Nisha Bangare: इस महिला अफसर का खुला ऐलान- मैं लडूंगी विस चुनाव, रोका तो आमरण अनशन कर त्याग दूंगी प्राण

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की आमला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर बीते कुछ महीनों से चर्चा में रही इस्तीफा दे चुकी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अब अपने इरादे पूरी तरह साफ कर दिए हैं। वीडियो जारी कर उन्होंने खुला ऐलान कर दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे चुनाव जरूर लड़ेंगी।

यदि उन्हें किसी भी तरह अपने इस संवैधानिक अधिकार का उपयोग करने से रोका गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। उनके इस ऐलान से अब ना केवल जिले बल्कि प्रदेश के सियासी गलियारे में भी हलचल मच गई है।

छतरपुर जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ निशा बांगरे पिछले कुछ महीनों से लगातार चर्चा में है। अपने मकान के उद्घाटन और सर्व धर्म सम्मेलन में जाने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वहीं इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं होने पर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।

अब उन्होंने अपने इरादे पूरी तरह से साफ कर दिए हैं। गुरुवार को जारी वीडियो संदेश में श्रीमती बांगरे ने साफ कहा है कि मैं आगामी विधानसभा चुनाव नामांकन भी भरूंगी और चुनाव भी लडूंगी। इसके बाद भी यदि द्वेषपूर्ण भावना से मेरा नामांकन खारिज किया जाता है या मेरा इस्तीफा अस्वीकार करके चुनाव लड़ने से रोका जाता है तो मैं अपने अधिकारों से वंचित रहकर जीवित रहने के बजाय आमरण अनशन कर अपने प्राण त्यागना पसंद करूंगी। वीडियो में सुनें उनका संदेश…

उन्होंने अपनी बात रखते हुए बताया कि किस तरीके से उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने तथा भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से शासन के पत्र द्वारा उन्हें रोका गया। जब इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया तो उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है।

श्रीमती बांगरे ने कहा कि इस्तीफा उन्होंने इसलिए दिया था ताकि वह अपने घर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। इसीलिए इस्तीफा देने के बाद ही वह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई थी। इसके बावजूद शासन के द्वारा बैक डेट पर उन्हें नोटिस जारी किए गए। एक महीने तक उनके इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

Nisha Bangre Resigned : डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने दिया इस्तीफा, प्रशासन ने नहीं दी सर्व धर्म सम्मेलन के आयोजन की अनुमति

इसके बाद जब वे न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में गई तो कोर्ट को भी गुमराह करते हुए शासन ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी GAD के सर्कुलर के विपरीत उनके खिलाफ अपने घर के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के कारण विभागीय जांच शुरू कर दी। उसी जांच का हवाला देकर उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया। इस प्रकार उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है।

उन्होंने आज अपने वीडियो संदेश से आमला की जनता को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली हैं।

यह जरूर है कि उनके इस वीडियो संदेश के बाद भाजपा और कांग्रेस के सभी दावेदारों में खलबली मच गई है। वे अब तक यही सोच रहे थे कि इस्तीफा स्वीकार ना कर उन्हें राजनीति में आने से रोका जा सकता है। वहीं उनके खुले तौर पर चुनाव लड़ने के ऐलान से उनकी परेशानी बढ़ गई है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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