या की दिवाली की बात ही कुछ और है। राम नगरी में आठवें दीपोत्सव तैयारियां अंतिम चरण में है। अयोध्या का दीपोत्सव न केवल दीवाली का मुख्य आकर्षण है बल्कि यह देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन में से एक बन चुका है।
मनता है सरयू नदी के किनारे पर
यह उत्सव हर साल दिवाली के अवसर पर सरयू नदी के किनारे मनाया जाता है। इससे पहले ही रामनगरी भव्य और दिव्या दिखने लगी है। राम की पैड़ी, धर्म पथ, राम पथ, जन्मभूमि पथ रंग बिरंगी रोशनियों से जगमग हो उठा है। सरयू पुल से लेकर लता मंगेशकर चौक होते हुए धर्म पथ पूरी तरह रंग-बिरंगे प्रकाश से नहा उठा है।
विहिप प्रवक्ता ने की स्थिति स्पष्ट
अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने की वजह से लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि आखिर दीवाली कब मनाई जाए। ऐसे में विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य द्वारा दिवाली की तारीख की पुष्टि कर दी गई है।
दीवाली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को?
इस कन्फ्यूजन को दूर करते हुए विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया की दीवाली की तारीख वास्तव में 31 अक्टूबर है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अमावस्या, कृष्ण पक्ष की 14वीं तिथि के साथ पड़ रही है।
अत: दीवाली 31 अक्टूबर की रात्रि को मनाई जाएगी, क्योंकि अमावस्या उसी दिन दोपहर से शुरू हो रही है। इसके साथ ही अयोध्या में दीवाली के एक दिन पूर्व मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व दीपोत्सव का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
अयोध्या मंदिर ट्रस्ट ने क्या कहा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य अनिल मिश्रा ने भी दीवाली त्योहार की तारीख की पुष्टि करते हुए बताया कि 31 अक्टूबर के दिन ही दीवाली पर्व मनाया जाएगा। दीवाली पांच दिवसीय त्योहार है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भैया दूज पर समाप्त होती है।
धनतेरस त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है, जिसके अगले दिन चतुर्दशी तिथि पर छोटी दीवाली मनाई जाती है। दीवाली रौशनी व खुशियों का त्योहार है। यह त्योहार भगवान राम के 14 साल के वनवास के समाप्त होने व अयोध्या वापस लौटने की खुशी का प्रतीक है।
1100 अर्चक करेंगे मां सरयू की आरती
दीपोत्सव की पूर्व संध्या यानी छोटी दीवाली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ, 11 सौ अर्चकों द्वारा एक साथ माँ सरयू की आरती उतारने का भी रिकॉर्ड बनेगा। 11 सौ अर्चकों में विभिन्न वर्गों के लोगों को शामिल किया जा रहा है। सभी अर्चक एक ड्रेस में नजर आएंगे। महिलाएं पीली साड़ी में और पुरुष कुर्ता पैजामा अथवा कुर्ता धोती में नजर आएंगे। इस प्रकार पहली बार दीपोत्सव पर भव्य आरती का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
फूलों से सज रहा श्रीराम मन्दिर
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया जा रहा है। बिहार कैडर से वॉलियंटरी रिटायरमेंट लेने वाले आईजी आशु शुक्ला को रामलला मंदिर के हर कोने को अच्छे से रोशन करने, सभी प्रवेश द्वारों को तोरण से सजाने, साफ-सफाई और सजावट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे श्रद्धालु मनोहारी फूलों और दीपों से सजे मंदिर का दिव्य दर्शन कर सकेंगे।
पर्यावरण का भी रखा जा रहा ध्यान
श्री राम मंदिर के लिए खास तरह के दीपकों की व्यवस्था की गई है। इस दीपोत्सव पर पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है। मंदिर भवन के ढांचे को धुएं की कालिख से बचाने के लिए परिसर में विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे।
इन खास दीपकों से पर्यावरण और मंदिर दोनों को सुरक्षित रखने की कोशिश की गई है। मंदिर ट्रस्ट का प्रयास है कि इस दीपावली में अयोध्या न केवल धर्म और आस्था का केंद्र बने बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे।
सीएम योग 20 घंटे रहेंगे रामनगरी में
भव्य मंदिर में रामलाल की प्रतिष्ठा का पहले दीपोत्सव इस बार बेहद खास होने वाला है। 30 अक्टूबर को सीएम योगी दोपहर 2.20 बजे राम कथा पार्क पहुंचेंगे। यहां प्रदर्शनी व शोभायात्रा में शामिल होकर, रामलीला एवं विभिन्न अन्य कार्यक्रमों के साक्षी बनेंगे।
सायंकाल में होने वाले दीपोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होकर अगले दिन 31 अक्टूबर को रामलला व हनुमानगड़ी के दर्शन पूजन के पश्चात कारसेवक पुरम में साधु-संतों से संवाद कर 10.20 पर गोरखपुर के लिए रवाना होंगे।
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