किसान भाइयों, यदि आपने गेहूं की फसल की बुवाई कर ली है और पहली सिंचाई कर चुके हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप गेहूं का अच्छा उत्पादन चाहते है तो आपको बस यूरिया खाद के साथ में इस चीज का प्रयोग करना है फिर आपको गेहूं के उत्पादन का रिजल्ट बहुत ही शानदार मिलने वाला है। इसके साथ ही गेहूं की फसल को खाद के साथ साथ पानी देना अत्यंत आवश्यक है। विशेषकर, पहली सिंचाई और यूरिया का सही समय पर उपयोग फसल की सेहत और पैदावार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस समय करे सिंचाई
अगर किसान भाई आपका गेहूं निकल आया है तो आपको गेहूं की पहली सिंचाई 21 से 25 दिन बाद करनी चाहिए। इस समय पर की गई सिंचाई से पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और उनकी वृद्धि में तेजी आती है। सिंचाई के दौरान ध्यान रखें कि पानी की मात्रा संतुलित हो; अधिक पानी देने से जलभराव की समस्या हो सकती है, जिससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
यूरिया खाद का उपयोग
पहली सिंचाई के एक या दो दिन बाद प्रति एकड़ 45 से 50 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें। यूरिया में उच्च मात्रा में नाइट्रोजन होती है, जो पौधों की हरी-भरी पत्तियों और मजबूत विकास में सहायक होती है। सही समय पर यूरिया के उपयोग से पौधों में फुटाव बढ़ता है और कल्लों की संख्या में वृद्धि होती है, जिससे उत्पादन में सुधार होता है।
बायोविटा भी है फसल उत्पादन में सहायक
बायोविटा एक जैविक उत्पाद है, जिसमें समुद्री शैवाल के अर्क होते हैं। यह पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने, जड़ों को मजबूत करने और फसल की गुणवत्ता सुधारने में सहायक है। बायोविटा में 60 से अधिक प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले प्रमुख और सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जैसे एंजाइम, प्रोटीन, साइटोकिनिन, एमिनो एसिड, विटामिन, गिब्बेरेलिन, ऑक्सिन, बीटेन आदि।
पहली यूरिया के साथ प्रति एकड़ 5 किलोग्राम बायोविटा मिलाकर उपयोग करने से फसल की वृद्धि में उल्लेखनीय सुधार देखा जा सकता है। यह पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और उत्पादन में वृद्धि करने में भी सहायक है।
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