hallmarking : धनतेरस पर खरीदने वाले हैं सोना-चांदी तो पहले पढ़ें यह खबर

hallmarking : धनतेरस पर खरीदने वाले हैं सोना-चांदी तो पहले पढ़ें यह खबर

hallmarking : धनतेरस त्योहार को देखते हुए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने उपभोक्ताओं से सोने और चांदी की खरीदारी के लिए अधिक विचारशील दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया है। इसमें हॉलमार्क का स्थायी विश्वास मददगार होगा।

परंपरागत तौर पर धनतेरस वह पावन मौका है जब लोग सोने में निवेश करते हैं। यह सौभाग्य, धन और भविष्य की सुरक्षा का प्रतीक है। बीआईएस धनतेरस के मौके पर खरीदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, वह उपभोक्ताओं को हॉलमार्क वाले सोने और चांदी के आभूषणों के महत्व को बढ़ावा देकर समझदारी के साथ खरीदारी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

हॉलमार्किंग में यह 3 चिन्ह शामिल

सोने के आभूषणों में हॉलमार्किंग में 3 चिह्न शामिल हैं; अर्थात् बीआईएस मानक चिह्न, कैरेट और उत्कृष्टता में सोने की शुद्धता; और 6-अंकीय अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी कोड। एचयूआईडी- हॉलमार्किंग यूनिक आईडी एक अद्वितीय 6-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड है जो सोने के प्रत्येक आभूषण पर चिह्नित होता है।

बीआईएस केयर ऐप से खरीदी विश्वसनीय

बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा, हम बीआईएस एचयूआईडी आधारित हॉलमार्क के साथ धनतेरस के दौरान और उसके बाद उपभोक्ताओं के सोने के निवेश की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीआईएस हॉलमार्क और उपयोग में आसान बीआईएस केयर ऐप के साथ उपभोक्ताओं को उनकी आभूषण खरीद की प्रामाणिकता का आश्वासन दिया जा सकता है।

इतने शुल्क में किया जा सकता परीक्षण

उपभोक्ताओं को अब बीआईएस केयर ऐप पर ‘सत्यापित एचयूआईडी’ आइकन का उपयोग करके हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों पर एचयूआईडी की प्रामाणिकता को सत्यापित करने का भी अधिकार दिया गया है।

स्वर्ण आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग शुल्क 45 रुपये प्रति आभूषण है, जिसमें कर शामिल नहीं है। उपभोक्ता 200 रुपये के परीक्षण शुल्क का भुगतान करके किसी भी बीआईएस मान्यता प्राप्त परख और हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) में अपने हॉलमार्क वाले आभूषणों का परीक्षण करवा सकते हैं।

आनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण

हॉलमार्किंग सोने-चांदी के आभूषण में सोने-चांदी की आनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण और आधिकारिक रिकॉर्डिंग है। हॉलमार्किंग उपभोक्ताओं को तीसरे पक्ष का आश्वासन और संतुष्टि प्रदान करती है कि उन्हें सोने (या चांदी) की सही शुद्धता मिलती है।

बीआईएस की हॉलमार्किंग योजना के तहत, हॉलमार्क वाले आभूषणों की बिक्री के लिए जौहरियों को पंजीकरण प्रदान किया जाता है और परीक्षण के दौरान पाई गई शुद्धता के आधार पर हॉलमार्किंग आभूषणों के लिए परख और हॉलमार्किंग केंद्रों को मान्यता दी जाती है।

देश भर में इतने जौहरियों को किया पंजीकृत

बीआईएस पहले चरण में 23 जून 2021 से देश के 256 जिलों में सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग को लागू करने में सफल रहा है, जिसमें दूसरे चरण में 32 और जिले तथा तीसरे चरण में 55 जिले शामिल हैं।

अनिवार्य हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के बाद से, पंजीकृत जौहरियों की संख्या 43,153 से बढ़कर 1, 93,567 हो गई है, जबकि एएचसी 948 से बढ़कर 1,611 हो गई है। इसके साथ ही, 40 करोड़ से अधिक सोने के आभूषणों को एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क किया गया है।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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