Vastu Shastra: ऐसे तय करे नवविवाहितों के कमरे की दिशा मिलेगा भरपूर फायदा समझे वास्तु शास्त्र के अनुसार नियम वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा में एक महत्वपूर्ण विज्ञान है, जो घर की संरचना, दिशा और ऊर्जा संतुलन को ध्यान में रखते हुए जीवन को सुखद और समृद्ध बनाने में मदद करता है। विवाह एक पवित्र संस्कार है और नवविवाहित जोड़ों के लिए वैवाहिक जीवन की शुरुआत में वास्तु नियमों का पालन करना बेहद लाभकारी हो सकता है।

नवविवाहितों के कमरे की दिशा का महत्त्व Vastu Shastra
वास्तु शास्त्र के अनुसार हर दिशा की अपनी ऊर्जा होती है, जो जीवन के अलग-अलग पहलुओं को प्रभावित करती है। नवविवाहित जोड़ों के लिए सही दिशा में कमरा होना वैवाहिक संबंधों को मधुर, प्रेमपूर्ण और संतुलित बनाए रखने में सहायक होता है।
उत्तर-पश्चिम दिशा को माना जाता है सबसे शुभ Vastu Shastra
वास्तु शास्त्र के अनुसार नवविवाहित जोड़े के लिए घर की उत्तर-पश्चिम दिशा (North-West) सबसे उत्तम मानी जाती है। यह दिशा चंद्रमा से संबंधित होती है, जो भावना, प्रेम और संवेदनशीलता का प्रतीक है। इस दिशा में स्थित कमरा दांपत्य जीवन में परस्पर विश्वास, समझदारी और रोमांस को बढ़ावा देता है।
यदि उत्तर-पश्चिम दिशा में कमरा उपलब्ध न हो, तो उत्तर दिशा को दूसरा उत्तम विकल्प माना गया है। उत्तर दिशा शांति, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जो वैवाहिक जीवन को संतुलित बनाए रखने में मदद करती है।
कमरे की सजावट करते समय इन बातों का रखें ध्यान Vastu Shastra
कमरे की दिशा के साथ-साथ उसका इंटीरियर और सजावट भी वास्तु के अनुसार होनी चाहिए।
- पलंग (Bed) को कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में न रखें। यह दिशा मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं ला सकती है।
- पलंग को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें, ताकि सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रहे। यह ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करता है और शांति प्रदान करता है।
- दीवारों का रंग हल्का गुलाबी, क्रीम या आड़ू (peach) रंग होना शुभ माना गया है, क्योंकि यह रंग प्रेम और सुकून का प्रतीक होते हैं।
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इन चीज़ों से करें परहेज़ Vastu Shastra
कुछ वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं, इसलिए उन्हें नवविवाहित जोड़ों के कमरे में नहीं रखना चाहिए:
- टूटी-फूटी या खटारा फर्नीचर कमरे में न रखें। यह रिश्तों में अस्थिरता और कलह का कारण बन सकता है।
- कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस कमरे में न रखें, क्योंकि ये तनाव और वाद-विवाद को बढ़ावा देते हैं।
- उदासी भरे चित्र जैसे रोते हुए बच्चे, अकेला पेड़ या डूबता सूरज का चित्र दीवारों पर न लगाएं।
- दर्पण (Mirror) को इस तरह न लगाएं कि उसमें पलंग की सीधी परछाई दिखे। यह संबंधों में तनाव और भ्रम का कारण बन सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर नवविवाहित जोड़े अपने कमरे की दिशा और सजावट को सही ढंग से चुनते हैं, तो उनका वैवाहिक जीवन प्रेम, सौहार्द और खुशियों से भरा रह सकता है। वास्तु एक प्राचीन विज्ञान है जो मानसिक और भावनात्मक ऊर्जा को संतुलित करके जीवन में स्थिरता लाता है। Vastu Shastra

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिषीय तथ्यों और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है। बैतूल अपडेट इसकी पुष्टि या प्रमाणीकरण नहीं करता है। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। Vastu Shastra
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