Soybean Rates : मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा पहली बार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी की जा रही है। यह बात अलग है कि किसान इस सरकारी खरीदी में कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। स्थिति यह है कि मंडी में समर्थन मूल्य से कम दाम मिल रहे हैं, बावजूद इसके किसान वहीं सोयाबीन बेच रहे हैं।
प्रदेश में 25 अक्टूबर 2024 से समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी की जा रही है। खरीदी के लिए 1400 केंद्र बनाए गए हैं। बैतूल जिले में 15 केंद्र बनाए गए हैं। बैतूल में स्थिति यह है कि अभी तक एक भी किसान ने किसी खरीदी केंद्र पर पहुंच कर समर्थन मूल्य पर सोयाबीन नहीं बेची है।
अभी तक एकमात्र किसान ने स्लॉट भर बुक कराया है। हालांकि वह भी समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की बिक्री करता है या नहीं, यह पक्का नहीं है। जबकि जिले भर में 3184 किसानों ने सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिए पंजीयन कराया है।
मंडी में समर्थन मूल्य से कम दाम
ऐसा भी नहीं है कि मंडी में समर्थन मूल्य से कोई अधिक दाम मिल रहे हो। सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपये तय किया है। जबकि मंडी में इससे काफी दम कीमत मिल रही है। इसके बावजूद किसान सरकारी खरीदी केंद्रों का जरा भी रूख नहीं कर रहे हैं।
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बीते दिनों ऐसी रही दामों की स्थिति
पिछले कुछ दिनों के दाम देखे जाएं सोयाबीन की सरकारी खरीदी शुरू होने के पहले और बाद में भी एमएसपी के मुकाबले मंडी में दाम कम ही बने हैं। सरकारी खरीदी शुरू होने के बावजूद दामों में खास बढ़ोतरी नहीं हुई। तब भी मंडी में सोयाबीन की आवक लगातार बनी हुई है बल्कि सरकारी खरीदी शुरू होने के बाद मंडी में आवक बढ़ गई।
⊗ 21 अक्टूबर 2024 को मंडी में सोयाबीन की आवक 1037 बोरे हुई। उस दिन न्यूनतम दाम 3700 रुपये, उच्चतम दाम 4355 रुपये और प्रचलित दाम 4033 रुपये प्रति क्विंटल थे।
⊗ 22 अक्टूबर 2024 को मंडी में सोयाबीन की आवक 768 बोरे हुई। उस दिन न्यूनतम दाम 3700 रुपये, उच्चतम दाम 4450 रुपये और प्रचलित दाम 4125 रुपये प्रति क्विंटल थे।
⊗ 23 अक्टूबर 2024 को मंडी में सोयाबीन की आवक 1293 बोरे हुई। उस दिन न्यूनतम दाम 3600 रुपये, उच्चतम दाम 4500 रुपये और प्रचलित दाम 4189 रुपये प्रति क्विंटल थे।
⊗ 24 अक्टूबर 2024 को मंडी में सोयाबीन की आवक 774 बोरे हुई। उस दिन न्यूनतम दाम 3400 रुपये, उच्चतम दाम 4502 रुपये और प्रचलित दाम 4200 रुपये प्रति क्विंटल थे।
⊗ 25 अक्टूबर 2024 को मंडी में सोयाबीन की आवक 1174 बोरे हुई। उस दिन न्यूनतम दाम 3750 रुपये, उच्चतम दाम 4476 रुपये और प्रचलित दाम 4250 रुपये प्रति क्विंटल थे।
⊗ 28 अक्टूबर 2024 को मंडी में सोयाबीन की आवक 3510 बोरे हुई। उस दिन न्यूनतम दाम 3000 रुपये, उच्चतम दाम 4390 रुपये और प्रचलित दाम 4133 रुपये प्रति क्विंटल थे।
सरकारी खरीदी से बेरूखी की यह वजह
किसानों द्वारा सरकारी खरीदी केंद्रों पर सोयाबीन नहीं बेचने की कई वजहें बताई जा रही है। उनका कहना है कि सरकार ने सोयाबीन के लिए बेहद सख्त मापदंड तय कर रखे हैं। इनमें 12 प्रतिशत तक ही नमी, दाने टूटे-फूटे न हो, धूल, कचरा, पत्थर, मिट्टी न हो आदि। यह पाए जाने पर रिजेक्ट कर दी जाएगी।
दूसरी ओर जिले में सोयाबीन की कटाई होने तक बारिश होती रही। जिससे एक ओर जहां दानों में नमी है वहीं दाने भी चमकविहीन हो गए हैं। इससे किसानों को डर लग रहा है कि उनका सोयाबीन रिजेक्ट कर दिया जाएगा। ऐसे में वहां तक ले जाने और वापस लाने में बेवजह का खर्च होगा।
इसके अलावा किसानों को नकद राशि चाहिए होती है। वहीं सरकारी खरीदी में उपज की बिक्री के बाद पैसा बाद में मिलता है। इसलिए किसान कम कम दाम मिलने के बावजूद मंडी में व्यापारियों को ही सोयाबीन बेचना बेहतर समझ रहे हैं। अब देखना यह है कि दीपावली के बाद किसानों के रूख में कोई बदलाव आता है या नहीं।
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