RBI New Rule : RBI का बड़ा फैसला! क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन से जुड़े नियमों में किया बदलाव, जानें सभी जरूरी बातें

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RBI New Rule : RBI का बड़ा फैसला! क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन से जुड़े नियमों में किया बदलाव, जानें सभी जरूरी बातें
RBI New Rule : RBI का बड़ा फैसला! क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन से जुड़े नियमों में किया बदलाव, जानें सभी जरूरी बातें

RBI New Rule : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन से जुड़े कुछ नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब ग्राहकों को पर्सनल लोन लेने और क्रेडिट कार्ड बनवाने में समस्‍या आ सकती है। देश के अधिकतर लोग अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन (Personal Loan) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का सहारा लेते हैं। भारतीय बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFCs) क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे अनसिक्‍योर्ड लोन (Unsecured Loan) जारी करते हैं। हालांकि अब क्रेडिट कार्ड बनवाना और पर्सनल लोन लेना मुश्किल हो सकता है। पहले यह आंकड़ा 100 फीसदी था, जिसे एक चौथाई बढ़ाते हुए अब इसे 125 फीसदी कर दिया गया है। आइए जानते है RBI ने किस नियमों (RBI New Rule) को सख्‍त किया है।

जानिए किस नियमों को किया सख्‍त (RBI New Rule)

केंद्रीय बैंक ने इसमें कहा कि अब बैंकों और नॉन बैंकिंग कंपनियों को अनसिक्‍योर्ड लोन पोर्टफोलियो के लिए ज्‍यादा पूंजी अलग रखने की आवश्‍यकता होगी। यह पूंजी पहले से 25 फीसदी ज्‍यादा होगी। जहां पहले 100 फीसदी अलग पूंजी रखी जाती थी, वहीं अब बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को 125 फीसदी कैपिटल अलग रखने की जरूरत होगी। मान लीजिए बैंक ने 5 लाख रुपये का पर्सनल लोन दिया तो उसे पहले 5 लाख रुपये ही अलग रखने पड़ते थे, लेकिन अब बैंक को 25 फीसदी ज्‍यादा 6 लाख 25 हजार रुपये अलग रखना होगा।

पर्सनल लोन से बढ़ सकती है महंगाई (RBI New Rule)

पर्सनल लोन बढ़ने के कारण लोगों की पर्चेजिंग पावर बढ़ रही है। बैंकों के इन लोन के जरिए लोग कुछ न कुछ खरीद रहे हैं। किसी देश की जीडीपी में अगर पैसा अधिक हो जाता है तो डिमांड भी अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में सप्लाई सीमित होने की वजह से चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगती है। यही वजह है कि समय-समय पर महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है, ताकि मार्केट में पैसों के सर्कुलेशन को कंट्रोल किया जा सके। अब अगर लोन में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो जाएगी तो उससे महंगाई के बढ़ने की आशंका भी बनी रहेगी, इसलिए रिजर्व बैंक थोड़ा चिंतित है।

क्‍यों लिया RBI ने ऐसा फैसला? (RBI New Rule)

कुछ समय में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड में तेज ग्रोथ देखी गई है। पिछले साल बैंक लोन ग्रोथ को अनसिक्‍योर्ड लोन ने बड़े मार्जिन से पीछे छोड़ दिया था। खासकर क्रेडिट और पर्सनल लोन में असमान्‍य बढ़ोतरी देखी गई। पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड की संख्‍या में तो इजाफा हुआ है, तो वहीं डिफॉल्‍ट के मामले भी ज्‍यादा आए और समय पर पेमेंट के मामले कम हुए। ऐसे में आरबीआई ने इस तरह के लोन के नियम को सख्‍त किया है।

RBI New Rule- क्‍या होगा असर ग्राहकों पर ?

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के इस लोन नियम से बैंकों और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को ज्‍यादा कैपिटल अलग से रखने होंगे। इसका मतलब है कि बैंकों और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को अनसिक्‍योर्ड लोन के लिए कम पैसे बचेंगे, जिस कारण ग्राहकों को इस तरह के लोन लेने में समस्‍या आ सकती है। साथ ही बैंक और एबीएफसी कुछ क्राइटेरिया भी तय कर सकते हैं।

RBI New Rule- किस तरह के लोन पर नहीं लागू होगा ये नियम

RBI ने स्‍पष्‍ट किया है कि किस तरह के लोन पर यह नियम लागू नहीं किया जाएगा। अमूमन लोन दो तरह के सिक्‍योर्ड और अनसिक्‍योर्ड लोन होते हैं। अनसिक्‍योर्ड लोन में पर्सनल लोन और क्र‍ेडिट कार्ड होते हैं। वहीं सिक्‍योर्ड लोन में होम लोन, कार लोन, कार लोन, गोल्‍ड लोन और प्रॉपर्टी लोन आदि आते हैं। इस तरह के लोन सिक्‍योर्ड इस कारण होते हैं, क्‍योंकि इसके बदले कुछ न कुछ बैंकों के पास रखा होता है। आरबीआई के इस नियम का असर सिक्‍योर्ड लोन पर नहीं होगा।

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